अंतरराष्ट्रीय
बीजिंग, 31 जुलाई (आईएएनएस)| पिछले तीन-चार दशकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से, चीन सरकार ने करोड़ों गरीब नागरिकों को गरीबी की दलदल से बाहर निकाला है। इसके लिये देश में तीन दशक तक चले तीव्र आर्थिक विकास को बड़ी वजह माना गया है। पिछले तीन दशक के दौरान चीनी आर्थिक प्रणाली के विकास और वैश्विक बाजार को गले लगाने के साथ 70 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। चीन का यह प्रयास ऐतिहासिक है और चीन सरकार अब साल 2020 तक ग्रामीण इलाकों में पूरी तरह से गरीबी मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण चीन में आयी आर्थिक विकास में मंदी, और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी फैली आर्थिक मंदी के चलते इस साल चीन के लिए समग्र गरीबी उन्मूलन को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। निश्चित रूप से बड़े प्रयासों की आवश्यकता होगी। देखा जाए तो वैश्विक संकट बड़ी चुनौतियां और खतरे पैदा करता है, लेकिन एक अवसर भी देता है जो हम अपने प्रयासों में सुधार ला सकें।
गरीबी उन्मूलन में चीन की सफलता के कई पहलू दुनिया के ध्यान में लाने लायक हैं। गौर करें तो चीन ने ऐसी कार्रवाइयों को अमलीजामा पहनाया है जिनसे गरीब लोग अपने पास मौजूद परिसंपत्तियों से लाभ कमा सकते हैं। इसके अलावा, चीन ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जल्द विकसित करने के लिए कृषि को आधुनिक बनाया है, एक प्रभावशाली सामाजिक सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है, और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए लक्षित गरीबी उन्मूलन के तरीकों को अपनाया है।
साल 2016 से 2020 तक चीन की 22 प्रांतों में कुल 98.10 लाख लोगों को पक्के घरों में शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ लोगों को शहरी इलाकों में बने घरों में बसाया जा रहा है तो कुछ को समृद्ध ग्रामीण इलाकों में बसाया जा रहा है। चीन को उम्मीद है कि इस कदम से 2020 के अंत तक वह अपने सभी गरीब लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर ले आने में सफल हो जाएगा।
साल 1980 के बाद तेजी से आर्थिक विकास की मदद से चीन ने अपने देश में गरीबी को तेजी से समाप्त किया है। पुनर्वास के उपायों से गरीबी दूर करने की चीन की कोशिशें रंग ला रही हैं। इसका सबसे ज्यादा श्रेय चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को जाता है। दरअसल, माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दौरान शी चिनफिंग ने 7 साल गांवों में बिताए। इस अनुभव ने शी चिनफिंग की राजनीतिक प्राथमिकताएं तय की हैं, और राष्ट्रपति शी भली-भांति जानते हैं कि चीन के किसान और गरीब लोग क्या चाहते हैं।
चीन सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर गरीब क्षेत्रो में बुनियादी ढांचा निर्माण पर ज्यादा जोर दिया है। बुनियादी ढांचा निर्माण से परिवहन, साफ पीने का पानी और बिजली की आपूर्ति और गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में संचार में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं। लाखों गरीब परिवारों के आवासों का पुनर्निर्माण किया गया है। गरीब क्षेत्रों में गरीब ग्रामीण निवासियों को दी गईं बुनियादी सार्वजनिक सेवाएं, जैसे शिक्षा और चिकित्सा देखभाल में सुधार हुआ है।
इस तरह चीन अपने गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करने की राह पर तेजी से चल रहा है, और पूरी उम्मीद है कि इस साल के अंत तक वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगा।
तुर्की, 31 जुलाई| दुनियाभर में देश इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि ऑनलाइन कंटेंट को और बेहतर तरीक़े से कैसे नियंत्रित किया जाए. इसमें हेट स्पीच से लेकर कोरोना वायरस की फ़ेक न्यूज़ तक शामिल है.
तुर्की का भी कहना है कि उसने इसी दिशा में कदम उठाया है लेकिन सरकार की मंशा को लेकर विवाद बना हुआ है.
नए क़ानून के सोशल मीडिया के लिए क्या मायने हैं?
ये क़ानून कहता है कि 10 लाख से ज़्यादा यूज़र वाली सोशल मीडिया फर्म का तुर्की में कार्यालय होना चाहिए और वो कंटेट हटाने के सरकार के अनुरोधों का पालन करे.
अगर कंपनी इससे इनकार करती है तो उस पर जुर्माना लगेगा या डाटा की स्पीड कम हो जाएगी.
ये बदलाव कई बड़ी कंपनियों और प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, गूगल, टिकटॉक और ट्विटर पर भी लागू होते हैं.
नए क़ानून के तहत, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बैंडविथ में 95 प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है. इस कटौती से वो इस्तेमाल के लायक नहीं रह पाएंगे.
इसके अलावा नया क़ानून कहता है कि सोशल मीडिया नेटवर्क्स को अपना यूज़र डाटा तुर्की में रखना होगा.
तुर्की की आठ करोड़ 40 लाख की जनसंख्या के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स काफ़ी लोकप्रिय हैं. खासतौर पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, स्नैपचेट और टिकटॉक वहां काफ़ी पसंद किए जाते हैं. उनके करोड़ों यूजर्स हैं.
नए क़ानून से क्या होगा फायदा
सरकार का कहना है कि इस क़ानून का उद्देश्य साइबर-क्राइम से लड़ना है और लोगों को ''अनियंत्रित साजिशों'' से बचाना है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन सालों तक सोशल मीडिया साइट्स को "अनैतिक" ठहराते रहे हैं. इन पर कड़ा नियंत्रण करने की उनकी इच्छा किसी से छुपी नहीं है.
तुर्की की संसद में नए क़ानून पर बहस के दौरान ऑनलाइन विनियमन को लेकर अक्सर जर्मनी का उदाहरण दिया गया है.
साल 2017 में, जर्मनी ने नेटवर्क एनफोर्समेंट एक्ट यानी नेट्जडीजी लागू किया था जिसमें हेट स्पीच और आपत्तिजनक कंटेंट से निपटने के लिए इसी तरह के नियम थे.
जर्मनी में अगर सोशल मीडिया प्लेफॉर्म्स इस तरह के कंटेंट को 24 घंटों में नहीं हटाते हैं तो उन पर 50 मिलियन यूरो तक जुर्माना लग सकता है.
हाल ही में इस क़ानून में ये भी नियम बनाया गया है कि संदेहजनक आपराधिक कंटेंट को सीधे जर्मनी की पुलिस के पास भेजा जाएगा.
क़ानून में समस्या?
