राजनांदगांव
मानपुर और एमएमसी जोन में रहा सक्रिय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 जून। नक्सलियों के बड़े कैडर में गिने जाने वाले एसजेडसी मेम्बर गिरधर ने हथियार छोडक़र गढ़चिरौली पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया है। गिरधर ने अपनी पत्नी को भी मुख्यधारा में वापस लाया है।
नक्सल दंपत्ति के हथियार छोडऩे से नक्सल संगठन को तगड़ा झटका लगा है। गिरधर काफी समय से पश्चिमी माड़ क्षेत्र में सक्रिय रहा है। पति-पत्नी गढ़चिरौली के ही रहने वाले हैं। दोनों पर 41 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। गिरधर पर 25 लाख और उसकी पत्नी पर 16 लाख रुपए का ईनाम था। पत्नी दक्षिण गढ़चिरौली डिवीजन की सचिव है।
28 साल से गिरधर नक्सल संगठन में सक्रिय रहा। वह मोहला-मानपुर जिले से सटे गढ़चिरौली के टीपागढ़ और ग्यारहबत्ती क्षेत्र की कंपनी नं. 4 का कमांडर रहा। वह राजनांदगांव से लेकर बालाघाट जिले के एमएमसी जोन में भी काम कर चुका है।
बताया जा रहा है कि गढ़चिरौली पुलिस ने कुछ दिनों पहले गिरधर की मुख्यधारा में वापसी के लिए प्रयास शुरू किया था। पुलिस ने अपने विश्वस्त सूत्रों के जरिये गिरधर और उसकी पत्नी को वापस लाया। गिरधर पर पश्चिम छत्तीसगढ़ से सटे इलाकों में हुए कई आपराधिक घटनाओं में परोक्ष और अपरोक्ष रूप से शामिल होने का आरोप है।
इस संंबंध में नक्सल डीआईजी अंकित गोयल ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि पुलिस लगातार आत्मसमर्पण की नीति को क्रियान्वित करने के मुहिम के तहत नक्सलियों से हथियार छोडऩे की अपील कर रही है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। गिरधर का मुख्यधारा में लौटना पुलिस के लिए एक उपलब्धि है। डीआईजी ने अन्य नक्सलियों से समर्पण करने की दिशा में आगे बढऩे की अपील की है।
समर्पित नक्सली गिरधर को नक्सलियों ने भगोड़ा किया घोषित
नक्सलियों ने गिरधर के सरेंडर को लेकर एक बयान जारी कर उसे भगोड़ा करार देते धमकी भी दी है। दंडकारण्य पश्चिम सब जोनल के माओवादी संगठन की ओर से प्रवक्ता श्रीनिवास ने एक पत्र जारी कर गिरधर के समर्पण को पुलिस के सामने घुटने टेकना करार दिया है। पार्टी के साथ गद्दारी करने से जनता उसे कभी माफ नहीं करेगी।
पत्र में गिरधर -संगीता जैसे भगोड़ों की निंदा कर जोगन्ना, मलेश, नर्मदा, सुजना, विकास, भास्कर, संजय, विन्नु, इंदिरा जैसे योद्धाओं के हौसले की दाद दी है।