बलौदा बाजार

कोरोना काल में सरकारी अस्पताल सैकड़ों मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण
26-Apr-2021 9:41 PM
कोरोना काल में सरकारी अस्पताल सैकड़ों  मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 अप्रैल।
कोरोना काल में बलौदा बाजार का सरकारी अस्पताल सैकड़ों मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण जैसा है। पिछले साल कोरोनावायरस आर के वक्त इसे कोविड-19 ताल के रूप में तैयार किया गया था इसके बाद से यहां के डॉकर और स्टाफ पिछले 1 साल से बिना थके वायरस से जंग जारी रखे हुए हैं। 

प्रभारी चिकित्सक डॉ शैलेंद्र साहू और उनकी टीम के साथ पिछले 9 महीनों में अस्पताल ने 25 सौ से अधिक कोरोनावायरस का इलाज किया इसमें लगभग 15 मरीज फेफड़े के गंभीर संक्रमित से ग्रसित थे। मार्च 2021 में आए दूसरी कोविड-19 से लडक़ी लडऩे के लिए सेवन 3 बिस्तर वाले अस्पताल में 250 से अधिक गंभीर मरीज के लिए अपने द्वार खोलें अस्पताल ने ऐसे कई मरीजों को मौत के मुंह से निकाला जिसके बारे में परिजन भी उम्मीद छोड़ चुके थे 93 दिन तक चला मुंशीराम का इलाज चिकित्सकों द्वारा स्टाफ की क्षमता के कुछ गंभीर मरीज आज बीमारी से उबर कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं इसमें वृद्ध मरीज मुंशीराम भी शामिल है जिसकी लगभग 19 दिनों तक तीमारदारी कर कुशलतापूर्वक उसके घर लौट आया मुंशीराम जो कोविड-19 की चपेट में आ गए थे जब वे अस्पताल पहुंचे तब उनके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर मात्र 30त्न था इसकी स्थिति में सुधार भी अधिक धीमी-धीमा था परंतु स्टाफ के इलाज हुआ संभल बनाए जाने पर परिणाम था कि लगभग डेढ़ माह के बाद मुंशी राम को व्हाट्सएप मुक्त हो गया परंतु उन्हें अभी भी तेज प्रवाह में ऑक्सीजन की आवश्यकता थी और वे बेड पर ही थे इन परिस्थितियों में स्टेरॉयड आईसीयू में उन्हें 24 घंटे गहन निगरानी में रखा गया और प्रतिदिन उनकी दिनचर्या में कर कर तत्व फिजियोथैरेपी को विशेष अहमियत दी गई।

कैंसर समेत अन्य बीमारियों के मरीज आए 
गंभीर कोविड-19 के इलाज के साथ इस अस्पताल में अति गंभीर बीमारी स्टेज 4 कैंसर जटिल ऑपरेशन के अलावा हृदय रोग के मरीज जो कोविड-19 है उनके इलाज के लिए कोई अस्पताल बलौदाबाजार स्टाइल एवं एसैटिक आईसीयू का परिचालन भी प्रारंभ किया ऐसे मरीजों जो कोविड नेगेटिव हो तो हो तो चुके थे पर उन्हें लंबे समय तक गहन चिकित्सा की आवश्यकता भी थी डेडीकेशन कोविड-19 तार ऐसे मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

88 साल की बेदली बाई को मिली जिंदगी 
88 साल की बेदली बाई की कहानी भी उन मरीजों में उम्मीद की किरण जाती है जो कोरोनावायरस होने के बाद भयभीत हो जाते हैं बेदली बाई अव्यवस्था तथा उच्च रक्तचाप के मरीज होने के चलते कई वर्षों से बिस्तर पर पड़ी थी 5 दिनों से बेहोश वह कोविड-19 बिजली भाई जब कोविड-19 ताल में आई तब उसका अक्सीजन स्तर मात्र 30त्न ह्रदय गति 28 एवं ब्लड प्रेशर अत्यधिक कम था इसके बचने की संभावना भी कम थी परंतु परिजनों की उम्मीद हुआ अस्पताल स्टाफ का आत्मविश्वास कमजोर नहीं था।

 उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया नाक से गले लगाए गए पाइप के माध्यम से खाना खिलाने मरीज मशीन और जीवन रक्षक दवाइयों के द्वारा उनकी दिल की धडक़नों को नियंत्रित किया गया। इसका नतीजा था कि 5 दिनों तक बिजली भाई ने आंखें खोली इनके साथ नहीं वेदों का द्वार खुला 1 महीने बाद में पूर्णता स्वस्थ हो चुकी थी वर्तमान में अपने परिजनों के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही है।

मुंशीराम कोरोना मरीजों में शामिल थे, जिनके फेफड़े बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने में असमर्थ है आज मुंशीराम इस सेंटर में इलाज के पश्चात पूर्णता से स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं यही नहीं प्रति सप्ताह में स्वयं ही अस्पताल के हलवा क्लीनिक में स्कूटर चलाते हुए पहुंचते हैं स्वता छत्तीसगढ़ में कोविड-19 चांस है 93 दिवस अस्पताल में गुजार कर स्वस्थ लाभ लेने वाले प्रथम व्यक्ति हैं।
 

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news