लेकिन, इंटरनेट पर नियंत्रण के मामले में तुर्की और जर्मनी का बहुत अलग इतिहास रहा है.
लोकतांत्रिक जर्मनी में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई आंच ना आए इसकी लगातार कोशिशें होती हैं और चर्चाएं की जाती हैं. लेकिन, तुर्की में ऑनलाइन स्वतंत्रता पर कहीं ज़्यादा बंदिशें हैं.
तुर्की में सोशल मीडिया पर पहले ही बड़े स्तर पर पुलिसिंग होती है. कई लोगों पर अर्दोआन या उनके मंत्रियों का अपमान करने का आरोप लगाया है. कई बार विदेशी सैन्य घुसपैठ या कोरोना वायरस से निपटने को लेकर आलोचना के कारण लोगों पर कार्रवाई हुई है.
तुर्की का ज़्यादातर मुख्यधारा मीडिया पिछले एक दशक में सरकार के नियंत्रण में आ चुका है. अब आलोचनात्मक आवाज़ों या स्वतंत्र ख़बरों के लिए सोशल मीडिया और छोटे ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ही बचे हैं.
फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन एसोसिएशन (आईएफओडी) के मुताबिक 4 लाख 8 हज़ार वेबसाइट्स को ब्लॉक कया गया है. इसमें विकीपीडिया भी शामिल है, जिस पर इस साल जनवरी से पहले पिछले तीन सालों तक प्रतिबंध लगा था.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नए क़ानून को तुर्की में अभियव्यक्ति की आज़ादी पर खुला हमला बताया है.
मानवाधिकार समूह के तुर्की के शोधकर्ता एंड्रयू गार्डनर कहते हैं, ''नया क़ानून ऑनलाइन कंटेंट को सेंसर करने की सरकार की ताकत बढ़ा देगा. इससे उन लोगों को ख़तरा बढ़ जाएगा जो विरोधी विचारों के कारण प्रशासन के निशाने पर रहे हैं.''
हालांकि, राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कालिन इस बात से इनकार करते हैं कि ये क़ानून सेंसरशिप की तरफ़ ले जाएगा. वह कहते हैं कि इसके ज़रिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ वाणिज्यिक और क़ानूनी संबंध स्थापित करने की मंशा है.
अन्य देशों में क़ानून
सरकारें लगातार इस बात पर विचार कर रही हैं कि सोशल मीडिया स्पीच और ऑनलाइन कंटेंट के मसले से कैसे निपटा जाए.
चीन जैसे देशों में सख़्त नियम हैं. यहां हज़ारों-हज़ार की संख्या में साइबर पुलिस राजनीतिक रूप से संवेदनशील पोस्ट और मैसेज को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नज़र रखती है.
रूस और सिंगापुर में भी इसे लेकर कड़े नियम हैं कि ऑनलाइन क्या पोस्ट किया जाएगा.
इसमें कोई शक नहीं कि ऑनलाइन कंटेंट की इस समस्या को लेकर तुर्की के नज़रिए पर अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के सदस्य अध्ययन करेंगे. इन देशों में भी पहले से सोशल मीडिया विनियमन को लेकर बहस तेज़ है.
कुछ मानवाधिकार समूहों को चिंता है कि तुर्की का नया क़ानून अन्य देशों को भी ऐसे ही तरीक़े अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने चेतावनी दी है कि ये क़ानून ''ऑनलाइन सेंसरशिप के नए काले युग'' का संकेत देता है.(bbc)
मॉस्को, 31 जुलाई (स्पूतनिक)। नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी शहर मैदुगुरी में बोको हराम के आतंकवादियों ने मोर्टार से गोले दागे जिससे दो लोगों की मौत हो गयी और 16 अन्य घायल हो गये।
पीआर नाइजीरिया समाचार आउटलेट ने बताया कि हमला गुरुवार देर रात को हुआ जब लोग ईद उल अजहा के जश्न की तैयारी कर रहे थे। शहर के तीन जिलों में मोर्टार के गोले गिरे जिससे निवासियों में दहशत फैल गयी। घटना की जांच के लिए पुलिस विस्फोटक ऑर्डिनेंस डिटेक्शन (ईओडी) के अधिकारियों को शहर में भेजा गया है।
गौरतलब है कि बोको हराम पर पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र में कई हमलों और अपहरणों का आरोप है। नाइजीरिया आतंकवादियों से निपटने के लिए नाइजर, कैमरून और चाड के साथ सैन्य अभियान चला रहा है।
कूपर्टीनो (कैलिफोर्निया), 31 जुलाई (आईएएनएस)| ऐप्पल के मुख्य वित्तीय अधिकारी लुका मिस्त्री ने इस बात की पुष्टि की है कि नए 2020 आईफोन को सिंतबर में लॉन्च किए जाने की संभावना नहीं है, जैसा कि वे आमतौर पर किया करते हैं मिस्त्री के मुताबिक, ऐप्पल ने पिछले साल सितंबर के अंत में आईफोन की बिक्री शुरू की थी लेकिन इस साल कंपनी परियोजनाओं की आपूर्ति कुछ हफ्ते बाद ही उपलब्ध होगी।
मिस्त्री ने गुरुवार को एक अनिर्ंग कॉल में कहा, "पिछले साल हमने सितंबर के अंत में नए आईफोन को बेचना शुरू किया था, इस साल हमें उम्मीद है कि आपूर्ति कुछ सप्ताह बाद उपलब्ध होगी।"
उन्होंने आगे कहा कि आईफोन के अलावा ऐप्पल के अन्य उत्पादों की श्रेणी में जबरदस्त बिक्री देखे जाने की संभावना है, ऐसा खासकर स्कूलों के दोबारा खुलने के कारण शॉपिंग सीजन के चलते हो सकता है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अप्रैल में भी कहा था कि नए आईफोन के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन कार्य को लगभग एक महीने पीछे धकेल दिया गया है।
हाल ही में क्वालकॉम ने इस बात का संकेत दिया था कि आईफोन 12 को सितंबर में लॉन्च करने में देरी आ सकती है। यह कहा गया कि चौथी तिमाही में एक फ्लैगशिप फोन के लॉन्च में थोड़ी देरी होगी।
ऐप्पल द्वारा आईफोन 12 सीरीज के तहत चार नए आईफोन को लॉन्च किए जाने की उम्मीद है जिसमें इस साल दो प्रीमियम वेरिएंट शामिल होंगे।
वाशिंगटन, 31 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को स्थगित करने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि मतदान के लिए पोस्टल प्रक्रिया से धोखाधड़ी बढ़ सकती है और परिणाम में ऊंच-नीच हो सकती है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने चुनाव को तब तक स्थगित करने की बात कही, जब तक लोग 'ठीक से, सुरक्षित रूप से' वोट देने की हालत में नहीं आ जाते।
