बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 22 मई। खरीफ फसल धान करोड़ों रुपयों की खरीदी के 4 महीना बाद भी परिवहन के अभाव में बारिश के पानी में भीग कर सड़ रहे हैं । जिसके कारण समितियों को रख रखाव में लाखों रुपयों का बेवजह नुकसानी सहना पड़ रहा है।
कसडोल तहसील क्षेत्र के 3 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कसडोल टुंड्रा तथा बया से सम्बद्ध 14 कृषि साख समितियों के कुल 28 उपार्जन केंद्रों में छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर 230 ग्रामों के खरीफ फसल वर्ष 2020-21 का धान खरीदी किया गया है । राज्य सरकार के खरीदी संस्था मार्कफेड द्वारा प्रत्येक साल खरीदी के 15 दिनों से 1 माह के भीतर परिवहन करने का समितियों को आश्वासन दिया गया है। समितियों के प्रबंधकों तथा निर्वाचित पदाधिकारियों का कहना है कि समस्या तो हर साल होती है, किंतु इस साल अत्यधिक देरी समझ से परे हो गया है। बताया गया है कि धान खरीदी के 4 माह बीतने को है अभी तक करोड़ों रुपयों के धान परिवहन शेष है । जिसके कारण समितियों को रख रखाव तथा नुकसानी का भार बेवजह उठानी पड़ रही है ।
कसडोल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा से सम्बद्ध 6 ग्रामीण कृषि साख समितियों कसडोल कोसमसरा बोरसी हटौद पीसीद कटगी तथा छेछर के अंतर्गत समिति मुख्यालय सहित मुढ़ीपार बलदाकछार छरछेद सेल मलदा कुल 12 उपार्जन केंद्र शामिल है ।जिसके अंतर्गत तत्कालीन समय में मिली जानकारी के अनुसार करीब 87 करोड़ 14 लाख रुपयों की खरीदी हुई थी। जिसमें 23 लाख 80 हजार क्विंटल धान ही मिलरों तथा संग्रहण केंद्रों में हुआ था, अर्थात कमोवेश आधा धान अभी भी उपार्जन केंद्रों में पड़े हुए है । केंद्रों टुंड्रा कुम्हारी हसुवा अमोदी मटिया बरेली गिरौद सोनाखान चिखली तथा बया शाखा बैंक के बया बार राजादेवरी गोलाझर थरगांव बिलारी खैरा आदि उपार्जन केंद्रों में करोड़ों के धान परिवहन के अभाव में पड़े हुए हैं ।
परिवहन के अभाव में तो 4 माह के भीतर कई बार बारिश और धूप से धान की क्षति हुई है । जिसे समिति प्रबन्धको ने तालपत्री प्लास्टिक तालपत्री आदि ढंककर नुकसानी से बचाने का प्रयास किया है । किंतु 5 मई को एक साथ आई तेज हवा 1 घण्टे की झमाझम बारिश तथा ओला वृष्टि ने बया और टुंड्रा शाखा बैंक से सम्बद्ध 24 उपार्जन केंद्रों के धान को भीगाकर भारी नुकसान पहुंचाया है । यही हाल कसडोल शाखा बैंक से सम्बद्ध 12 उपार्जन केंद्रों के धान की कमोवेश क्षेत्र में 1 सप्ताह से हुई तेज हवा और बारिश से क्षति पहुंचा है।
समितियों के निर्वाचित पदाधिकारियों सदस्यों का कहना है कि तिरपाल की क्षतिग्रस्त होने से अब धान के बोरे खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है । देखा गया है कि उपार्जन केंद्रों में धान के बोरे सडक़र बर्बाद हुआ है । समिति प्रबन्धकों का कहना है कि सड़े बोरे को पल्टी करने पीडीएस के खाली बोरे को दिलाने के स्वीकृति की आवश्यकताजताई है ।
डीएमओ केशव प्रसाद कर्ष ने बताया कि बलौदा बाजार जिला के उपार्जन केंद्रों में 14 लाख क्विंटल धान परिवहन शेष थे। विगत 1 सप्ताह से मिलर तथा क्रेताओं को आरओ जारी शुरू हो गया है। जल्द ही धान उठाव कर लिया जाएगा।