राजनांदगांव
फेडरेशन करेगा न्याय पाती अभियान के तीसरे चरण का आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 जनवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय प्रबंधकारिणी सभा की वर्चुअल बैठक में शिक्षकों के सेवा लाभ एवं शिक्षा व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा हुई है।
फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने बताया कि बैठक में शामिल फेडरेशन के पदाधिकारियों का मत है कि कोरोना काल में शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था नीति से विद्यार्थियों को प्रभावी लाभ नहीं मिला है। शासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत फेडरेशन ने दूरदर्शन के माध्यम से कक्षाओं के संचालन का सुझाव दिया था। डाटा पैक और एंड्राइड मोबाइल के अनुपलब्धता के कारण ऑनलाइन कक्षाओं से सीमित विद्यार्थी ही विषयवार पढ़ाई का लाभ उठाने में सफल हुए हैं। गली-मोहल्ला में क्लास लगाने से तो शाला भवन में क्लास लगाना ज्यादा सुरक्षित है। माध्यमिक एवं हायर सेकंडरी के विद्यार्थियों के विषयवार पढ़ाई व्यवस्था को पटरी पर लाने सरकार स्कूल खोलने का निर्णय लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि असाइनमेंट के जरिये बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों के ज्ञान का मूल्यांकन नहीं होगा। होनहार विद्यार्थियों के लर्निंग स्किल एवं क्षमता का पैमाना निर्धारित किए जाने की आवश्यकता है। पढ़ाई जब ठीक से नहीं हुई तो परीक्षा कैसे होगी। फेडरेशन ने सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का प्रस्ताव दिया था। पुराने हिंदी माध्यम स्कूलों में ही इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाकर स्कूल भी खुले, लेकिन शिक्षा विभाग ने अप्रत्याशित निर्णय लेते विभागीय सेटअप में स्वीकृत पदों में उक्त विद्यालय में स्वीकृत प्राचार्य, व्याख्याता, उच्च वर्ग शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, प्रधान पाठकों सहित कार्यालयीन पदों को समाप्त कर दिया है।
यहां तक कि आहरण संवितरण कोड एवं आरएमएसए हेड को समाप्त किया गया है। अंग्रेजी माध्यम में पढ़े शिक्षकों को इन विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति में पदस्थ कर पूर्व पदस्थ शिक्षकों को अन्यत्र भेजा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले 40 स्कूल के बाद प्रदेश के 146 विकासखंडों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की तैयारी है। नीति अनुसार विद्यालयों के प्राचार्य 186 पद, व्याख्याता के न्यूनतम 1116, उच्च वर्ग शिक्षक के 1116 पद, प्रधानपाठक मिडिल के 186 एवं प्राथमिक के 186 अर्थात कुल 372 पद, लेखापाल सहायक ग्रेड-2 एवं ग्रेड 3 के स्वीकृत पद समाप्त किया जा रहा है।
फेडरेशन का कहना है कि स्वीकृत पदों को समाप्त करने से जहां सभी संवर्ग में पदोन्नति के पद समाप्त हो रहे हैं। वहीं प्रतिनियुक्ति से वापसी होने की स्थिति में पद उपलब्ध नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट बिलासपुर ने 9 दिसंबर 2019 के अपने फैसले में छत्तीसगढ़ भर्ती पदोन्नति नियम 2003 के नियम-5 में किए गए संशोधन पर स्थगन आदेश दिया है।