अंतरराष्ट्रीय
टोरंटो(आईएएनएस)| टोरंटो के बाहरी इलाके में भारतीय प्रभुत्व वाले शहर ब्रैम्पटन के एक पंजाबी पार्षद (काउंसलर) को एक महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया है।
नगर परिषद ने दो बार के पार्षद गुरप्रीत ढिल्लन को 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है और उनके इस्तीफे की मांग करते हुए एकमत प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
लगभग 700,000 की आबादी के साथ ब्रैम्पटन को कनाडा में एक 'भारतीय शहर' के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसमें भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या है, जो शहर की आबादी का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा हैं।
एक स्थानीय सैलून की मालिक ने ढिल्लन पर यौन शोषण का आरोप लगाया। महिला ने कहा कि जब वह दोनों नवंबर 2019 में कनाडा तुर्की व्यापार परिषद के प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में तुर्की गए थे, तब ढिल्लन ने उनका यौन शोषण किया।
शहर के मेयर को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि ढिल्लन ने उस समय उनके साथ बदसलूकी की, जब वह अपने होटल के कमरे में थीं।
महिला ने होटल के कमरे में पार्षद के साथ हुए घटनाक्रम की रिकॉडिर्ंग दिखाने के लिए मेयर से मिली। इसके अलावा महिला ने अपने दावे को मजबूत करने के लिए मेयर को कुछ टैक्स्ट मैसेज भी दिखाए।
मेयर ने शहर में संबंधित अधिकारी को आरोपों की जांच करने के लिए कहा और जांच में ढिल्लन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को सच पाया गया।
नगर परिषद ने ढिल्लन को न केवल निलंबित कर दिया है, बल्कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए भी कहा है।
ढिल्लन ने हालांकि उन पर लगे आरोपों से इनकार किया है और साथ ही कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
वाशिंगटन/नई दिल्ली, 6 अगस्त। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू एवं कश्मीर पर एक चर्चा शुरू कराने की बीजिंग की असफल कोशिश के बाद नई दिल्ली ने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश के खिलाफ चीन को गुरुवार को चेतावनी दी है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में सरकार ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने एक ऐसे विषय को उठाने की मांग की है, जो पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।
सरकार ने कहा, पहले की तरह ही इस बार भी चीन के इस प्रयास को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बहुत कम समर्थन मिला। हम भारत के आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को खारिज करते हैं। साथ ही चीन से अपील करते हैं कि वह इस तरह के निष्फल प्रयासों के बाद समुचित निष्कर्ष निकाले।
सरकार को बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति से समर्थन को लेकर एक का पत्र मिला है, जिसमें लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर से दिखाई जा रही आक्रामकता के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया गया है।
प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष और डेमोक्रेट रैंकिंग सदस्य एलियॉट एंगल एवं रैंकिंग रिपब्लिकन सदस्य माइकल टी मैक्कॉल ने संयुक्त रूप से यह पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि वे अमेरिका-भारत संबंधों के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन प्रदर्शित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, दोनों दलों के सदस्य भारत एवं अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों के 21वीं सदी पर मजबूत प्रभाव को समझते हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल फरवरी में कहा था कि हमारे संबंध अब केवल साझेदारी नहीं हैं, बल्कि ये पहले से कहीं अधिक मजबूत एवं करीबी हैं। ये मजबूत संबंध ऐसे समय में और अधिक महत्वपूर्ण हैं, जब भारत चीन के साथ लगती सीमा पर उसके (चीन के) आक्रामक रुख का सामना कर रहा है। चीन का यह व्यवहार हिंद प्रशांत में चीन सरकार के अवैध कदमों और उसकी आक्रामकता का हिस्सा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अमेरिका अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के भारत के प्रयासों के समर्थन में अडिग रहेगा।
अमेरिकी हाउस कमेटी ने अपने पत्र में जम्मू-कश्मीर में चल रही गंभीर सुरक्षा और आतंकवाद जैसी चिंताओं को भी स्वीकार किया और कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धताओं को बनाए रखते हुए भारत सरकार के साथ इन चिंताओं को दूर करने के लिए काम करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, द्विपक्षीय संबंधों को हमारे समर्थन के साथ ही, हम इस बात पर चिंता जताते हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पिछले एक साल में वहां हालात सामान्य नहीं हुए हैं।(ians)
लेबनान की राजधानी बेरुत में मंगलवार शाम हुए विनाशकारी धमाके में अब तक 135 लोगों की जान जा चुकी है और 4000 से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए हैं.
राहत बचावकर्मी अब भी मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. धमाके में लेबनान का मुख्य अन्नागार भी बर्बाद हो गया है. इस तबाही के बाद लेबनान के पास एक महीने से भी कम का सुरक्षित अनाज बचा है.
बुधवार को लेबनान के वित्त मंत्री राउल नेह्मे ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि इस धमाके बाद लेबनान के पास एक महीने से भी कम के सुरक्षित अनाज बचे हैं लेकिन आटा पर्याप्त है इसलिए संकट से बचा जा सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कम से कम तीन महीने के सुरक्षित अनाज होने चाहिए. धमाके के पहले से ही लेबनान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अनाज आयात करने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि धमाके में तबाह हुए अनाज गोदामों में कम से कम 15 हज़ार टन अनाज की बर्बादी हुई है हालांकि इनकी क्षमता एक लाख 20 हज़ार टन की है.
लेबनान ज़्यादातर खाद्य सामग्री आयात करता है और अनाज का बड़ा हिस्सा पोर्ट पर स्टोर करके रखा जाता है. लेकिन धमाके में ये स्टोर किए अनाज भी पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. लेबनान खाद्य संकट के मुहाने पर खड़ा है.
बेरुत में हुए धमाके की अहम बातें जानिए-
क्या हुआ?
मंगलवार की शाम शुरू में बेरुत के तटीय इलाक़े में धमाके की ख़बर आई. चश्मदीदों का कहना है कि इसके बाद आग लगी और छोटे धमाके हुए, जिनकी आवाज़ पटाखे की तरह थी.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में दिख रहा है कि सफ़ेद धुएं के गुबार एक गोदाम से उठ रहे हैं. पास में ही एक अनाज का गोदाम था. इसके ठीक पहले एक विनाशकारी धमाका हुआ था और ये इतना ज़ोरदार था कि पूरे शहर में आग की लपटें और धुएं के गुबार फैल गए.
दूसरा धमाका पोर्ट के कऱीब की इमारतों के पास हुआ और इसका असर पूरे बेरुत शहर पर पड़ा. बेरुत 20 लाख लोगों का घर है. देखते ही देखते अस्पताल पीड़ितों से भर गए. लेबनानी रेडक्रॉस के प्रमुख जॉर्ज केटैनी ने कहा, ''हमलोग विनाशकारी मंजर के गवाह बने. चारों तरफ़ ज़ख़्म और तबाही का आलम था.''
धमाका कितना शक्तिशाली था?
