कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 6 अक्टूबर। राज्य के जनजातीय समुदाय एवं उनकी परंपराओं का छत्तीसगढ़ के इतिहास, संस्कृति, कला एवं अन्य क्षेत्रों में विशेष योगदान एवं गौरवशाली अतीत को सम्मानित करने के उद्देश्य से शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कोण्डागांव में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजित किया गया। रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती मनाई गई, जिसमें महिलाओं की भूमिकाओं को भी उजागर किया गया । इसके साथ संस्था में प्रशिक्षणरत प्रशिक्षणार्थियों द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया एवं अतिथियों द्वारा नवीन प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुए भूतपूर्व प्रशिक्षणार्थियों जो अपने-अपने व्यवसाय में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले वाले प्रशिक्षणार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कोण्डागांव विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेण्डी , विशिष्ट अतिथि बाल सिंह बघेल जिला पंचायत सदस्य , धीरेन्द्र मिश्रा प्रबंधन संस्थान समिति अध्यक्ष आई.टी.आई. , रजनीश गुप्ता प्रबंधन संस्थान समिति सदस्य आई.टी.आई. , मुख्य वक्ता रामनाथ कश्यप सामाजिक कार्यकर्ता रायपुर शामिल हुए।
कार्यक्रम का संचालन स्थानीय प्रतिनिधि बलीराम नेताम के मार्गदर्शन में तथा अधीक्षक आत्माराम विशाल आई.टी.आई. कोण्डागांव की अध्यक्षता एवं संयोजक अशोक कुमार ध्रुव और सहसंयोजक विजय पाल सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वय से यह आयोजन का संचालन किया गया ।
इस अवसर पर आईटीआई कोंडागांव एवं फरसगांव के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जनजातीय समुदाय की कला, संगीत और नृत्य का प्रदर्शन किया गया ।
कार्यक्रम में जनजातीय नायक बिरसा मुण्डा के जीवन और अन्य जनजाति नायकों के योगदान के बारे में भी जानकारी, पिछले 15 वर्षों से जनजातीय समाज के विषयो को लेकर कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामनाथ कश्यप द्वारा दी गई।
कार्यक्रम में संस्था के समस्त व्यवसायों के प्रशिक्षणार्थी एवं प्रभारी अधीक्षक श्री चंद्रभान सिंह मराबी प्रशिक्षण अधिकारी श्री कमलेश कुमार जांगड़े , श्री रोशन कुमार साहू , श्री विजयंत कुमार साहू, श्री दयाराम , श्री निरंजन साहू, प्रियव्रत शांडिल्य एवम नोडल आईटीआई से आए स्टाफ उपस्थित रहें । जिन्होने जनजातीय संस्कृति और उनके योगदान को सहारा । यह आयोजन छत्तीसगढ की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला रहा । कार्यक्रम में देश की उन्नति में योगदान देने हेतु मार्गदर्शन दिया गया ।