हालांकि ट्रंप के दावों का समर्थन करने के लिए बहुत कम सबूत हैं, लेकिन वह लंबे समय से मेल के माध्यम से वोटिंग करने के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनका मानना है कि इसमें धोखाधड़ी होने की संभावना है और यह अतिसंवेदनशील प्रक्रिया है।
अमेरिकी राज्य कोरोनोवायरस महामारी के दौरान लोगों के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण पोस्टल वोटिंग की प्रक्रिया अपनाना चाहते हैं, जिससे लोगों को मतदान करने में आसानी होगी।
हालांकि अमेरिकी संविधान के तहत ट्रंप के पास चुनाव स्थगित करने का अधिकार नहीं है। किसी भी तरह का स्थगन या विलंब के लिए कांग्रेस की अनुमति आवश्यक है। राष्ट्रपति के पास कांग्रेस के दो सदनों से परे प्रत्यक्ष शक्ति नहीं है।
कई ट्वीट्स में ट्रंप ने कहा, यूनिवर्सल मेल-इन वोटिंग 'नवंबर के मतदान को' इतिहास का सबसे गलत और फर्जी चुनाव और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बड़ी शमिर्ंदगी की वजह बनेगी।
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, "बिना सबूत उपलब्ध कराए, अमेरिका में मेल-इन वोटिंग विदेशी हस्तक्षेप के लिए अतिसंवेदनशील होगा।"
उन्होंने कहा, "मतदान में विदेशी प्रभाव की बात की जाती हैं, लेकिन वे यह भी जानते हैं कि मेल-इन वोटिंग के माध्यमस से विदेशी देश इस दौड़ में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।"
काठमांडू, 30 जुलाई (आईएएनएस)| नेपाल के पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण लगभग 5 महीने से बंद माउंट एवरेस्ट और अन्य हिमालयी चोटियों को गुरुवार से फिर से खोल दिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आमतौर पर मार्च से मई तक वसंत के मौसम के दौरान चलने वाले चढ़ाई अभियानों को भी निलंबित कर दिया गया था।
सरकार ने अभियान के लिए चढ़ाई के परमिट जारी करने की प्रक्रिया भी रोक दी थी। साथ ही 13 मार्च, 2020 को वसंत के मौसम के लिए जारी किए गए परमिट भी रद्द कर दिए थे।
आमतौर पर एवरेस्ट के एक अभियान में 45 से 90 दिन लगते हैं। इसके अलावा चढ़ाई का समय मौसम की अनुकूलता पर भी निर्भर करता है।
डिपार्टमेंट ऑफ टूरिज्म की निदेशक मीरा आचार्य ने कहा, "पर्वतारोहियों के लिए अब पहाड़ खुले हैं और विभाग ने आज (गुरुवार) से चढ़ाई शुरू करने के लिए परमिट जारी करना शुरू कर दिया है।"
देश ने पर्वतारोहण के मकसद से 414 शिखर खोले हैं।
इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों में छूट देने के साथ सरकार ने गुरुवार से होटल, रेस्तरां, ट्रेकिंग और पर्वतारोहण सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति दी है।
नेपाल को पर्वतारोहियों से सालाना रॉयल्टी के रूप में 40 लाख डॉलर से अधिक की राशि मिलती है।
डिपार्टमेंट माउंट एवरेस्ट के सामान्य मार्ग के लिए चढ़ाई शुल्क के रूप में 5,500 डॉलर और सर्दियों के दिनों में दूसरे मार्ग के लिए 5,000 डॉलर एकत्र करता है।
देश अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए भी कमर कस रहा है और इसके जरिए शरद ऋतु के मौसम के लिए पर्यटकों की उम्मीद कर रहा है।
आचार्य ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, "क्वारंटीन को लेकर चर्चा अभी भी चल रही है, इसी के कारण हम देश में पर्वतारोहियों के फ्लो को बनाने में असमर्थ हैं।"
हिमालयी राष्ट्र में अब तक 19,273 कोरोनावायरस मामले सामने आए हैं और 49 मौतें हुई हैं।
काबुल, 30 जुलाई (आईएएनएस)| तालिबान ने शेष सभी अफगान सरकारी कैदियों को सद्भावना के संकेत के रूप में ईद के मौके पर रिहा करने को कहा। इसकी जानकारी आतंकवादी समूह के एक प्रवक्ता ने दी। टोलो न्यूज ने तालिबान के कतर कार्यालय के प्रवक्ता सुहेल महेन के हवाले से लिखा है, "दोनों पक्षों के दोहा समझौते के अनुसार गिरफ्तार 5,000 कैदियों की रिहाई ईद को की जाएगी, इससे अंतर-अफगान वार्ता शुरू करने की सुविधा होगी।
दोहा में हस्ताक्षर किए गए यूएस-तालिबान शांति समझौते के तहत, अफगान सरकार 5,000 तालिबान सदस्यों को रिहा करेगी, जिनमें से अब तक यह 4,400 से अधिक को मुक्त कर चुकी है।
समझौते में तालिबान 1,000 अफगान कैदियों को रिहा करेगा, जिसमें से अभी तक 800 की रिहाई हुई है।
कैदी विनिमय एक विश्वास-निर्माण के उपाय के रूप में किए गए समझौते में एक प्रावधान था जो अंतर-अफगान वार्ता के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
मंगलवार को तालिबान ने ईद अल-अधा के दौरान तीन-दिवसीय युद्ध विराम की घोषणा की, जो आने वाले हफ्तों में अंतर-अफगान वार्ता होने वाली थी।
समूह ने अपने लड़ाकों से आह्वान किया कि वे अफगान बलों पर हमला करने से बचें और सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में प्रवेश न करें।
यहां जून 2019 के बाद से तीसरी बार सीजफायर हुआ।
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के बेटे येर नेतन्याहू ने भारत के हिंदुओं से माफ़ी माँगी है.
29 साल के येर सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं.
उन्होंने रविवार को ट्विटर पर देवी दुर्गा की एक तस्वीर साझा की थी, जिनके चेहरे पर लिआत बेन अरी का चेहरा लगा था.
लिआत बेन अरी उनके पिता के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के केस में सरकारी वकील हैं. उन्होंने देवी दुर्गा के चेहरे पर सरकारी वकील की तस्वीर लगा दी थी.
उस तस्वीर में देवी दुर्गा के कई हाथों को अभद्र इशारे करते हुए भी दिखाया गया था.