विशेषज्ञों को धमाकों के आकार के बारे में पता नहीं चल पाया है लेकिन यह इतना ज़ोरदार था कि जहां धमाका हुआ वहां से 9 किलोमीटर दूर बेरुत इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शीशे टूटने लगे.
वहां से 200 किलोमीटर दूर साइप्रस में धमाके की गूंज सुनाई पड़ी. अमरीका के भूकंप विज्ञानियों का कहना है कि यह धमाका 3.3 मैग्निट्यूड के भूकंप के बराबर था.
धमाके की वजह क्या है?
लेबनान के राष्ट्रपति माइकल इयोन का कहना है कि पोर्ट पर एक गोदाम में 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट असुरक्षित तरीक़े से रखा हुआ था. इस धमाके लिए राष्ट्रपति इयोन ने इसी अमोनियम नाइट्रेट को ज़िम्मेदार ठहराया है. इसी मात्रा में 2013 में एक पोत से केमिकल जब्त किया गया था. अमोनियम नाइट्रेट क्रिस्टल की तरह होता है.
सामान्य तौर पर इसका इस्तेमाल नाइट्रोजन के रूप में खेती में उर्वरक के लिए होता है. लेकिन इसका इस्तेमाल ईंधन तेल के साथ विस्फोटक बनाने में भी किया जाता है. यह खनन और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम आता है.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि बेरुत धमाका किसी भयावह हमले का नतीजा है. लेकिन अमरीकी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा है कि हमले की आशंका के पक्ष में कोई ठोस तर्क नहीं है. शुरुआती जाँच में यही पता चला है कि धमाका लापरवाही का नतीजा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमोनियम नाइट्रेट को ठीक से रखा जाए तो यह बाक़ी केमिकलों की तुलना में सुरक्षित है. हालांकि बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट लंबे समय तक रखा जाता है तो इसमें विघटन शुरू हो जाता है और आगे चलकर विस्फोटक साबित होता है.
ईंधन तेल के साथ मिलने के बाद ऊष्मा पैदा होती है और आख़िरकार विस्फोट तक पहुंच जाता है. अमोनियम नाइट्रेट से अक्सर दुनिया भर में जानलेवा औद्योगिक हादसे में हुए हैं.
आरोप किस पर है?
राष्ट्रपति इओन ने इस मामले की पारदर्शी जाँच का वादा किया है. दुर्घटना स्थल पर बुधवार को जाने के बाद उन्होंने कहा, ''हम इसकी तत्काल जाँच कराएंगे और पता लगाया जाएगा कि ये धमाके किन परिस्थितियों में हुए हैं. पूरे मामले में जिनकी भी लापरवाही सामने आएगी उन्हें सज़ा मिलेगी.''
प्रधानमंत्री हसन दिआब ने भी इस लापरवाही को अस्वीकार्य बताया है. पोर्ट के महाप्रबंधक हसन कोरयातम और लेबनानी कस्टम के महानिदेशक बाद्री दाहेर ने बुधवार को कहा कि अमोनियम नाइट्रेट को रखने के मामले में लापरवाही बरती गई है.(bbc)
कोलंबो, 5 अगस्त। श्रीलंका के संसदीय चुनाव के लिए बुधवार दोपहर तक लगभग 40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कई जिलों में 40 प्रतिशत से थोड़ा अधिक मतदान दर्ज किया गया, जिसमें सबसे ज्यादा 48 प्रतिशत मतदान नुवेरा एलिया में दर्ज किया गया, और उसके बाद 46 प्रतिशत मतदान माताले में दर्ज किया गया।
राजधानी कोलंबो में दोपहर तक 34 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
अधिकारी ने कहा कि संसदीय चुनाव के लिए मतदान शाम पांच बजे समाप्त होगा।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि बुधवार के मतदान के लिए लगभग 1.62 करोड़ लोग मतदान के पात्र हैं। इस चुनाव के जरिए 225 सदस्यीय एक नई संसद चुनी जाएगी।
देशभर में मतदान के लिए 12,000 से अधिक मतदान बूथ बनाए गए हैं, जबकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए 69,000 पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त सभी मतदान बूथों पर 8,000 स्वास्थ्य सेक्टर के कर्मचारी तैनात किए गए हैं, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण सख्त स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। इस बीमारी से अबतक देश में 2,800 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कोलंबो के मिरिहाना में बुधवार सुबह मतदान किया, जबकि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने दक्षिण में हंबनटोटा में मतदान किया और पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कोलंबो में अपना वोट डाला।
सभी मतदाताओं और ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के लिए फेस मास्क अनिवार्य था और हाथ की सफाई का भी ख्याल रखा गया। मतदाताओं को अपने वोट को मार्क करने के लिए काली या नीली स्याही की पेन साथ लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।(ians)
दुबई, 5 अगस्त (आईएएनएस)| कोविड-19 महामारी के बीच भारत की तरफ से इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि विजिट वीजा होल्डर्स को यूएई यात्रा की कब अनुमति दी जाएगी, ऐसे में परेशान भारतीय माता-पिता अपने बच्चों को भारत से अमेरिका भेज रहे हैं, ताकि वे वहां से यूएई की यात्रा कर सकें। यूएई स्थित भारतीय राजदूत पवन कपूर ने सोमवार को खलीज टाइम्स से कहा कि भारत सरकार ने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि वह अपने नागरिकों को विजिट वीजा पर यात्रा की अनुमति देगी या नहीं।
खलीज टाइम्स की रपट के अनुसार, माता-पिता के पास कोई विकल्प नहीं है और वे अपने बच्चों को अपने पास बुलाने के लिए अब कठोर उपाय अपना रहे हैं।
दुबई के एक निवासी साहाद सत्तार ने कहा कि उनके दो किशोर बेटे दक्षिण भारतीय राज्य केरल में मार्च से फंसे पड़े थे। उन्होंने दुबई के लिए उड़ान पकड़ने से पहले कालिकट से दिल्ली और फिर शिकागो की 46 घंटे लंबी यात्रा की।
इस उपाय से प्रेरित और भी पैरेंट्स इस रास्ते को अपना रहे हैं।
ऑनलाइन पहल 'टेकमेटोमम' में एक प्रशासक, नीता सलाम ने कहा कि कई सारे माता-पिता यूएई के लिए इस रास्ते के बारे में पूछ रहे हैं। टेकमेटोमम समूह की स्थापना 200 से अधिक उन भारतीय माताओं ने किया है, जिनके बच्चे भारत में फंसे पड़े हैं।
सलाम ने कहा, "कम से कम छह पैरेंट्स ने मुझसे इस विकल्प के बारे में संपर्क किया है। यह एक हताशा भरा कदम है। लेकिन पैरेंट्स को लगता है कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।"
दुबई स्थित एक पैरेंट, जिसका बेटा नई दिल्ली में फंसा पड़ा है, ने खलीज टाइम्स से कहा, "मैंने अपने बेटे के लिए मंगलवार को वाशिंगटन के लिए टिकट बुक किया। विचित्र बात यह है कि जब अमेरिका और भारत में लॉकडाउन घोषित हुआ था, मैंने उसे अमेरिका से भारत भेज दिया यह सोचकर कि वहां से उसे यूएई लाने में आसानी होगी। वह एक अमेरिकी विश्वविद्यालय का छात्र है। अब उसे वापस अमेरिका लौटना पड़ रहा है।"
चूंकि अमेरिका में अलग-अलग राज्य के अलग-अलग कानून हैं, लिहाजा बच्चों को 14 दिनों के क्वोरंटीन के लिए नहीं कहा जाता है।
