सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 23 अप्रैल। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही हनुमान मंदिरों में लोग दर्शन करने पहुंचने लगे थे। मंदिरों में महाआरती, भंडारा, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ और रामचरित मानस पाठ किया गया।
हनुमान जन्मोत्सव मनाने शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में स्थित हनुमान मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। हनुमान मंदिरों में हनुमान जन्मोत्सव मनाने की व्यापक तैयारी की गई थी। नगर के स्कूल रोड स्थित हनुमान मंदिर में इस बार जन्मोत्सव में एक दिन पहले से सुंदरकांड का पाठ शुरू हुआ। यहां सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। समिति के द्वारा मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसको देखते हुए अच्छी व्यवस्था की गई थी। यहां पर हनुमान भक्त युवाओं ने मिलकर भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। युवाओं के द्वारा सुबह से ही प्रसाद वितरण किया जा रहा था।
शहर के इस पुराने हनुमान मंदिर के अलावे मायापुर स्थित पंचदेव मंदिर, नमनाकला स्थित पंचदेव मंदिर, जोड़ा पीपल स्थित भव्य हनुमान प्रतिमा, गांधीनगर स्थित मारुति नंदन हनुमान मंदिर, मनेंद्रगढ़ रोड स्थित अजिरमा फारेस्ट बैरियर के समीप स्थित हनुमान मंदिर, पुराना बस स्टैंड डिपो में स्थित हनुमान मंदिर सहित अन्य हनुमान मंदिरों में इस बार जन्मोत्सव पर हनुमान भक्तों की भीड़ उमड़ी। चौबीस घंटे के इस अनवरत सुंदरकांड का समापन हनुमान जन्मोत्सव पर हुआ।
हनुमान मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में स्थित लमगांव के स्वयं प्रकट हनुमान मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव में एक दिन पहले से अखंड सुंदरकांड का पाठ शुरू हुआ, जिसका समापन आज सुबह हुआ। यहां बड़ी संख्या में हनुमान भक्त पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। अपने आप में प्राकृतिक रूप से इस रमणीक स्थल पर वर्षों से लोग पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं।
यहां राम जानकी मंदिर का निर्माण भी कराया गया है। राम जानकी मंदिर में भी हनुमान जन्मोत्सव पर धार्मिक आयोजन होते हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु सरगुजा संभाग के विभिन्न जिलों के साथ पड़ोसी प्रांतों से यहां पहुंचे।
विशाल भंडारे का आयोजन
नगर के स्कूल रोड स्थित हनुमान मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन नगर के युवाओं ने मिलकर किया था। यहां हजारों हनुमान भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। यहां प्रसाद वितरण वर्षों से हनुमान जयंती पर किया जाता था है पर इस बार विशाल भंडारा आयोजित था, जिसमें एक दिन पहले से ही तैयारियां चल रही थी। सुबह जब लोग हनुमान जी के दर्शन को पहुंचे तो उन्हें भंडारे से प्रसाद मिला।