बलौदा बाजार

धान के एमएसपी में वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा-कांग्रेस
23-Jun-2024 7:50 PM
धान के एमएसपी में वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा-कांग्रेस

बलौदाबाजार, 23 जून। खरीफ सीजन 2024 25 के लिए घोषित समर्थन मूल्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि धान के समर्थन मूल्य में मात्र 5.35 प्रतिशत की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। कृषि की लागत दिनों दिन बढ़ रही है मजदूरी खाद बीज और कीटनाशकों की कीमत आसमान छू रही है।

2022 तक किसानों की आय दुगना करने का वादा जुमला साबित हुआ। किसानों को उम्मीद थी कि मोदी किसानों से 2014 में किए गए अपने सी दो फार्मूले पर लागत से 50फीसदी लाभ के साथ एमएसपी देने के वादे पर अमल करेंगे लेकिन मोदी जी के तीसरे कार्यकाल में भी किसानों को निराशा ही हाथ लगी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुसार 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर में इस वर्ष के एमएसपी की वृद्धि 117 रुपए को जोडक़र छत्तीसगढ़ के किसानों से 3217 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की घोषणा साय सरकार को तत्काल करनी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि यूपीए के दौरान 2003 4 से लेकर 2013-14 तक धान के एमएसपी में 134 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। 560 रुपए प्रति क्विंटल से बढक़र वर्ष 2013-14 में 1310 तक पहुंची थी। मोदी सरकार आने के बाद धान की औसत एमएसपी वृद्धि यूपीए सरकार की तुलना में आधे से भी काम रही। 13 14 में 3110 रुपए प्रति क्विंटल से 2023 24 में 2183 रुपए प्रति क्विंटल अर्थात मोदी सरकार के 10 साल में धान की एमएसपी केवल 66.64त्न बड़ी है। इस खरीफ सीजन 2023 24 में 2183 रुपए प्रति क्विंटल से मात्र 117 रुपए बढक़र 2300 रुपए किया गया है जो आपर्याप्त है। बेहद स्पष्ट है कि मोदी सरकार में ऐतिहासिक तौर पर फसलों की एसएसपी में सबसे कम वृद्धि हुई है।

सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार देश की पहली और इकलौती सरकार है जिन्होंने कृषि उपकरणों पर 28त्न का भारी भरकम जीएसटी लगाया। पोटाश की कीमत 3 गुना बढ़ दी। खाद बीज और कीटनाशक के दाम आसमान छू रहे हैं। डीजल पर 2024 की तुलना में 8 गुना अधिक सेंट्रल एक्साइज वसूली जा रही है। चावल के निर्यात पर 10त्न की भारी भरकम सेंट्रल एक्साइज मोदी सरकार ने वसूल है। कनकी और चावल के निर्यात पर रोक लगाकर किसानों की कमर तोड़ दी। भारी भरकम जीएसटी लगाकर उत्पादन लागत बढ़ाया किसानों की जेब में डकैती की लेकिन जब जब किसानों को देने की परी आती है तो एमएसपी पर मात्र तीन से पांच प्रतिशत की वसूली वृद्धि कर एहसान जताने ढोल पीटते हैं।

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