बेरुत, अगस्त 5 (आईएएनएस)| लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए दो बड़े विस्फोटों में अब तक 50 से अधिक लोग के मारे जाने और करीब ढाई हजार लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। स्वास्थ्य मंत्री हमद हसन ने ये जानकारी दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि विस्फोट मंगलवार शाम (लगभग 6.10 बजे - स्थानीय समय) पर हुए। ये विस्फोट इतने शक्तिशाली थे कि इससे पूरे शहर की इमारतें थर्रा गईं, जो इतने बड़े इंसानी नुकसान का कारण बनीं।
अल-जेडेड टीवी ने हसन हवाले से कहा विस्फोटों में 50 से अधिक लोग मारे गए हैं और करीब 2,500 लोग घायल हो हुए।
मरने वालों की गिनती अभी जारी है, लिहाजा हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दीब ने अपने सहयोगी देशों से आग्रह किया है कि वे लेबनान को विनाशकारी विस्फोटों के नतीजों से उबरने में मदद करें।
इस बीच डायब ने विस्फोटों में मारे गए लोगों के शोक में बुधवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है।
लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल एउन ने विस्फोटों के कारणों और नतीजों पर चर्चा करने के लिए उच्च रक्षा परिषद की एक आपात बैठक बुलाई है। अब तक धमाकों के पीछे के कारणों का पता नहीं चला था। लेकिन लेबनान के आंतरिक मंत्री मोहम्मद फहमी ने आशंका जताई कि पोर्ट ऑफ बेरूत में संग्रहीत विस्फोटक रसायन इन धमाकों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
फहमी ने कहा, "सीमा शुल्क अधिकारियों से पोर्ट ऑफ बेरूत में ऐसी रासायनिक सामग्री के भंडारण के पीछे के कारणों के बारे में पूछा जाना चाहिए।"
विस्फोट से हुए नुकसान को लेकर इस क्षेत्र के कई देशों ने लेबनान के साथ सहानुभूति जताई है। कोविड-19 महामारी और उसके कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान के लिए ये विस्फोट एक और बड़ा झटका हैं।
GOD BLESS LEBANON pic.twitter.com/nRvN3nmgBN
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 4, 2020
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने मंगलवार को कहा कि वह लेबनान को मदद देने के लिए तैयार है। जरीफ ने ट्वीट किया, "हमारी प्रार्थनाएं लेबनान के लोगों के साथ हैं। हमेशा की तरह ईरान हर आवश्यक सहायता देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।"
Our hearts go out to you in your time of sorrow Lebanon.
— Arjun (@arjundsage) August 5, 2020
Words seem inadequate to express the sadness we feel.
May the comfort of God help you during this difficult time.
It’s important for the world to stand up #PrayForLebanon
pic.twitter.com/IhAX5vx7eR
इसके अलावा तुर्की, मिस्त्र और फिलीस्तीन ने भी इस विस्फोट में मारे गए लोगों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवदेनाएं जताईं हैं। साथ ही लेबनान के साथ एकजुटता दिखाते हुए मदद का भरोसा दिलाया है।
अमेरिका के वाशिंगटन में भारतीय समुदाय के लोग कैपिटल हिल पर इकट्ठा होकर रामजन्मभूमि भूमिपूजन की ख़ुशी मना रहे हैं.. (ANI)
बीजिंग, 4 अगस्त (आईएएनएस)| डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य आपातकालीन परियोजना के प्रधान माइकल रयान ने कहा कि चीन के वूहान शहर में क्यों नये कोरोनावायरस संक्रमण का पता चला क्योंकि इसकी ऐसी निगरानी प्रणाली उपलब्ध है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वूहान शहर नये कोरोनावायरस का उद्गम स्थल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस ने घोषित किया कि विश्व भर के लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर मास्क पहनने की बड़ी जरूरत है, जो कि वायरस को रोकने के लिए आवश्यक है और इससे एकता का प्रतीक का भी पता चलता है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को जरूर मास्क पहनना चाहिए और साथ ही भीड़ों से बचना, खांसी होने पर मुंह ढकना तथा अकसर हाथ धोने का आदत बनाये रखना चाहिये। चीन, दक्षिण कोरिया, इटली आदि देशों के तथ्यों से यह साबित है कि महामारी को नियंत्रित करना और वायरस के प्रसार को रोकना संभव है।
ट्रेडोस ने कहा कि वर्तमान में कोविड -19 के लिए कोई रामबाण नहीं है, और शायद ऐसी दवा कभी होगी भी नहीं। वर्तमान में प्रकोप को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण के बुनियादी उपकरणों पर निर्भर है।
बीजिंग, 4 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की कुल संख्या 46 लाख से अधिक हो गई है और मौत के मामलों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है। देखा जा सकता है कि महामारी अब भी अमेरिका में तेजी से फैल रही है। पिछले जनवरी में देश में पहला मामला आने के बाद अमेरिका ने महामारी को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश शुरू की। इसके अतिरिक्त नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन बार-बार हुए और अर्थव्यवस्था को बचाने में भारी राशि का इस्तेमाल किया गया।
सर्वविदित है कि अमेरिका में आम चुनाव होने वाले हैं। महामारी को राजनीतिक मसला बनाना अपरिहार्य है। लेकिन यह स्पष्ट है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सार्वजनिक विश्वास महामारी की वजह से कमजोर हो रहा है।
अमेरिकी विश्वविद्यालय द्वारा जारी जनमत संग्रह के परिणाम के अनुसार कोरोना वायरस से जुड़ी सूचनाओं की चर्चा में 65 प्रतिशत उत्तरदाता पूर्ण रूप से अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथोनी फौसी पर विश्वास करते हैं, जबकि 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे ट्रंप पर भरोसा नहीं करते हैं।
हालांकि विपक्षी पार्टी ने विरोध किया, लेकिन ट्रंप और उप राष्ट्रपति माइक पेंस लंबे समय तक सार्वजनिक स्थलों में मास्क पहनने से परहेज करते रहे, जिससे मास्क विवाद का केंद्र बना।
इसके अतिरिक्त, कोविड-19 महामारी से अमेरिका में चिकित्सा व्यवस्था की कमी भी दिखाई गई। निजी विभाग अमेरिका में चिकित्सा सेवा के मुख्य प्रदाता हैं, जिसके कारण सरकार को सभी मरीजों का इलाज करने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विलियम चेक्ली ने कहा कि समस्या यह है कि अमेरिका के अस्पतालों में गैर बीमा मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता है।
दरअसल, दुनिया में सबसे विकसित देश होने के नाते अमेरिका में सबसे श्रेष्ठ चिकित्सा उपकरण और तकनीकें मौजूद हैं, औद्योगिक विनिर्माण का आधार भी मजबूत है। अगर अमेरिका समस्या को स्वीकार करे और अन्य देशों के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा, तो महामारी पर जल्द ही काबू पाया जा सकेगा।
