रायपुर

जग्गी हत्याकांड के पांच को तीन सप्ताह की राहत, दो ने किया सरेंडर
15-Apr-2024 6:40 PM
जग्गी हत्याकांड के पांच को तीन सप्ताह की राहत, दो ने किया सरेंडर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 15 अप्रैल। राज्य गठन के बाद जून 2003 में हुए  प्रदेश के पहले बहुचर्चित राजनैतिक रामवतार जग्गी हत्याकांड के पांच दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर पर राहत मिली है। इनमें याहया ढेबर, आरसी त्रिवेदी, एएस गिल, वी के पांडे और सूर्यकांत तिवारी है। इन्हें तीन सप्ताह बाद सरेंडर करना होगा।

वहीं शेष आरोपियों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। शेष आरोपी  अब से कुछ देर पहले न्यायाधीश पंकज सिन्हा की कोर्ट में शूटर चिमन सिंह और विनोद राठौर ने सरेंडर किया। हत्या के 21 साल बाद हाईकोर्ट बिलासपुर ने निचली कोर्ट के आदेश को यथावत रखते हुए सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखा था।इनमें से एक विक्रम शर्मा बुलटू पाठक की मृत्यु हो गई है।

अन्य दोषियों चिमन सिंह ,शिवेंद्र सिंह परिहार, फिरोज सिद्दीकी,विनोद सिंह राठौडऱाकेश कुमार शर्मा उर्फ बब्बू ,संजय सिंह कुशवाहा उर्फ चुन्नू ,रविंद्र सिंह उर्फ रविराजू भदोरिया,नरसी शर्मा सत्येंद्र सिंह,विवेक सिंह भदोरिया,लाला भदोरिया सुनील गुप्ता,अनिल पचौरी हरीश चंद्रा ,सुरेश सिंह ,सूर्यकांत तिवारी , अविनाश उर्फ लल्लन सिंह ,जामबंद उर्फ बबलू, श्याम सुंदर उर्फ आनंद शर्मा ,विनोद सिंह उर्फ बादल,विश्वनाथ राजभर,अशोक सिंह भदोरिया,राकेश चंद्र त्रिवेदी के साथ अमरीक सिंह गिल,वी के पांडे (दोनों पुलिस अधिकारी) शामिल हैं।

ये पेश नहीं होंगे

इस मामले के तीन आरोपी आज पेश नहीं होंगे। इनमें जामवंत उर्फ बबलू, श्याम सुन्दर उर्फ आनंद शर्मा, विनोद सिंह उर्फ बादल। बचाव पक्ष के वकील अशोक सिंह ने पुष्टी की है। धारा 193 के थे आरोपी, तीनों आरोपियों को सेशन कोर्ट से पांच साल की सजा हो चुकी है, दो साल की सजा काट चुके है, पैरोल पर बाहर है।

नहीं बढ़ी सुरक्षा

पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के फैसले के बाद पुत्र सतीश जग्गी और उनकी मां ने राज्य सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी।  लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं हो पाया है। सतीश को केवल एक पीएसओ की सुरक्षा मिली हुई है।

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