रायपुर

जांच की आंच में देर-सबेर राजनीतिक वजूद झुलसने के डर से बेचैन बघेल मिथ्या प्रलाप कर रहे-मूणत
06-Jul-2024 4:52 PM
जांच की आंच में देर-सबेर राजनीतिक वजूद झुलसने के डर से बेचैन बघेल मिथ्या प्रलाप कर रहे-मूणत

नकली होलोग्राम मामले में बघेल के बयान पर पलटवार 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 जुलाई।
पूर्व मंत्री, विधायक राजेश मूणत ने शराब घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम की जब्ती के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आए बयान पर पलटवार किया है। उन्होने कहा है कि बघेल की ज्ञानेंद्रियां अब जाकर हरकत में आई है। घोटाले में  गिरफ्तार आरोपियों के  नकली होलोग्राम का सच स्वीकार करने के बाद भी बघेल इस मामले में फिर मिथ्या प्रलाप करके नित नया प्रपंच फैलाव रहे हैं।

मूणत ने कहा कि शराब घोटाले के मामले में बघेल द्वारा रचे जा रहे राजनीतिक प्रपंच की उम्र ज्यादा लंबी नहीं है। देर-सबेर इस मामले का पूरा सच सामने आएगा और फिर दोषी चाहे कोई भी हो, उसकी जगह जेल की सलाखों के पीछे होगी। बघेल यह बात अच्छी तरह समझ रहे हैं कि जाँच की आँच में देर-सबेर उनका राजनीतिक वजूद झुलसने वाला है, यही डर बघेल को बेचैन कर रहा है, उनसे मिथ्या प्रलाप करा रहा है।  मूणत ने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले को लेकर लगातार हो रहे ताजा खुलासों और बरामदगी के मद्देनजर कांग्रेस के भ्रष्ट कारनामों को लेकर कहा कि  कांग्रेस सरकार ने शराब के गोरखधंधे को बढ़ावा देकर जितनी काली करतूतें की हैं, वह अब सामने आ रही हैं, इसलिए बघेल रोज बिफर रहे हैं। भूपेश सरकार न केवल शराब की कोचियागिरी कर रही थी, बल्कि नकली और अवैध शराब के जरिए एक तरफ जान-माल के साथ घिनौना खिलवाड़ तक कर रही थी तो दूसरी तरफ प्रदेश के सरकारी खजाने पर डाका डाल रही थी। अब यह बात अब आईने की तरह साफ हो गई है कि प्रदेश का शराब घोटाला पिछली कांग्रेस सरकार की छत्रछाया में ही फल-फूल रहा था। जाँच के दौरान इस मामले की कलई खुलने से सशंकित तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता अनर्गल प्रलाप कर जाँच एजेंसियों को केंद्र सरकार की एजेंट बताकर भ्रम फैलाते रहे, पर अब सच का सामना करने के लिए बघेल को तैयार हो जाना चाहिए।

होलोग्राम बनाने वाले  गुजरात के फैक्ट्री मालिक  पर कार्रवाई क्यों नहीं
इससे पहले शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुये पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शराब घोटाले पर कहा कि* सवाल इस बात का है कि होलोग्राम लगता कहां है गुजरात की फैक्ट्री में। फर्स्ट बेनिफिशरी  कौन है फैक्ट्री मालिक । उस पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? जबकि ईडी ने जिसको पकड़ा उसके खिलाफ कार्यवाही होती है। अब ईओडब्ल्यू में आपकी बाध्यता है कि जहां से पकड़ा गया है जिसके खिलाफ कार्यवाही कर रहे है। लेकिन जहां ये घटना घटी उसके खिलाफ पहले कार्यवाही होना चाहिये। उसकी संपत्ति कब जब्त होगी? उसकी वसूली कब होगी? उनके खिलाफ कार्यवाही कब होगी? ये बात आयी सामने।

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