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 4 अगस्त (आईएएनएस)| इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने कुलभूषण जाधव मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान की संघीय सरकार से भारत को कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए और समीक्षा ट्रायल को सिविल कोर्ट के जरिए होने देने का एक और मौका देने को कहा है।
यह निर्देश सोमवार को दिया गया, जब आईएचसी की दो सदस्यीय पीठ भारतीय नागरिक के मामले की सुनवाई कर रही थी, जिन्हें पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा दी गई है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के निर्णय के अनुरूप रक्षा सचिव द्वारा दायर की गई याचिका में जाधव के लिए एक कानूनी प्रतिनिधि (वकील) नियुक्त करने की मांग की गई है।
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) खालिद जावेद खान ने अदालत को सूचित किया कि जाधव को अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया था। खान ने अदालत को बताया कि 'जाधव एक भारतीय जासूस है, जो भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के साथ काम कर रहा था और उसने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में जासूसी गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल की है।'
एजीपी खान ने कहा, सैन्य अदालत ने आर्मी एक्ट और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के अनुसार जाधव को ट्रायल करने के बाद सजा सुनाई थी, जिसके बाद 2017 में भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया।
पीठ में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्ला और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब शामिल हैं। पीठ ने सरकार से भारत को एक और मौका देने और मामले में कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करने की पेशकश करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, चूंकि अब यह विषय हाईकोर्ट में है, ऐसे में भारत को दूसरा मौका क्यों नहीं दिया जा रहा। भारत सरकार या जाधव अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
अदालत ने सुनवाई के लिए एक बड़ी पीठ का गठन करने का भी फैसला किया और वरिष्ठ वकीलों आबिद हसन मंटो, आबिद खान और मखदूम अली खान को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया।
इस मामले की सुनवाई तीन सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सुनवाई के दौरान एजीपी ने कहा, आईसीजे के आदेशों का पालन करते हुए एक अध्यादेश जारी किया गया है और जाधव को उनकी सजा के खिलाफ पुनर्विचार (समीक्षा) याचिका दायर करने का मौका दिया गया है।
उन्होंने कहा, जाधव को उनकी मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार अपील दायर करने का पूरा अधिकार दिया गया है। भारत अब आईसीजे के फैसले से भाग रहा है।
जाधव को 'जासूसी' के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। हेग स्थित आईसीजे ने मौत की सजा पर रोक लगा दी थी और कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा की प्रभावी समीक्षा करनी चाहिए और बिना देरी भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए।
अफगानिस्तान की जेल पर हमला करके बहुत से लोगों को मारने वाले एक आत्मघाती बमबाज के बारे में एक पत्रकार और लेखक राहुल पंडित ने लिखा है कि कालूकेट्टिया पुरायिल इजास नाम का यह व्यक्ति केरल का रहने वाला है। उन्होंने यह जानकारी खुफिया सूत्रों से मिली हुई बताई है। उन्होंने लिखा है कि यह आदमी अपने परिवार के साथ 2016 में हैदराबाद से मशकट होते हुए अफगानिस्तान चले गया था, और उसकी पत्नी और बच्चा अभी अफगान अधिकारियों के कब्जे में है।
इस्लामिक स्टेट गु्रप के उग्रवादियों ने सोमवार की सुबह अफगानिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ जलालाबाद के पूर्वी भाग में संघर्ष को अंजाम दिया। अधिकारियों ने बताया कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने जेल तोडक़र कैदियों को निकाल बाहर करने के लिए पूरी रात सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष किया। यह संघर्ष अभी जारी है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस लड़ाई की शुरूआत रविवार की शाम को हुई जब कारागार के गेट पर कार में बम धमाका हुआ। उन्होंने कहा कि हमने इसके बाद एक के बाद एक कई धमाकों की जोरदार आवाजें सुनीं और आईएस बंदूकधारियों ने सुरक्षा गार्ड पर भी गोलियां चलाई।
नान्गरहर प्रांत के अधिकारियों ने बताया कि रात भर चली गोलीबारी में 21 नागरिकों की जान चली गई और करीब 43 लोग घायल हो गए। इस घटना से मची अफरातफरी में करीब 75 कैदी जेल से भाग निकले। पुलिस उन्हें दोबारा पकड़ कर जेल में डालने के लिए अभियान चला रही है।
इस हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली है। अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी ने बताया कि स्पेशल फोर्सेस ने जलालाबाद के नजदीक आईएस समूह के सीनियर कमांडर को मार गिराया। इस घटना के बाद जेल तोडक़र कैदियों को छुड़ाने की घटना घटी। इस हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ले ली।
सोहराब कादरी प्रांत के काउंसिल मेंबर ने कहा कि कारागार के बाहर कार में बम का धमाका बहुत जोरदार हुआ। इसके बाद दो थोड़े कम शक्तिशाली बम धमाके हुए। इसके बाद हमलावरों और पुलिस के बीच संघर्ष शुरू हो गया और यह रविवार की शाम को शुरू हुआ और सोमवार की सुबह तक चलता रहा।
सैन फ्रांसिस्को, 4 अगस्त (आईएएनएस)| ट्विटर पर सबसे बड़े हैक को अंजाम देने वाले लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस शख्स ने 30 लाख डॉलर यानी लगभग 22.5 करोड़ रुपये के बराबर बिटकॉइन कमाए हैं। 17 वर्षीय ग्राहम ईवान क्लार्क फ्लोरिडा से है, जिसने अपने दो साथियों की मदद से पिछले महीने बराक ओबामा, जो बिडेन, बिल गेट्स, जेफ बेजोस, इलॉन मस्क सहित 130 नामी-गिरामी हस्तियों के ट्विटर प्रोफाइल को हैक कर सबको चौंका दिया था। अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा ग्राहम और उसके साथियों को दोषी करार दिया गया है।
टाम्पा बे टाइम्स के मुताबिक, फ्लोरिडा के टाम्पा से ताल्लुक रखने वाले इन लड़कों को इस सप्ताहांत में पहली बार कोर्ट में पेश किया गया और अपने इस काम को अंजाम देने के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया।
क्लार्क को एक छोटे से कोर्टरूम में वीडियो स्क्रीन पर काउंटी जज जोएल एन ओबर के सामने पेश किया गया।
फ्लोरिडा के कानून के तहत क्लार्क के लंबित मुकदमे को निस्तारित करने के लिए तय की गई जमानत की राशि 750,000 डॉलर का दस प्रतिशत यानी 72,500 डॉलर लगेगा, क्योंकि उसकी उम्र कम है।
