बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजपुर, 24 सितंबर। राजपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय (एसडीएम कोर्ट)का बहिष्कार किया।
इस मामले में अधिवक्ता संघ ने एक आवश्यक बैठक आहुत की एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजपुर के न्यायालय का बहिष्कार कर दिया है। अधिवक्ता संघ की बैठक में संघ के सदस्यों ने आज लंबी मीटिंग के बाद अपनी अपनी राय जाहिर की व न्यायालय में हो रहे अभद्र व्यवहार वह मनमानियों की बातें विस्तार पूर्वक संघ के पदाधिकारी के साथ रखी। अधिवक्ताओं द्वारा सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के संपूर्ण न्यायालय कार्यवाइयों का बहिष्कार सभी अधिवक्ता करेंगे।
संघ के सदस्यों ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि अधिवक्ताओं के द्वारा प्रकरणों के सुनवाई के दौरान राजस्व मंडल व उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा पारित न्याय दृष्टांत का उल्लेख प्रकरण में पारित किए जाने वाले आदेशों में नहीं किया जाता है।
अधिवक्ता संघ की बैठक में बताया कि अधिवक्ता गणों को दांडिक मामलों में अलग-अलग कक्षों में सुनवाई के लिए बुलाया जाता है और धारा 151 दंड प्रक्रिया संहिता के प्रकरण का निपटारा अपने चेंबर में किया जाता है तथा बगैर प्रतिवेदन आहुत किए 145 दंड प्रक्रिया संहिता के प्रकरणों में साक्षय करने को कहा जाता है और न्यायालय में साक्षय के दौरान अन्य पक्षकारों को व अधिवक्ताओं को भी बाहर कर दिया जाता है और अधिवक्ताओं से बदतमीजी पूर्ण व्यवहार कर अपमानित व जलील किया जाता है।
तहसील अधिवक्ता संघ राजपुर ने आज इस संबंध में मुख्य सचिव व वरिष्ठ अधिकारियों जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन प्रेषित कर कार्रवाई की मांग व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजीव जेम्स कुजुर को हटाए जाने की मांग की है और उनके रहते तक न्यायालय की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है।