देवी दुर्गा हमेशा एक शेर के साथ दिखाई जाती हैं. येर ने एक शेर के चेहरे पर इसराइल के अटॉर्नी जनरल की तस्वीर लगा दी थी और उस पर लिखा था, "अपनी औक़ात को पहचानो, तुच्छ लोग."
उनके इस ट्वीट पर कोई लोगों ने काफ़ी नाराज़गी जताई थी, जिसके बाद उन्होंने सोमवार को माफ़ी माँगते हुए ट्वीट किया.
येर ने लिखा, "मैंने एक व्यंगात्मक पेज से 'मीम' साझा किया था, जिसमें इसराइल के नेताओं की आलोचना की गई थी. मुझे नहीं पता था कि इस तस्वीर का कोई संबंध हिंदू आस्था से भी है. मुझे जैसे ही मेरे भारतीय दोस्तों से इसका पता चला तो मैंने ट्वीट हटा दिया. मैं इसके लिए माफ़ी माँगता हूं."
येर आम तौर पर हिब्रू भाषा में सोशल मीडिया पर लिखते हैं लेकिन माफ़ी माँगने वाले ट्वीट को उन्होंने जानबूझकर अंग्रेज़ी में लिखा है ताकि भारत के ज़्यादातर लोग उसे पढ़ सकें.
येर के ट्वीट पर कई लोगों ने तो काफ़ी सख़्त नाराज़गी जताई थी, लेकिन कई लोग ये भी कह रहे थे कि इसराइल और पश्चिमी देशों में लोग को भारतीय धर्म और संस्कृति के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती है इसलिए येर की बातों को उतनी गंभीरता ने नहीं लिया जाना चाहिए.
येर के माफ़ीनामे के बाद इसराइल में कई लोगों ने अपनी ग़लती पर माफ़ी माँगने की हिम्मत दिखाने के लिए येर की तारीफ़ की लेकिन कई लोगों ने उन्हें ग़ैर-ज़िम्मेदार क़रार दिया.
येर इससे पहले भी कई तरह के विवादों में फँस चुके हैं.
इस महीने के शुरू में उन्हें एक महिला पत्रकार डाना वायस से माफ़ी माँगनी पड़ी थी जब येर ने कह दिया था कि प्रतिष्ठित न्यूज़ एंकर इस मुक़ाम पर शारीरिक समझौते कर पहुँची हैं.(bbc)
बीजिंग (आईएएनएस)| चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आली प्रिफेक्च र में स्थित कैलाश पर्वत तिब्बती बौद्ध धर्म, हिन्दू धर्म और जैन धर्म के अनुयाइयों द्वारा माना गया विश्व केंद्र है। वर्ष 2019 में पवित्र कैलाश मानसरोवर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1.907 लाख रही। इधर के वर्षो में अधिकाधिक श्रद्धालु इस पर्वत की परिक्रमा करने के लिए यहां आ चुके हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2019 में फूलेन काऊंटी, जहां पवित्र कैलाश और मानसरोवर है, ने कुल मिलाकर देश-विदेश के 1.907 लाख पर्यटकों का सत्कार किया, जिससे कुल 27.3 करोड़ चीनी युआन की आय हुई। 54 हजार विदेशी पर्यटकों में 73 प्रतिशत भारतीय हैं, जबकि 10 प्रतिशत नेपाली हैं।
महामारी के दौरान ई-कॉमर्स और डिजिटल फाइनेंस....
बीजिंग, 29 जुलाई (आईएएनएस)| पिछले कुछ समय में चीन में ऑनलाइन खुदरा, ऑनलाइन शिक्षा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, टेलेकम्युटिंग आदि नये व्यवसाय उभरकर सामने आये हैं। कोरोना महामारी के दौर में बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन आदि तकनीक के प्रयोग से देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था का तेज विकास हुआ है। चीन की जीडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था का अनुपात करीब 30 प्रतिशत है, और डिजिटल अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर जीडीपी की वृद्धि दर से कई गुणा ज्यादा है। करीब 20 करोड़ लोग डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़े कामों में संलग्न हैं। जाहिर है, देश की अर्थव्यवस्था में इसकी अहम भूमिका है और देश में आर्थिक विकास और रोजगार देने का नया ईंधन बन गयी है।
चीन में नेटिजनों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। हाल में चीनी इंटरनेट एसोसिएशन ने चीन में इंटरनेट विकास की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार चीन में नेटिजनों की संख्या 1 अरब 31 करोड़ 90 लाख रही, ई-कॉमर्स व्यापार 348.1 खरब चीनी युआन रहा और ऑनलाइन भुगतान की राशि करीब 2498.8 खरब युआन रही। चीन में ऑनलाइन भुगतान दर दुनिया में पहले स्थान पर है।
चीन में रह रहे बहुत से विदेशी लोगों का मानना है कि चीन में ऑनलाइन भुगतान बहुत सुविधाजनक है, जो उनके जीवन का एक जरूरी भाग बन गया है। करीब हर सभी छोटी-बड़ी दुकानों पर भुगतान करने का क्यूआर कोड उपलब्ध रहता है। इसे स्कैन कर भुगतान किया जा सकता है। लोग बस अपने मोबाइल फोन से भुगतान कर बस, मेट्रो, टैक्सी आदि में यात्रा कर सकते हैं, या फिर खाने-पीने की तमाम चीजें खरीद सकते हैं। यानी की मोबाइल भुगतान से एक पानी की बोतल से लेकर बड़े-से-बड़े फर्नीचर खरीद सकते हैं।
देखें तो महामारी के दौरान ई-कॉमर्स और डिजिटल फाइनेंस समेत डिजिटल अर्थव्यवस्था ने चीन की अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाया है। 5जी बेस स्टेशन, यूएचवी, हाई-स्पीड रेलवे, नयी ऊर्जा वाहन चार्जिंग पाइल्स, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, औद्योगिक इंटरनेट आदि नये किस्म के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण के चलते अधिकाधिक चीनी लोग डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल होते जाएंगे। माना जा रहा है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था चीन की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाएगी।