क्लार्क ने इस काम के लिए ऑरलैंडो के 22 वर्षीय नीमा फैजली और ब्रिटेन के 19 वर्षीय मेसन शेपर्ड से इस काम के लिए मदद ली थी।
न्याय विभाग ने पिछले हफ्ते अपने एक बयान में कहा, क्लार्क पर संचार धोखाधड़ी के 17 आरोप, व्यक्तिगत जानकारी के फर्जी उपयोग के लिए 11 और संगठित धोखाधड़ी के लिए एक-एक आरोप लगे हैं।
ब्रिटेन के 19 वर्षीय मेसन शेपर्ड पर वायर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने और एक संरक्षित कम्प्यूटर के साथ जानबूझकर छेड़खानी करने के आरोप लगे हैं।
22 वर्षीय नीमा फैजली पर संरक्षित कम्प्यूटर के साथ जानबूझकर छेड़खानी करने और इस काम में बाकियों की सहायता करने के आरोप लगे हैं।
रियाद, 4 अगस्त (आईएएनएस)| सऊदी अरब में कोविड-19 महामारी के बीच इस साल की हज यात्रा संपन्न हुई। यहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हज यात्रा के दौरान पवित्र स्थलों पर कोरोनावायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हज की रस्में पूरी होने के बाद तीर्थयात्रियों ने सोमवार को मक्का से विदा ली।
ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद के मामलों की सामान्य प्रेसीडेंसी ने कोविड -19 के खिलाफ एहतियाती उपाय सुनिश्चित करते हुए तीर्थयात्रियों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान की थीं।
बता दें कि इस साल कोविड-19 महामारी के चलते तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या के साथ राज्य ने एक असाधारण हज सीजन का आयोजन किया था। इस सीजन में केवल उन घरेलू तीर्थयात्रियों को ही हज करने की अनुमति दी गई जो या तो सऊदी अरब में रहते हैं या यहां के नागरिक हैं।
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कोविड-19 के 1,258 नए मामलों की घोषणा की। इसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,80,093 हो गई। वहीं अब तक 2,42,053 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं।
हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान 32 लोगों की मौत के साथ मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 2,949 हो गई है।
अरुल लुइस
न्यूयॉर्क, 4 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक सरकारी स्वामित्व वाले बड़े निगम के प्रमुख को नौकरी से निकाल दिया है। इस अधिकारी ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी कर्मचारियों की जगह पर आउटसोर्स वर्कर्स को रखा था। यह कदम उठाने के साथ-साथ ट्रम्प ने यह भी कहा है कि वह इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए ही एच 1-बी वीजा नियमों को बदल रहे हैं।
सोमवार को ट्रम्प ने कहा, "हम एच 1-बी रेगुलेशंस को अंतिम रूप दे रहे हैं ताकि किसी भी अमेरिकी कर्मचारी को फिर से प्रतिस्थापित न किया जाए। एच 1-बी को ऐसी टॉप और अत्यधिक भुगतान की जाने वाली प्रतिभाओं के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो अमेरिकियों के लिए नौकरियां पैदा करें, न कि अमेरिकियों की नौकरियों को खत्म करने के लिए सस्ते श्रम कार्यक्रम के रूप में काम करे।"
ट्रम्प पहले ही इस साल के अंत तक के लिए अधिकांश एच 1-बी और कुछ अन्य वर्क वीजा को फ्रीज कर चुके हैं।
टेनेसी वैली अथॉरिटी (टीवीए) के अध्यक्ष जेम्स थॉम्पसन और निदेशक रिचर्ड हावर्थ की बर्खास्तगी की घोषणा करते हुए, उन्होंने सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी, "यदि आप अमेरिकी श्रमिकों के साथ विश्वासघात करते हैं, तो आप दो सरल शब्दों को सुनेंगे कि 'आपको निकाला जाता है'।"
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि टीवीए अपने फैसलो को पलटकर अमेरिकी कर्मचारियों को बुलाने के लिए तेजी से काम नहीं करता है तो बोर्ड के और भी सदस्यों को हटाया जा सकता है।
वहीं कुछ डेमोक्रेट और रिपब्लिकन ने भी कोविड-19 महामारी के दौरान एच1-बी वर्कर्स से टीवीए टेकीज को प्रतिस्थापित करने का विरोध किया है।
बता दें कि एच1-बी वीजा धारकों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की ही है। 74 फीसदी वर्क वीजा भारतीयों के पास हैं।
लंदन, 3 अगस्त (आईएएनएस)| ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि देश में दो नई टेस्ट लांच की जाएगी, जिससे 90 मिनट में कोरोना की जांच संभव होगी। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि स्वाब और डीएनए टेस्ट सर्दी में वायरस से मुकाबले के लिए अहम होगा। करीब पांच लाख लैपोर स्वाब टेस्ट अगले सप्ताह से लैबोरेटरी एवं एडल्ट केयर सेंटर में उपलब्ध होंगे।
इसके साथ ही आक्सफोर्ड नैनोपोर के द्वारा लाखों टेस्ट इस साल बाद में आपूर्ति की जाएगी।
इस बीच हजारों डीएनए टेस्ट मशीनें सितंबर से एनएचएस अस्पतालों में उपलब्ध हो जाएंगी। अभी इस मशीन का लंदन के अस्पतालों में उपयोग किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इन मशीनों से 90 मिनट में जांच की जा सकेगी, जिससे कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी।
वाशिंगटन, 2 अगस्त | अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से धरती के लिए रवाना हो गया है। नासा ने एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी। वीडियो में स्पेसएक्स आईएसएस से निकलता हुआ नजर आ रहा है। फ्लोरिडा में साइक्लोन की चेतावनी के बावजूद यह भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 5 बजे आईएसएस से रवाना हुआ। इसके रविवार रात 12 बजे के करीब धरती पर पहुंचने की संभावना है।
स्पेसएक्स (Spaceex) और नासा (NASA) की 45 वर्ष में पहली बार किसी अंतरिक्ष यात्री (Space Traveler) को सीधे समुद्र में उताने की योजना है और ऐसी ही वापसी की तैयारी कर रहे अमेरिका के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने ‘सीसिक बैग’ तैयार कर लिए हैं. सी सिकनेस दरअसल पानी में यात्रा के दौरान मितली, उल्टी और चक्कर आने जैसी समस्याओं को कहते हैं और ऐसे हालात में सीसिक बैग का इस्तेमाल किया जा सकता है.
CREW VIEWS: @AstroBehnken and @Astro_Doug are seen inside the @SpaceX Dragon Endeavour. Soon they will don their spacesuits in preparation for today's splashdown at 2:48pm ET (6:48pm UTC). pic.twitter.com/lpRJ7QJbkk
— NASA (@NASA) August 2, 2020
ड्रैगन को मैक्सिको की खाड़ी में उतारने की योजना
स्पेसएक्स और नासा की रविवार दोपहर डाउग हर्ले और बॉब बेनकेन को कंपनी के ड्रैगन कैप्सूल में मैक्सिको की खाड़ी में उतारने की योजना है. फ्लाइट कन्ट्रोलर्स चक्रवात इसाइएस पर करीब से नजर रख रहे हैं, जिसके फ्लोरिडा के पूर्वी तट पर आने की आशंका है और जहां उन्हें उतारने की योजना है वह स्थान फ्लोरिडा के करीब है.
