रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 जुलाई। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने पीएम नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक्स पोस्ट कर आगामी आम बजट में पेंशन की राशि को आयकर के दायरे से मुक्त करने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि जीवन के अंतिम छोर में आयकर के दायरे से हटाकर बुजुर्ग पेंशनरों के साथ केन्द्र सरकार को न्याय करना चाहिए। सेवानिवृत शासकीय सेवक मिलने वाली पेंशन की राशि आय नहीं है बल्कि पेंशन उनके जीवन भर के सेवा के बदले बुढ़ापे में आजीविका का साधन है।बुजुर्ग पेंशनरों को हर साल आयकर रिटर्न फाइल करना अत्यन्त पीड़ादायक हो गया है। जो लोग अपने जिंदा होने के प्रमाण पत्र जमा करने के हालत में नहीं है उन्हे इंकमटैक्स के नाम पर मानसिक, शरीरिक और आर्थिक शोषण का शिकार बनना पड़ता है, यह अन्याय पूर्ण है।
महासंघ की गत दिनों यूनियन कार्यालय रायपुर में आयोजित बैठक में पेंशन को आयकर से मुक्त करने और इसके लिए केन्द्र सरकार से आग्रह करने का निर्णय लिया गया। इसमें नामदेव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष द्रोपदी यादव,राष्ट्रीय मंत्री पूरन सिंह पटेल, राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य व प्रदेश महामंत्री अनिल गोल्हानी, छत्तीसगढ़ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जे पी मिश्रा, लोचन पांडे, आर जी बोहरे, रामनारायण टाटी, बी के वर्मा, राकेश जैन, प्रदीप सोनी, बी एस दसमेर, ओ पी भट्ट, शम्भू नाथ देहारी, अब्दुल वाहिद खान, पी एन उडक़ुड़े, आई सी श्रीवास्तव, एस के घाटोडे, आर डी झाड़ी, तीरथ यादव, रमेश नंदे, सुरेश शर्मा, कुन्ती राणा, डी आर गजेन्द्र, मो.कासिम, आदि ने शामिल हुए। सभी ने केन्द्र सरकार से इस साल के बजट में इसका प्रावधान किये जाने और सेवानिवृत्त केन्द्र एव्ं राज्य सरकार में बुजुर्ग पेंसनरों के साथ वर्षो चली आ रही इस अन्याय पूर्ण गलत परंपरा को तत्काल समाप्त करने की मांग की है।
नेताओं का पेंशन आईटी मुक्त
यह भी विडम्बना है कि देश में करोड़पति सांसद और विधायक, अनेक राजनैतिक पदों पर काम कर चुके लोग अलग अलग कई पेंशन लेते हैं परंतु उनको इस राशि में आयकर से छूट की सुविधा प्राप्त है। इसे उचित नहीं माना जा सकता। आगामी बजट प्रावधान कर सांसदो व विधायको की तरह केन्द्र व राज्य के पेंशनरों आयकर प्रक्रिया से पूरी तरह मुक्त किया जाना जरूरी है।