वाशिंगटन, 28 जुलाई (आईएएनएस)| राष्ट्रपति पद के संभावित डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से राष्ट्रीय स्तर पर 10 अंकों से आगे चल रहे हैं। नए सर्वेक्षण के अनुसार अधिकांश अमेरिकी मतदाता पूर्व उपराष्ट्रपति को देश का नेतृत्व करते देखना चाहते हैं। द हिल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को जारी हार्वर्ड सीएपीएस-हैरिस पोल में बिडेन को ट्रंप के खिलाफ 55 प्रतिशत समर्थन मिला, जबकि ट्रंप को 45 प्रतिशत।
राष्ट्रपति ट्रंप को 87 प्रतिशत रिपब्लिकन ने समर्थन दिया है, जबकि बिडेन को डेमोक्रेट पार्टी से 91 प्रतिशत समर्थन मिला है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शिकागो विश्वविद्यालय में एसोसिएटेड प्रेस और एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि कोरोनावायरस महामारी से निपटने को लेकर ट्रम्प की अनुमोदन रेटिंग 32 प्रतिशत हो गई, जो कि बहुत कम है।
80 प्रतिशत स्ट्राइकिंग मेजोरिटी का कहना है कि देश 'गलत दिशा में बढ़ रहा है'।
सर्वेक्षण के अनुसार, आर्थिक स्थिति पर सिर्फ 38 प्रतिशत लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था अच्छे आकार में है, जबकि जनवरी में ऐसा कहने वालों की संख्या 67 प्रतिशत थी।
बीजिंग, 28 जुलाई (एजेंसियां)। चीन में प्रारंभ में कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने वाले एक चीनी डॉक्टर ने स्थानीय प्रशासन पर उसके केंद्र वुहान में इस महामारी की प्रारंभिक स्तर पर लीपापोती करने का आरोप लगाया। डॉक्टर ने कहा कि जब वे जांच के लिए गये तब सबूत पहले ही नष्ट कर दिया गया था।
हांगकांग के सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं चिकित्सक प्रोफेसर क्वोक-यंग युएन ने बीबीसी से कहा कि हुनान के वन्यजीव बाजार में सबूत नष्ट कर दिया गया और चिकित्सकीय निष्कर्ष के प्रति जवाबी कार्रवाई बहुत धीमी थी। युएन ने चीनी शहर वुहान में कोविड-19 महामारी के फैलने की जांच में मदद की थी।
बीबीसी के अनुसार उन्होंने कहा, जब हम हुनान सुपरमार्केट में गये तब वाकई वहां देखने के लिए कुछ था ही नहीं क्योंकि बाजार की पहले ही सफाई कर दी गयी थी। ऐसे में आप कह सकते हैं कि अपराधदृश्य में पहले ही गड़बड़ी कर दी गयी थी क्योंकि सुपरमार्केट साफ था। हम ऐसा कुछ नहीं पहचान पाए जो इंसानों में इस वायरस को पहुंचा रहा है।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि जब हम हुनान के सुपर मार्केट में गए तब वाकई वहां देखने के लिए कुछ था ही नहीं, क्योंकि बाजार की पहले ही सफाई कर दी गई थी। हम ऐसा कुछ नहीं पहचान पाए जो इंसानों में इस वायरस को पहुंचा रहा हो।
उन्होंने कहा, मुझे संदेह है कि वे वुहान में स्थानीय स्तर पर कुछ लीपा-पोती की गयी हैं। जिन स्थानीय अधिकारियों को तत्काल सूचना आगे भेजवानी थी, उन्होंने उसे उतनी तत्परता से ऐसा होने नहीं दिया जितनी तत्परता से होनी चाहिए।
कोरोना वायरस पिछले साल दिसंबर में वुहान के हुनान वन्यजीव बाजार से फैला था और अब वह दुनियाभर में 1.6 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस संक्रमण के चलते दुनिया में 648,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और विश्व अर्थव्यवस्था का पहिया थम गया है।
जॉन होपकिंस के आंकड़े के अनुसार चीन में कोविड-19 के 86,570 मामले सामने आए और 4,652 मौतें हुईं। अमेरिका समेत कई देशों ने इस बीमारी की गंभीरता के बारे में दुनिया को अवगत नहीं कराने को लेकर चीन की आलोचना की। लेकिन चीन ने सूचना रोकने के आरोप से इनकार किया है।
चीन पर डॉ ली वेनलियांग और अन्य ऐसे लोगों को सताने का आरोप है जिन्होंने इस जानलेवा वायरस के बारे में चिकित्साकर्मियों को चेतावनी देन का प्रयास किया। पिछले साल दिसंबर में ली पहले एसे व्यक्ति थे जिन्होंने इस वायरस के बारे में रिपोर्ट किया था। वह संक्रमित होकर फरवरी में मर गये।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)| दुनिया भर में बिगड़ते जलवायु संकट से निपटने के मकसद से वैश्विक कार्रवाई किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को नियमित रूप से सलाह देने के लिए 18-28 साल तक की आयु के सात युवा नेताओं में एक भारतीय भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्णय लेने संबंधी और नियोजन प्रक्रियाओं में अधिक युवा नेताओं को शामिल किए जाने के संगठन के इस नए प्रयास को चिह्न्ति करने के लिए गुटेरेस द्वारा यह घोषणा की गई और ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 से उबरने के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में जलवायु कार्रवाई में गति लाने की दिशा में काम कर रहा है।
अर्चना सोरेंग वकालत व अनुसंधान में अनुभवी हैं। वह स्वदेशी समुदायों के पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक प्रथाओं को समर्थन देने, उन्हें संरक्षित करने और उनका प्रसार के काम से जुड़ी हैं।
अन्य युवा जलवायु नेता सूडान, फिजी, मोल्दोवा, अमेरिका, फ्रांस और ब्राजील से हैं।
महासचिव ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन पर युवा सलाहकार समूह की स्थापना की घोषणा करते हुए एक वीडियो में कहा, "हम एक जलवायु आपातकाल की स्थिति में हैं। हमारे पास विलासिता के लिए समय नहीं है। कोविड-19 से बेहतर ढंग से उबरने, अन्याय और असमानता का सामना करने और जलवायु व्यवधान की रोकथाम करने के लिए हमें तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने जलवायु कार्रवाई के फ्रंटलाइन में युवाओं को देखा है जो हमें दिखाते हैं कि एक साहसिक नेतृत्व कैसा दिखता है इसीलिए मैं आज जलवायु परिवर्तन पर अपने युवा सलाहकार समूह को पेश कर रहा हूं - जो जलवायु कार्य योजना में अपने ²ष्टिकोण, विचार और समाधान प्रदान कर हमारी मदद करेंगे।"
