राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 सितंबर। कांग्रेस शासनकाल में हुए ढाई हजार करोड़ के आबकारी घोटाले में एसीबी ईओडब्लू 4 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। इस दौरान चारो आरोपी कोर्ट में मौजूद थे।
इन्हें, घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर के पिता के नाम धनेली स्थित फार्म हाउस से तीन महीने जून में पहले गिरफ्तार किया गया था। जहां इन लोगों ने घोटाले के लिए इस्तेमाल हजारों डुप्लीकेट (नकली) होलोग्राम को खेत में कड़ा कर छिपाने का आरोप है।
इनमें दिलीप पांडे,अनुराग दिवेदी,अमित सिंह और दीपक द्वारी शामिल हैं। एसीबी/ईओडब्ल्यू विशेष कोर्ट में चालान जमा करेगा। ईओडब्लू ने 2000 पन्नों की 32 नस्तियां और सबूतों के साथ चालान तैयार किया है। इसमें ब्रोकरेज अमाउंट नाम का एक नया तथ्य सामने आया है। यह ब्रोकरेज कौन किसको दे रहा था यह चालान की कॉपी मिलने पर ही पता चल सकेगा।
इधर इस मामले में एसीबी छत्तीसगढ़ ने कल एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड के पूर्व उत्पाद (आबकारी)आयुक्त विनय चौबे (आईएएस) उपायुक्त गजेंद्र सिंह के विरूद्ध भी मामला दर्ज किया है। इस मामले में एसीबी ईओडब्लू सूत्रों ने बताया कि इन दोनो पर, छत्तीसगढ़ में बनी नकली होलोग्राम से पैक शराब को झारखण्ड में बेचने का आरोप है।
झारखण्ड में शराब बेचने इन दोनों ने ही छत्तीसगढ के सिंडीकेट को साथ मिलकर कारोबार किया। वर्ष 2022 में मामला दर्ज जांच के दौरान ईडी को एक डायरी मिली थी जिसमें छत्तीसगढ़ की शराब नीति को झारखंड में इंप्लीमेंट करने का खुलासा किया गया था । विनय चौबे, उस वक्त सीएम हेमंत सोरेन के प्रमुख सचिव के साथ आबकारी सचिव भी रहे। और अभी पंचायत ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
ईओडब्लू रायपुर के इंस्पेक्टर ने रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र का रहने वाला विकास सिंह के बयान पर पहले मामले की जांच की और फिर मामला दर्ज किया है। विकास सिंह ने छत्तीसगढ़ के अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट पर आरोप लगाया है कि शराब घोटाला करके छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है।
आरोपों में यह भी कहा गया है कि इसी सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर झारखंड की आबकारी नीति को बदलवाया और सरकार के राजस्व को छति पहुंचायी है. आरोपों में यह भी कहा गया है कि दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिल कर मैन पावर सप्लाई में भी घोटाला गया है। आरोपों के मुताबिक, दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच वर्ष 2021 के दिसंबर से लेकर जनवरी 2022 कई बैठकें हुई हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अप्रैल 2023 में शराब घोटाले को लेकर आईएएस विनय चौबे और कर्ण सत्यार्थी ने ईडी के रायपुर कार्यालय में 04 /24 केस में अपना बयान दर्ज कराया था।
नितिन नबीन बोले
कांग्रेस शासनकाल में इस घोटाले पर छत्तीसगढ़, और झारखंड के किसी भी नेता-पूर्व मंत्री का नाम लिए बगैर भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने एक बड़ा बयान दिया। ठाकरे परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए झारखंड शराब घोटाले पर कहा कि गुरूजी गए थे शिष्य को समझाने, वो गुरूजी अब जेल के रास्ते में हैं। तो शिष्य भी जेल के रास्ते जाएंगे।
यह लिखा है डायरी में
झारखंड में भी हुए शराब घोटाले की साजिश रायपुर में रची गई थी।छग की तर्ज पर झारखंड में भी शराब नीतियों को बदलकर बड़ा घोटाला किया गया था।छग से ही नकली होलोग्राम पर शराब की सप्लाई दोनो राज्यो में होती थी।
एफआईआर के मुताबिक ईओडब्लू की जांच में मिली डायरी मिली। इसमे झारखण्ड में छ.ग. के समान शराब की अवैध बिकी कराने के लिए कुछ करना होगा यह डायरी में लेख किया गया है।जैसे-पुलिस और एक्साईज दोनों का सपोर्ट आवश्यक होगा, किसी एक ग्रुप को हमारे तरफ लाना होगा, हरियाणा और पंजाब के शराब को नियंत्रित करना होगा और बसंत सोरेन और जोगिन्दर तिवारी हमारे मुख्य शत्रु होंगे। उपरोक्त आपराधिक षडय़ंत्र रायपुर में ही रचा गया था।अरूणपति त्रिपाठी ने झारखण्ड सरकार से 1.25 करोड़ रूपये कंसल्टेंसी फीस) भी प्राप्त किया था। झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और झारखण्ड आबकारी विभाग के तत्कालीन सचिव एवं जे.एस.बी.सी.एल. के एम.डी. विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेन्द्र सिंह एवं अन्य अधिकारियों समेत छतीसगढ़ के पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा,पूर्व आईटीएस अफसर अरूणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर*, अरविंद सिंह,मेसर्स सुमीत फैसलिटीस के संचालक, विधु गुप्ता समेत मैन पॉवर सप्लाई एवं मदिरा सप्लाई करने वाली, एजेंसियां एवं अन्य के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज की ।