सरगुजा
नौतपा की तपिश मानसून पर डालता है प्रभाव-एमएम भट्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 28 मई। अंबिकापुर के मौसम जानकार एमएम भट्ट ने बताया कि नौतपा की अवधि अमूमन 25 मई से 2 जून के लगभग की होती है। सामान्य जन अवधारणा है कि इस अवधि में वर्षा न हो तो वह आने वाले मानसून के लिए अनुकूल होता है। नौतपा में जितनी अधिक जमीन तपे, उतनी ही अच्छी वर्षा होती है। आइये इस अवधारणा को मौसमी आंकड़ों के तराजू पर परखने के प्रयास करें, देखें पलड़ा किस करवट झुकता है।
1969 से 2020 के 52 वर्षों में नौतपा की अवधि के औसत अधिकतम तापमान और उस वर्ष नौतपा की अवधि में हुई वर्षा की मात्रा की तुलना सम्बन्धित वर्ष की कुल मानसूनी वर्षा के आंकड़ों से करते हैं। नौतपा की अवधि में इन 52 वर्षों में औसत अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री सन 1998 में दर्ज किया गया। उस वर्ष इस अवधि में कोई वर्षा नहीं हुई थी जबकि एक जून से 30 सितम्बर के मानसून की अवधि में 1998 के वर्ष में महज 1087.7 मिमी हुई थी।
दूसरे अधिकतम औसत तापमान वाला वर्ष था 2012 जिसमें नौतपा अवधि में औसत तापमान 43.0? और वर्षा शून्य थी। इस वर्ष कुल मानसूनी वर्षा 1181.8 मिमी हुई थी।42.6 डिग्री के औसत अधिकतम तापमान के साथ 1988 का वर्ष तीसरा सबसे गर्म नौतपा का वर्ष था जिसमें 15.0 मिमी वर्षा भी दर्ज की गई थी। इस वर्ष 1201.7 मिमी की अच्छी वर्षा भी हुई थी।
चौथा सबसे गर्म नौतपा वर्ष शून्य वर्षा के साथ 42.0 डिग्री के औसत तापमान के साथ सन 2003 का था। इस वर्ष मानसून काल में 1240.6 मिमी की अच्छी वर्षा हुई थी।पांचवें पायदान पर शून्य वर्षा के साथ 2005 आता है जिस वर्ष इस अवधि भी औसत अधिकतम तापमान 42.0 डिग्री था और कुल वर्षा महज 949.7मिमी हुई थी।42.0 डिग्री के औसत तापमान वाला वर्ष 2010 भी रहा है। इस वर्ष नौतपा अवधि में 5.4 मिमी और मानसून में कुल 649.7 मिमी की अल्प वर्षा हुई थी।
सन 1996 का वर्ष इस कड़ी में छठवें पायदान पर सर्वाधिक गर्म नौतपा वाला वर्ष था। औसत तापमान 41.9 डिग्री और वर्षा 23.7 मिमी के भी मानसून काल में इस वर्ष 1279.3 मिमी की शानदार वर्षा नापी ली गयी थी।इसी तापमान श्रेणी अर्थात 41.9 डिग्री के औसत तापमान और शून्य वर्षा वाला नौतपा वर्ष 2015 था जिस वर्ष मानसून में कुल 997.9 मिमी ही वर्षा हो पाई थी।1972 में औसत अधिकतम तापमान 41.7 डिग्री और नौतपा में शून्य वर्षा के साथ मानसून में 1188.6 मिमी की वर्षा हुई थी।वर्ष 1995 में 41.5 था और वर्षा 1151.7 मिमी हुई थी,इसी तरह 1994 में 41.3 था और 2051.6 रिकार्ड वर्षा हुई थी।1969 में 40.9 था और 1193.3 वर्षा,1991 में 40.8 तापमान था और 1660.7 मिमी वर्षा हुई थी।इन आंकड़ों में 1994 का वर्ष अब तक मानसून अवधि में अम्बिकापुर में सर्वाधिक वर्षा के होने का रिकार्ड वाला वर्ष है।
मानसून में न्यूनतम वर्षा वाला वर्ष 2009 है। इस वर्ष केवल 603.2 मिमी वर्षा हुई थी। जबकि इस वर्ष के नौतपा अवधि का औसत तापमान 38.0? और इस अवधि में चार दिनों में 8.6 मिमी वर्षा हुई थी।पिछले 52 वर्षों के इतिहास में 34 वर्षों में नौतपा की अवधि में वर्षा दर्ज की गई जिनमें मानसून के दौरान 1000 मिमी से अधिक वर्षा हुई है। नौतपा की अवधि में सबसे अधिक 60.8 मिमी की वर्षा सन 1971 में हुई थी जबकि इस वर्ष मानसून में 1773.5 मिमी की अति वर्षा दर्ज की गई थी। 1999 में भी नौतपा अवधि में 59.7 मिमी वर्षा होने तथा औसत तापमान 37.8? होने के बाद भी मानसून काल में 1243.9 मिमी की भरपूर वर्षा हुई थी।
परन्तु वर्ष 2020 में नौतपा अवधि में 40.7 मिमी की वर्षा के साथ औसत तापमान 38.2? था जो नौतपा के लोक प्रचलित मानदंड को कुछ हद तक सही साबित करता हुआ मानसून को महज 985.6 मिमी की ही वर्षा तक रोके रखा था।इन आंकड़ों से प्रतीत होता है कि नौतपा के दौरान स्थानीय तापमान के उच्च होने की जगह समुद्री सतहों का तापमान उच्च होना आवश्यक है। हालांकि यह विश्लेषण सिर्फ अम्बिकापुर के उपलब्ध आंकड़ो के आलोक में किया गया है जिससे किसी लोक प्रचलित अवधारणा को झुठलाया या पूरी तरह स्वीकारा नहीं जा सकता।
इस तरह की अवधारणाओं के लिए किसी बड़े क्षेत्र के आंकड़ो की उपलब्धता और विश्लेषित निष्कर्ष से ही तथ्यात्मक पुष्टिकारक निष्कर्ष निकल सकते हैं।