बीजिंग (आईएएनएस)| चीन के शनचन शहर में डॉग चिप आरोपण की सामुदायिक कार्यवाही 26 जुलाई को फू थिए जिले के चिंग मी सामुदायिक पार्क में आयोजित हुई। शनचन शहर सितंबर के अंत से पहले कुत्तों के मालिकों से आग्रह करेगा कि वे अपने कुत्तों में इलेक्ट्रॉनिक चिप्स इंजेक्ट करने की पहल करें। अक्टूबर से, चिप प्रत्यारोपित करने में विफल रहने वालों को बिना लाइसेंस वाला कुत्ता माना जाएगा।
सूत्रों के अनुसार 2020 के अंत से पहले शनचन शहर में डॉग चिप प्रबंधन की पूरी कवरेज हासिल करेगा। आंकड़ों के अनुसार अब तक शनचन शहर में 2 लाख 20 हजार डॉग है। डॉग चिप 15-अंकीय अंतर्राष्ट्रीय अद्वितीय डिजिटल कोडों का एक स्ट्रिंग रिकॉर्ड करता है। चिप की वैधता अवधि 15 वर्ष से अधिक होगी।
लंदन (आईएएनएस)| लगातार लंबे चले अभियान के बाद, ब्रिटेन के सिक्कों पर पहली बार अश्वेत, एशियाई और जातीय अल्पसंख्यक (बीएएमई) समूहों की प्रसिद्ध हस्तियों की तस्वीर प्रदर्शित होगी।
'द बैंकनोट्स ऑफ कलर' अभियान ने सरकार से सिक्के या करेंसी पर अश्वेत लोगों की तस्वीर को छापने के बारे में विचार करने के लिए कहा था।
ब्रिटेन में आजतक किसी भी अश्वेत हस्ती की तस्वीर सिक्के या नोट पर छापी नहीं गई है।
इस अभियान की अगुवाई पूर्व कंजरवेटिव पार्लियामेंट्री कैंडिडेट जेहर जैदी ने की है।
जैदी ने इंडिपेंडेंट अखबार से कहा कि सरकार की इसमें रुचि ढाई साल के कठिन परिश्रम का परिणाम है।
उन्होंने कहा, "ब्रिटेन को बनाने में सभी पृष्ठभूमि के लोगों ने मदद की है। 'वी टू बिल्ट ब्रिटेन' अभियान समूह समावेशी इतिहास दिखाना चााहता था और सभी जातीय व सामाजिक पृष्ठभूमि व सभी क्षेत्रों के लोगों ने ब्रिटेन को बनाने में मदद की है।"
जैदी ने कहा, "अगर आप बैंक ऑफ इंग्लैंड और रॉयल मिनी वेबसाइट्स में नोट्स और सिक्कों को देखेंगे तो उन लोगों का प्रतिबिंब होना चाहिए, जिन्होंने हमारे इतिहास, और संस्कृति का निर्माण किया है।"
उन्होंने कहा, "हमारे अभियान ने यह महसूस किया कि उन जातीय लोगों को शामिल किया जाना बेहद जरूरी है, जिन्होंने काफी कुछ हासिल किया है। हम उम्मीद करते हैं कि यह युवाओं को प्रेरित करने और एक देश के रूप में एकजुट करने में मदद करेगा और यह एहसास दिलाएगा कि समाज में हमारा बराबर योगदान है।"
राजकोष मंत्री जॉन ग्लेन ने द संडे टेलीग्राफ को कहा है कि चांसलर ऋषि सुनक बीएएमई समुदाय से प्रभावशाली व्यक्तियों को सिक्के पर प्रदर्शित करने के बारे में विचार कर रहे हैं।
जिन लोगों के करेंसी में दिखने की संभावना है, उनमें द्वितीय विश्व युद्ध के एजेंट नूर इनायत खान, ब्रिटिश-जमैका क्रीमियाई युद्ध की नर्स मैरी सिकोल और विक्टोरिया क्रास से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय और गोरखा सैनिक हैं।
ट्रेजरी ने रॉयल मिंट को संभावित सिक्के की डिजाइन को बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
शारजाह, 27 जुलाई (आईएएनएस)| शारजाह में एक ऊंची इमारत से गिरने के बाद 14 वर्षीय एक भारतीय लड़की की मौत हो गई। इसकी जानकारी पुलिस ने सोमवार को दी।
शारजाह पुलिस के एक अधिकारी ने गल्फ न्यूज को बताया कि रविवार रात शहर के अल तवाउन क्षेत्र में यह घटना घटी, यह खुदखुशी का मामला है। मामले की छानबीन की जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरने से लड़की को गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्वेटा, 27 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक मंत्री और उनके दो गार्डो के खिलाफ एक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट की हत्या के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है। डॉन न्यूज के मुताबिक, अनवर जान खेतिरान की हत्या 23 जुलाई को बरखान जिले के नाहरकोट में कुछ हथियारबंद लोगों ने कर दी थी।
लेवी फोर्स के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अनवर जान के भाई ने मामले में प्रांतीय खाद्य एवं जनसंख्या कल्याण मंत्री सरदार अब्दुल रहमान खान खेतिरान और उनके दो गार्ड आदम खान और नादिर खान के खिलाफ शिकायत की थी।
शिकायत के अनुसार, अनवर अपने क्षेत्र की सामाजिक और अन्य समस्याओं और मंत्री के अत्याचार और कथित भ्रष्टाचार के बारे में लिखते थे।
वह पंजाब में एक समाचार पत्र 'नाविद पाकिस्तान' के लिए भी काम करते थे।
मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि लगभग दो महीने पहले, मंत्री ने अनवर को चेतावनी दी थी और उनसे 'पत्रकारिता का पेशा' छोड़ने के लिए कहा था।
इस बीच, सरदार खेतिरान ने आरोपों को नकारते हुए कहा, "अनवर जान की हत्या से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।" उन्होंने कहा कि एफआईआर में नामजद दो अन्य व्यक्ति सुरक्षा गार्ड नहीं हैं।
नई दिल्ली/वाशिंगटन, 27 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिका ने चीन के चेंगदू में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को सोमवार को बंद कर दिया गया। चीन ने पिछले सप्ताह इसे बंद करने को कहा था। इससे पहले, अमेरिका ने ह्यूस्टन में चीन को अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने के लिए कहा था, जिसके बाद चीन ने फैसले के खिलाफ जवाबी कदम उठाया।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि वाणिज्य दूतावास ने सोमवार सुबह 10 बजे से कामकाज बंद कर दिया।