हर्ले और बेनकेन लहरों में बीमार पड़ गए
हर्ले ने कहा कि अगर वह और बेनकेन लहरों में बहते हुए बीमार पड़ गए तो यह चालक दल के लिए कोई नयी बात नहीं होगी. इससे पहले 1970 में स्काईलैब से आने वाले अंतरिक्ष यात्री भी समुद्र में उतरने के बाद बीमार पड़ गए थे. हर्ले ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से चालक दल के अंतिम संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पानी में लैंड करने पर बीमार महसूस करना साधारण बात है.’
कैप्सूल 31 मई से अंतरिक्ष स्टेशन पर है
यह स्पेसएक्स का अतंरिक्ष यात्रियों को सीधे समुद्र में लैंड कराने का पहला मौका है. लैंडिंग के साथ ही 30 मई को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से शुरू हुई. दो माह की टेस्ट फ्लाइट का समापन हो जाएगा. करीब एक दशक के बाद अमेरिका से किसी चालक दल की यह पहली उड़ान थी. अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाला कैप्सूल 31 मई से अंतरिक्ष स्टेशन पर है.
एक घंटा ड्रैगन कैप्सूल पानी में रहेगा
हर्ले ने कहा कि ड्रैगन के आपातकाल तथा अन्य उपकरणों की ठीक तरह से जांच कर ली गई है. लांच और गंतव्य तक पहुंचने में कोई बाधा नहीं हुई तो हम उम्मीद कर रहे हैं कि सागर में उतरने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी. ड्रैगन कैप्सूल करीब एक घंटे तक पानी में रहेगा और इसके बाद इसे एक क्रेन के जरिए निकाल कर स्पेसएक्स रिकवरी शिप पर रखा जाएगा. इस दौरान फ्लाइट सर्जन और रिकवरी दल के सदस्य मौजूद रहेंगे.
बेनकेन ने संवाददाताओं से कहा कि जब तक हमारे पास लैंडिंग के बेहतर विकल्प नहीं होंगे, हम अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना नहीं होंगे. स्प्लैशडाउन के लिए मौसम अच्छा है.
इससे दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले की करीब 63 दिन बाद धरती पर वापसी होगी। दोनों एस्ट्रोनॉट अपने साथ एक अमेरिकन फ्लैग लेकर लौटेंगे, जिसे 9 साल पहले अंतरिक्ष में भेजा गया था।
45 साल बाद कोई अमेरिकी स्पेसशिप समुद्र की सतह पर उतरेगा। इसे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की भाषा में स्प्लैश लैंडिंग कहा जाता है। इससे पहले 24 जुलाई 1975 को अपोलो सोयूज टेस्ट प्रोजेक्ट के तहत ऐसा किया गया था। यह स्पेस मिशन अमेरिका और सोवियत यूनियन ने मिलकर लॉन्च किया था।
हितेश टिकू
लंदन, 2 अगस्त (आईएएनएस)| ब्रिटेन में एक ताजा रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जेल में बंद आतंकवादी, जेलों में अपनी कैद के समय का इस्तेमाल अधिक कट्टरपंथी बनने और दूसरों पर हमलों की तैयारी करने के एक अवसर के रूप में कर सकते हैं।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ रेडिकलाइजेशन (आईसीएसआर) के एक शोध से पता चला है कि 2016 के बाद से ब्रिटेन में जेल में बंद या रिहा हुए कैदियों द्वारा कम से कम पांच आतंकवादी हमले किए गए या करवाए गए।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जिहादी 'जेलों को संघर्ष और टकराव के एक थिएटर में बदल रहे हैं।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि चरमपंथियों के बीच एक उभरता हुआ विचार यह है कि जेल न केवल भर्ती या नेटवर्क बनाने लिए एक अवसर है बल्कि खुद को भी और अधिक चरमपंथी विचारों से लैस करने का अवसर देती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों को भर्ती करने के आरोप में कैद किए गए रिक्रूटर्स मनोविज्ञान का अध्ययन बेहतर रिक्रूटर बनने के लिए करते हैं। कैद किए गए विचारक इस्लामी और जिहादी इतिहास को और बेहतर विचारक बनने के लिए सीखते हैं।
इसमें कहा गया है कि ऐसे कैदी जेल को युद्ध के मैदान में आईएसआईएस के नुकसान और जिहादी परिदृश्य में व्यापक उथल-पुथल से उबरने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की परीक्षा के रूप में देखते हैं।
शोधकर्ताओं का मानना है कि जिहादियों ने जेलों का उपयोग यह समझने के लिए भी किया है कि अधिकारी काम कैसे करते हैं। वे जल्द रिहा होने के लिए खुद का व्यवहार जेल में अच्छा रखते हैं।
शोधकर्ताओं फिशमोंगर्स हॉल पर हमला करने वाले उस्मान खान की मिसााल दी है।
पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक खान ने सरकार के पुनर्वास और चरमपंथ से दूर होने की योजनाओं में भाग लिया था। उसे सरकार की इन योजनाओं की सफलता के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा था, जब तक कि उसने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लर्निग टुगेदर स्कीम के एक कार्यक्रम पर हमला नहीं कर दिया।
उसे 2012 में कश्मीर में एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर स्थापित करने की योजना के लिए जेल में डाल दिया गया था। अपील पर उसकी सजा कम कर दी गई थी और दिसंबर 2018 में वह मुक्त कर दिया गया था।
खान ने जेल में लिखा कि उसकी पिछली मान्यताएं 'इस्लाम की गलत व्याख्या' के कारण थीं और वह अब 'एक नए रास्ते पर' है और अब किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
आईसीएसआर की ब्रिटेन समेत यूरोप के दस देशों को कवर करने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि खान ने हो सकता है कि 'सिस्टम के साथ खेल खेला हो'। रिपोर्ट में सरकार से कहा गया है कि वह जोखिम-मूल्यांकन तरीकों और चरमपंथरोधी कार्यक्रमों की समीक्षा करे।
ब्रिटिश न्याय मंत्रालय ने कहा कि इस दावे का कोई आधार नहीं है कि चरमपंथी ब्रिटेन की जेलों को एक अवसर के रूप में देखते हैं। मंत्रालय ने कहा कि शोधार्थियों की ब्रिटेन में कैदियों तक सीधी पहुंच नहीं होने के कारण यह बातें निराधार हैं।
ब्रिटिश संसद के सदन हाउस आफ कॉमन्स ने हाल में आतंकियों की सजा अवधि बढ़ाने वाले कानूनों को मंजूरी दी है।
मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमने चरमपंथियों को जहरीली विचारधारा को सलाखों के पीछे से फैलाने से रोकने के लिए दुनिया भर में अग्रणी कदम उठाए हैं। हमारे नए कानून का मतलब है कि अब उन्हें सख्त सजा और रिहाई पर निगरानी का सामना करना पड़ेगा जिसमें व्यवहार की जांच करने के लिए पॉलीग्राफ परीक्षण भी शामिल है।"
लॉस एंजेलिस, 2 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिकी गायिका ब्रेंडी ने आठ साल के ब्रेक के बाद अपने सातवें म्यूजिक अल्बम 'बी 7' को रिलीज किया है। 'वेराइटी डॉट कॉम' के मुताबिक, 15 गानों वाले अल्बम के गीत के बोल को ब्रेंडी ने लिखा है और सह-निर्माण किया है।
'बी 7' को 31 जुलाई को गायिका के रिकॉर्ड लेबल ब्रांड नू और ईवन अर्बन के जरिए रिलीज किया गया।
अपने पूर्व लेबल, कैमिलिअन एंटरटेनमेंट के साथ पांच साल की कानूनी लड़ाई के बाद ब्रेंडी ने रोलिंग स्टोन को बताया कि उन्होंने आखिरकार इस रिकॉर्ड की रिलीज के साथ स्वतंत्रता पाई है।
ब्रेंडी ने कहा, "मैंने इस प्रोजेक्ट में अपना सब कुछ लगा दिया। यह मेरे लिए बहुत आजादीभरा अनुभव था, क्योंकि मुझे वास्तव में दिल से लिखने का मौका मिला।"
हालांकि ब्रेंडी 2017 में कैमिलिअन के साथ एक समझौता कर लिया। गायिका ने कहा कि उन्होंने 'बी 7' रिलीज करने में अपना समय लिया और यह सुनिश्चित किया कि यह उनका अब तक का सबसे अच्छा काम है।
फ्लोरिडा, 2 अगस्त। अंतरिक्ष में गए स्पेसएक्स और नासा के दो अंतरिक्षयात्री आज धरती पर लौट रहे हैं। ऐस्ट्रोनॉट्स क्रशड्ढद्गह्म्ह्ल क्चद्गद्धठ्ठद्मद्गठ्ठ और ष्ठशह्वद्दद्यड्डह्य ॥ह्वह्म्द्यद्ग4 ने स्पेस स्टेशन को छोड़ दिया है और धरती की तरफ बढ़ रहे हैं। स्पेसएक्स और नासा 45 वर्ष में पहली बार किसी अंतरिक्षयात्री को सीधे समुद्र में उतारने जा रहा है।
अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ट्वीट करके बताया कि स्पेसएक्स ड्रैगन एंडेवर अंतरिक्ष से निकल चुका है और धरती पर आ रहा है। नासा ने ट्वीट के जरिए बताया कि ड्रैगन एंडेवर इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन के चारों और मौजूद अप्रोच एलिपसॉइड से बाहर निकल गया है और सुरक्षित स्थान पर है।
नासा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक विडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘स्पेसएक्स ड्रैगन एंडेवर लगातार नीचे की ओर बढ़ रहा है और स्पेस स्टेशन के ऑर्बिट के सामने है। हमारे क्रू की धरती के लिए यात्रा जारी है।’
चक्रवात इसायस ने शनिवार की सुबह बहामास में तबाही मचाई और अब फ्लोरिडा की तरफ बढ़ गया है। चक्रवात की वजह से अंतरिक्षयात्रियों को लैंडिंग में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। इसके मद्देनजर उस तूफान पर करीबी नजर रखी जा रही है, जिसके फ्लोरिडा के पूर्वी तट से टकराने की आशंका है।
2011 के बाद पहली बार अमेरिका का कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में गया है। नासा ने केनेडी स्पेस सेंटर से 30 मई को यह मिशन रवाना किया था। अंतरिक्ष यात्री 31 मई से ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं। इस दौरान अंतरिक्ष में चहलकदमी करने के अलावा इन्होंने कई प्रयोग भी किए हैं। (navbharattimes.indiatimes.com)
सैन फ्रांसिस्को, 1 अगस्त। अमेरिकी न्याय विभाग ने पिछले महीने नामचीन हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हैक करने के मामले में तीन युवाओं (एक किशोर सहित) पर शिकंजा कसा है। इन युवाओं पर पिछले माह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, जो बिडेन, बिल गेट्स, जेफ बेजोस, एलोन मस्क, एप्पल और उबर समेत कई हाई-प्रोफाइल हस्तियों का ट्विटर हैंडल हैक करने का आरोप है, जिनमें राजनेताओं से लेकर व्यवसायी व मनोरंजन जगत की दिग्गज हस्तियां शामिल हैं।
इस मामले में ब्रिटेन के 19 वर्षीय मैसन शेपर्ड उर्फ चीवन को उत्तरी कैलिफोर्निया से एक आपराधिक शिकायत के साथ काबू किया गया है। शेपर्ड पर धोखाधड़ी, साजिश रचने, मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने और एक संरक्षित कंप्यूटर से जानबूझकर छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाए गए हैं।
न्याय विभाग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि फ्लोरिडा के ऑरलैंडो से 22 वर्षीय नीमा फाजली उर्फ रोलेक्स को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में पकड़ा गया तीसरा आरोपी किशोर है।
इन साइबर हमलावरों ने 130 ट्विटर अकाउंट्स को निशाना बनाया और अंतत: 45 अकाउंट्स से ट्वीट किया। इन्होंने 36 अकांउट्स से डीएम (डायरेक्ट मैसेज) तक पहुंच स्थापित की और सात अकाउंट्स के ट्विटर डेटा को डाउनलोड किया।
इस घटना ने ट्विटर टूल और कर्मचारी पहुंच के स्तरों के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं।(ians)
काबुल, 1 अगस्त (आईएएनएस)| अफगानिस्तान के नानगरहार प्रांत में आई बाढ़ से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। टोलो न्यूज ने ननगरहार के राज्यपाल के प्रवक्ता अताउल्लाह खोग्यानी ने कहा, बाढ़ शुक्रवार की रात को कलातक क्षेत्र में आया। इससे पहले यहां काफी बारिश हुई थी।
खोग्यानी ने कहा कि 16 मृतकों में से 15 बच्चे हैं। इसके अलावा चार और घायल हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
बोस्टन, 1 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने दोजखर त्सरनेव की मौत की सजा को पलट दिया है। उसने अपने भाई के साथ मिलकर 2013 की बोस्टन मैराथन की फिनिश लाइन के पास घर का बना बम लगाया था। इसमें तीन दर्शक मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बोस्टन में पहले यूएस कोर्ट ऑफ अपील के तीन-जजों के पैनल ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कार्यवाही में त्रुटियों का हवाला दिया और मौत की सजा की निंदा की।
हालांकि शासन त्सरनेव को मुक्त नहीं होने देगा और उसकी मौत की सजा पर फिर से विचार किया जा सकता है।
शासन के बयान के एक अंश के अनुसार, "त्सरनेव अपने पूरे जीवनकाल में जेल में बंद रहेगा।"
27 साल के त्सरनेव को 15 अप्रैल, 2013 को बोस्टन मैराथन में प्रेशर कुकर बम लगाने के लिए साजिश रचने और उसे सामूहिक विनाश के एक हथियार के इस्तेमाल करने समेत 30 आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया था। वह अभी पश्चिमी राज्य की जेल में अपनी सजा काट रहा है।
बम विस्फोट में तीन लोगों की मौत हुई थी और 260 से अधिक घायल भी हो गए थे।
हमले के तीन दिन बाद पुलिस के साथ मुठभेड़ में उसके भाई तैमरलेन की मृत्यु हो गई थी ।