चीन ने अमेरिका को वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए 27 जुलाई तक का समय दिया था।
यहां तक कि जैसे ही अमेरिका ने वाणिज्य दूतावास को बंद किया, उसने चीन के फैसले पर निराशा व्यक्त की।
विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिका चीन में अपने अन्य मिशन के माध्यम से इस क्षेत्र में अपनी पहुंच जारी रखने की कोशिश करेगा।
इसने कहा, "चेंगदू वाणिज्य दूतावास "तिब्बत सहित पश्चिमी चीन में 35 वर्षों से लोगों के साथ हमारे संबंधों के केंद्र में खड़ा रहा है।"
सुमी खान
ढाका, 27 जुलाई (आईएएनएस)। बांग्लादेश के एक अस्पताल के मालिक को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कथित तौर पर अस्पताल के मालिक ने हजारों फर्जी कोविड -19 टेस्ट परिणाम जारी किया और विभिन्न लोगों और संगठनों से करीब 12.5 करोड़ टका का गबन किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, उन्हें 28 दिनों के रिमांड पर भेजा गया है।
रीजेंट ग्रुप के चेयरमैन मोहम्मद शाहेद को ढाका में धोखाधड़ी के चार मामलों में 28 दिन के रिमांड पर रखा गया है। उनके खिलाफ उत्तर पश्चिम और उत्तर पुर्बा पुलिस स्टेशनों में दर्ज कराए गए चारों मामलों में से प्रत्येक के लिए सात-सात दिन यानी कुल 28 दिनों के लिए रिमांड पर रखा गया है।
शाहेद ने रविवार को ढाका के एक कोर्ट में कहा, "देश में सामान्य स्थित वापस लौटने और व्यवसायों के फिर से शुरू होने के बाद मैं धीरे-धीरे सभी को पैसे वापस कर दूंगा।"
पुलिस द्वारा उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद और 40 दिनों के लिए उनकी हिरासत मांगी जाने के बाद ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राजेश चौधरी ने रिमांड मंजूर कर ली है।
शाहेद को सतखीरा से तब गिरफ्तार किया गया जब वह भारत भागने के लिए नाव पर बैठा था।
हालांकि शाहेद ने कोर्ट से कहा कि वह बीमार होने के साथ ही पिछले कुछ दिनों से रिमांड पर है, इसलिए उसकी रिमांड सुनवाई ईद के बाद की जाए।
रिमांड याचिकाओं का विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में कई ऐसी याचिकाएं प्रस्तुत कीं, जिसमें मामलों के आरोपियों को जमानत दी गई। हालांकि, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
इसके अलावा कोर्ट ने रीजेंट अस्पताल के प्रबंध निदेशक (एमडी) मसूद परवेज को भी तीन मामलों में पूछताछ के लिए 21 दिन के रिमांड पर भेजा है। वहीं मामले के छह अन्य आरोपी केस दर्ज होने के बाद से ही गायब हैं।
शाहेद के खिलाफ 4 मामलों में से 3 मामले उत्तर पश्चिम पुलिस स्टेशन और एक मामला उत्तर पूर्व पुलिस स्टेशन में साथ दर्ज किया गया था। वहीं मसूद परवेज के खिलाफ दर्ज किए गए तीन मामलों में से 2 मामले उत्तर पश्चिम पुलिस स्टेशन और एक ढाका के उत्तर पूर्व पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
एक नस्ल विरोधी प्रदर्शनकारी की मौत
अमरीकी शहर सिएटल में पुलिस और नस्ल विरोधी प्रदर्शन ब्लैक लाइव्स मैटर के समर्थकों के बीच संघर्ष देखने को मिला है. शनिवार को अमरीका में कई जगहों पर ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शन देखने को मिले हैं.
सिएटल के संघर्ष में जहां पुलिस वालों ने ग्रेनेड और पीपर स्प्रे का इस्तेमाल किया है वहीं विरोध प्रदर्शन करने वालों ने कई घरों के शीशे तोड़े और आगजनी की.
पुलिस ने इस हिंसा के बाद 45 लोगों को हिरासत में लिया है जबकि 21 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं
टेक्सास के ऑस्टिन शहर में ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शन के दौरान एक शख़्स की मौत हुई है.
ऑस्टिन में हुई घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय समाचार पत्रों को बताया है कि जहां प्रदर्शनकारी जमा हुए थे वहां एक गाड़ी रूकी और वह भीड़ की तरफ जाने लगे. उसे रोकने के लिए कुछ लोग आगे बढ़े जिसमें मृतक भी शामिल था.
तभी कार के अंदर से अचानक से गोली चलाई गई जो मृतक को लगी. मृतक को घायलावस्था में अस्पताल ले जाया गया जहां उसे थोड़ी देर बाद मृत घोषित कर दिया गया.
गोली चलाने वाले संदिग्ध को गिरफ़्तार कर लिया गया है और वह पूछताछ में ऑस्टिन पुलिस की मदद कर रहा है. इस घटना के कुछ ही देर जारी प्रेस स्टेंटमेंट में पुलिस प्रवक्ता ने मृतक की पहचान नहीं बताई लेकिन कहा कि उनके पास एक रायफ़ल थी.
मृतक युवक की मां ने बाद में अपने बेटे गैरेट फोस्टर की पहचान की है. उन्होंने एबीसी के कार्यक्रम गुड मार्निंग अमरीका से कहा कि जिस वक्त उसे गोली लगी वह अपनी मंगेतर को व्हीलचेयर बिठाकर चल रहा था.
मृतक युवक की मां शीला फोस्टर ने कहा, "पिछले 50 दिनों से हर दिन वह नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जाता था. वह ऐसा इसलिए कर रहा था क्योंकि पुलिस की बर्बरता के ख़िलाफ़ और न्याय के पक्ष में था. वह अपनी मंगेतर को सपोर्ट भी करना चाहता था, उसकी मंगेतर अफ्रीकी अमरीकी है."
शीला फोस्टर ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात पर अचरज नहीं है कि उनके बेटे के पास बंदूक मिली है, क्योंकि उसके पास बंदूक रखने का लाइसेंस था और वह अपनी सुरक्षा के लिए इसकी जरूरत महसूस करता था.
सिएटल और ऑस्टिन के अलावा लुइसविले, केंटुकी, ओरोरा, कोलोराडो, न्यूयार्क, ओम्हा, नेबरास्का, कैलिफ़ोर्निया के ओकलैंड और लॉस एंजलिस और वर्जिनिया के रिचमोंड में भी प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला.(bbc)
बीजिंग, 26 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिकी श्रमिक मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते अमेरिका में पहली बार बेरोजगार बीमा लेने का आवेदन देने वाले लोगों की संख्या 14.16 लाख रही। कोविड-19 के प्रकोप के बाद अमेरिका में क्रमश: 18 हफ्तों में पहली बार बेरोजोगार बीमा लेने का आवेदन देने वाले लोगों की संख्या 10 लाख से ज्यादा है। गोल्डमैन सैक्स के प्रथम अमेरिकी अर्थशास्त्री डेविड मेरिक ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अमेरिका के कुछ राज्यों को और ज्यादा उपभोग गतिविधियां बंद करनी पड़ी है। जबकि आर्थिक बहाली की प्रक्रिया में बंद होने से उद्यमों और रोजगार बाजार पर लम्बे अरसे का नुकसान पहुंच सकेगा।
अमेरिका की आर्थिक प्रेरणा योजना में बेरोजगार लोगों को हर हफ्ते अतिरिक्त 600 यूएस डॉलर का भत्ता देने का कदम भी इस महीने के अंत में खत्म होगा। अनुमान है कि करीब 2.5 करोड़ लोग अगस्त माह से इससे प्रभावित हो सकेंगे। यह इस बात का द्योतक है कि अमेरिकी नागरिकों की सामूहिक उपभोग शक्ति हर हफ्ते 19 अरब यूएस डॉलर कम की जाएगी, जो रियल स्टेट उद्योग, फुटकर विक्रेताओं और अनेक बड़े, मध्यम व छोटे उद्यमों पर असर पड़ सकेगी।
इस्लामाबाद, 26 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान में सात हत्याओं के एक 101 वर्षीय दोषी शख्स ने कई बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण रिहाई की मांग की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, जैसा कि दोषी मेहंदी खान को संबंधित अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिला, उसने लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) का दरवाजा खटखटाया और अपनी रिहाई के लिए गृह विभाग को आदेश देने की मांग की।
एलएचसी के न्यायाधीश राजा शाहिद महमूद अब्बासी ने 15 जुलाई को गृह विभाग को बुजुर्ग कैदी की याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया था।
उसके वकील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता गुजरात जिला जेल में है। 2006 में उसके खिलाफ दर्ज हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है।
इस बीच, एक सेक्शन ऑफिसर ने प्रतिवादी गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से पेश होकर कहा कि यह एक पखवाड़े के भीतर जेल अधिकारियों द्वारा भेजे गए आवेदन के बारे में निर्णय लेने के लिए तैयार है।
मेहंदी खान 86 साल का था, जब उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
ह्यूस्टन, 26 जुलाई (आईएएनएस)| टेक्सास राज्य के ऑस्टिन शहर में ब्लैक लाइव्स मैटर विरोध प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। ऑस्टिन स्थित केवीयूई टीवी स्टेशन के रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा ईस्ट सिक्स स्ट्रीट और कांग्रेस एवेन्यू के पास शनिवार रात करीब 9.52 बजे हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुलिस अधिकारी कैटरीना रेटक्लिफ का हवाला देते हुए बताया कि एक आदमी गोली लगने से वह घायल हो गया, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कुछ देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा, "शुरुआती रपटों से पता चला कि मृतक एक राइफल लिए हुए था, और वह संदिग्ध वाहन की ओर बढ़ा, जिसमें बैठे संदिग्ध ने उसे गोली मार दी।"
संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है।
शहर की केएक्सएएन-टीवी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हुई गोलीबारी की आवाज सुनकर भीड़ चीखने- चिल्लाने लगी।
ऑस्टिन पुलिस विभाग ने कहा कि अभी इस मामले की प्रारंभिक जांच की गई है और हम आगे की जानकारी नहीं दे सकते।
अबू धाबी, 26 जुलाई (आईएएनएस)| एक भारतीय दंपत्ति अबू धाबी में अपने फ्लैट में मृत मिले हैं। वे वहां लगभग 18 साल से रह रहे थे। एक मीडिया रिपोर्ट के जरिए यह जानकारी मिली है।
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केरल के कोझीकोड के रहने वाले 57 वर्षीय जनार्दन पट्टियरी ट्रैवेल एजेंसी में काम करते थे और उनकी पत्नी 52 वर्षीय मिनिजा चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं।
उनके एक सहयोगी और मित्र के अनुसार, दंपति की जीवनशैली "सामान्य" थी, लेकिन पट्टियरी ने हाल ही में अपनी नौकरी खो दी थी।
उन्होंने आगे कहा, "वे बहुत शांत लोग थे। मुझे याद नहीं है कि उनका कभी किसी के साथ कोई विवाद हुआ हो। पट्टियरी ने अपनी नौकरी खो दी थी। उन्होंने अपनी कार भी बेच दी थी। हम सभी दोस्त और सहकर्मी हैरान हैं। यह अप्रत्याशित है।"
दंपति का इकलौता बेटा अब भारत में बेंगलुरू में काम करता है।
मित्र ने खलीज टाइम्स से कहा, "गुरुवार शाम उनके बेटे ने मुझे फोन किया और कहा कि उसके माता-पिता पिछले चार दिनों से कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। मैंने उनके घर गया। वहां के केयरटेकर ने बताया कि उसने कुछ दिनों से उन्हें नहीं देखा था। गुरुवार रात पुलिस ने उन्हें फ्लैट के अंदर मृत पाया।"
एक सामाजिक कार्यकर्ता उनके शवों को स्वदेश भेजने का मामला देख रहे हैं। शवों के कोविड-19 परीक्षण किए गए हैं।
वाशिंगटन, 26 जुलाई (एजेंसी)। इससे पहले 13 जुलाई को, श्री पोम्पेओ ने दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों पर अमेरिका की स्थिति पर एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि चीन सरकार के पास इस क्षेत्र पर एकतरफा अपनी इच्छा रखने का कोई कानूनी आधार नहीं है.
दक्षिण चीन सागर को तीन द्वीपसमूह में बांटा गया है. चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर को अपने संप्रभु क्षेत्र के रूप में दावा करता है और इसने हाल के वर्षों में आक्रामक रूप से अपनी हिस्सेदारी का दावा किया है. यह बयान संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दक्षिण चीन सागर के अधिकांश क्षेत्रों में अपतटीय संसाधनों के लिए चीन के दावों को आधिकारिक तौर पर खारिज करने के हफ्तों बाद आता है जिसमें बीजिंग की बदमाशी के अभियान को "पूरी तरह से गैरकानूनी" करार दिया है.
इससे पहले 13 जुलाई को, श्री पोम्पेओ ने दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों पर अमेरिका की स्थिति पर एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि चीन सरकार के पास इस क्षेत्र पर एकतरफा अपनी इच्छा रखने का कोई कानूनी आधार नहीं है.
वाशिंगटन ने घोषणा की कि वह 2016 के आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले के साथ दक्षिण चीन सागर में चीनी सरकार के दावों पर अमेरिकी स्थिति को लाइनअप कर रहा है. ट्रम्प प्रशासन ने बीजिंग के प्रति अपने रुख को और कड़ा कर दिया है, विशेषरूप से दो महाशक्तियों के बीच संबंध कोरोनावायरस महामारी के कारण बिगड़े हैं, इसके साथ ही भारत सहित अपने पड़ोसियों के साथ चीन के जबरदस्तीपूर्ण व्यवहार के कारण भी.