वॉशिंगटन, 1 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह शनिवार तक एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से देश में चीनी ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा देंगे। मीडिया रपटों में इसका खुलासा हुआ है। शुक्रवार को एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "जहां तक टिकटॉक की बात है तो हम अमेरिका में उस पर बैन लगाने जा रहे हैं।"
द हिल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा कि वह जल्द से जल्द शनिवार तक अमेरिका में कंपनी की सेवा को रोकने के लिए आपातकालीन आर्थिक शक्तियों या कार्यकारी आदेश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वह अमेरिकी कंपनी द्वारा टिकटॉक के अधिग्रहण किए जाने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं रहे हैं, इस ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "मेरे पास यह अधिकार है। मैं एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से ऐसा कर सकता हूं।"
ट्रंप की यह घोषणा उन रपटों के कुछ घंटे बाद आई जिसमें खुलासा किया गया था कि माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बीजिंग स्थित कंपनी बाइटडांस से टिकटॉक को खरीदने से संबंधित बातें चल रही हैं।
सैन फ्रांसिस्को, 1 अगस्त (आईएएनएस)| माइक्रोसॉफ्ट द्वारा अगले साल 19 जनवरी में अमेरिका में स्थित अपने कार्यालयों को खोलने की बात कही जा रही है। द वर्ज के मुताबिक, कंपनी की योजना अपने कार्यालयों को छह चरणों में खोलने की है।
रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया, छठवें चरण की शुरूआत तब होगी जब कर्मचारियों के काम पर वापस लौटने के लिए ये पूरी तरह से खुलने के लिए तैयार हो जाएंगे।
ये छह चरण कुछ इस प्रकार हैं : बंद, अनिवार्य रुप से घर से काम, घर से काम करने का अधिकाधिक प्रोत्साहित करना, ऑफिस का थोड़ा खुलना, प्रतिबंधों के साथ खुलना और आखिरकार पूरी तरह से खुलना।
माइक्रोसॉफ्ट के कॉपोर्रेट रणनीति के प्रमुख कर्ट डेलेवेन ने एक आंतरिक ज्ञापन में कहा, "हमने फैसला लिया है कि अमेरिका में छठवें चरण की यथाशीघ्र संभावित तारीख अब 19 जनवरी, 2021 है।"
ज्ञापन में आगे कहा गया, "छठवें चरण के लिए हमारा लक्ष्य सामान्य परिचालन में वापस जाना है जिसकी तैयारी हमें पहले के चरणों में करनी है।"
गूगल की भी योजना फिलहाल यही है कि अगले साल जुलाई तक उनके कर्मी घर पर रहकर ही काम करें और ऐप्पल के कर्मचारी भी अगले साल की शुरूआत तक ऑफिस का रूख नहीं करेंगे।
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बीजिंग, 31 जुलाई (आईएएनएस)| पिछले तीन-चार दशकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से, चीन सरकार ने करोड़ों गरीब नागरिकों को गरीबी की दलदल से बाहर निकाला है। इसके लिये देश में तीन दशक तक चले तीव्र आर्थिक विकास को बड़ी वजह माना गया है। पिछले तीन दशक के दौरान चीनी आर्थिक प्रणाली के विकास और वैश्विक बाजार को गले लगाने के साथ 70 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। चीन का यह प्रयास ऐतिहासिक है और चीन सरकार अब साल 2020 तक ग्रामीण इलाकों में पूरी तरह से गरीबी मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण चीन में आयी आर्थिक विकास में मंदी, और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी फैली आर्थिक मंदी के चलते इस साल चीन के लिए समग्र गरीबी उन्मूलन को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। निश्चित रूप से बड़े प्रयासों की आवश्यकता होगी। देखा जाए तो वैश्विक संकट बड़ी चुनौतियां और खतरे पैदा करता है, लेकिन एक अवसर भी देता है जो हम अपने प्रयासों में सुधार ला सकें।
गरीबी उन्मूलन में चीन की सफलता के कई पहलू दुनिया के ध्यान में लाने लायक हैं। गौर करें तो चीन ने ऐसी कार्रवाइयों को अमलीजामा पहनाया है जिनसे गरीब लोग अपने पास मौजूद परिसंपत्तियों से लाभ कमा सकते हैं। इसके अलावा, चीन ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जल्द विकसित करने के लिए कृषि को आधुनिक बनाया है, एक प्रभावशाली सामाजिक सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है, और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए लक्षित गरीबी उन्मूलन के तरीकों को अपनाया है।
साल 2016 से 2020 तक चीन की 22 प्रांतों में कुल 98.10 लाख लोगों को पक्के घरों में शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ लोगों को शहरी इलाकों में बने घरों में बसाया जा रहा है तो कुछ को समृद्ध ग्रामीण इलाकों में बसाया जा रहा है। चीन को उम्मीद है कि इस कदम से 2020 के अंत तक वह अपने सभी गरीब लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर ले आने में सफल हो जाएगा।
साल 1980 के बाद तेजी से आर्थिक विकास की मदद से चीन ने अपने देश में गरीबी को तेजी से समाप्त किया है। पुनर्वास के उपायों से गरीबी दूर करने की चीन की कोशिशें रंग ला रही हैं। इसका सबसे ज्यादा श्रेय चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को जाता है। दरअसल, माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दौरान शी चिनफिंग ने 7 साल गांवों में बिताए। इस अनुभव ने शी चिनफिंग की राजनीतिक प्राथमिकताएं तय की हैं, और राष्ट्रपति शी भली-भांति जानते हैं कि चीन के किसान और गरीब लोग क्या चाहते हैं।
चीन सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर गरीब क्षेत्रो में बुनियादी ढांचा निर्माण पर ज्यादा जोर दिया है। बुनियादी ढांचा निर्माण से परिवहन, साफ पीने का पानी और बिजली की आपूर्ति और गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में संचार में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं। लाखों गरीब परिवारों के आवासों का पुनर्निर्माण किया गया है। गरीब क्षेत्रों में गरीब ग्रामीण निवासियों को दी गईं बुनियादी सार्वजनिक सेवाएं, जैसे शिक्षा और चिकित्सा देखभाल में सुधार हुआ है।
इस तरह चीन अपने गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करने की राह पर तेजी से चल रहा है, और पूरी उम्मीद है कि इस साल के अंत तक वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगा।