अंतरराष्ट्रीय
अरुल लुइस
संयुक्त राष्ट्र, 5 सितंबर (आईएएनएस)| दक्षिण सूडान और कांगो गणराज्य में कोविड-19 चुनौती से निपटने को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति अभियानों के तहत चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के लिए भारत विशेषज्ञों की दो टीमें भेज रहा है। भारत के यूएन मिशन ने यह जानकारी दी।
मिशन ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के अनुरोध पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने उन देशों में कोविड-19 से निपटने के लिए भारतीय शांति मिशन के सैनिकों द्वारा प्रबंधित अस्पताल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया है।
इसने कहा, "इस अनुरोध का हमने स्वागत किया है।"
इसने बताया कि 15 विशेषज्ञों की एक टीम इस महीने के अंत में कांगो के गोमा जाएगी, जहां जनवरी 2005 से भारत द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में पहले से ही 18 विशेषज्ञों सहित 90 भारतीय हैं।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए मुख्य कमांड और नियंत्रण केंद्र 'मोनुस्को' गोमा में स्थित है। मोनुस्को में 2,030 भारतीय शांति सैनिक तैनात हैं।
15 विशेषज्ञों की एक अन्य टीम दक्षिण सूडान के जुबा जाएगी, जहां दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) के साथ 2016 से चलाए जा रहे भारतीय अस्पताल में 12 विशेषज्ञों सहित 77 भारतीय हैं, जिसमें 2,420 भारतीय शांति सैनिक हैं।
वाशिंगटन, 5 सितंबर (आईएएनएस)। यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का मानना है कि मास्क पहनने और सामाजिक दूरी जैसे उपायों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी आर्थिक लाभ हो सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पावेल ने शुक्रवार को नेशनल पब्लिक रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "निश्चित रूप से हमें पूर्ण इम्पलॉयमेंट के लिए इस बीमारी को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि वैक्सीन के आने तक इन सामाजिक दूरी उपायों को लागू करना।"
उन्होंने कहा, "राष्ट्रभर में लोगों द्वारा मास्क पहनने और फिजिकल डिस्टेंस का पालन करने से यहां वास्तव में भारी आर्थिक लाभ हो सकता है।"
गौरतलब है कि लेबर डिपार्टमेंट द्वारा शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के बाद पॉवेल की टिप्पणी आई है। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी इम्पलॉयर्स ने अगस्त में 14 लाख नौकरियां जोड़े हैं और बेरोजगारी दर घटकर 8.4 प्रतिशत रह गई है।
श्रम बाजार को महामारी से पूरी तरह से उबरने में लंबा समय लगने की बात कहते हुए पॉवेल ने कहा, "हालांकि हमने 1.1 करोड़ लोगों को काम पर वापस रख लिया है, लेकिन अभी भी 1 या 1.1 करोड़ लोग हैं, जो काम पर वापस नहीं आए हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि उनके लिए नौकरी खोजना कठिन हो रहा होगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जिन्हें महामारी से उबरने में अधिक समय लगेगा। इनमें यात्रा, मनोरंजन, होटल, जैसी चीजें हैं।"
पॉवेल ने यह भी कहा कि सेंट्रल बैंक आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए लंबी अवधि तक अल्पकालिक ब्याज दर या शून्य के करीब रिकॉर्ड स्तर पर रखेगा।
उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि अर्थव्यवस्था को कम ब्याज दरों की जरूरत है, जो लंबी अवधि तक आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करेगा। इसे सालों में मापा जाएगा ..वहीं अर्थव्यवस्था की जो जरूरत है, उसे देखते हुए हम समय से पहले उस समर्थन को वापस नहीं लेंगे।"
न्यूयॉर्क, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हेनरी किसिंजर तीन जून, 1971 को लाखों बंगाली शरणार्थियों को पनाह देने के लिए भारत और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से निरंकुश (वाइल्ड) थे। उस समय हेनरी और अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने बंगाली विद्रोह के शरणार्थी प्रवाह के लिए इंदिरा को दोषी माना। किसिंजर ने उनके बारे में कहा, "वे मैला ढोने वाले लोग हैं।"
किसिंजर के लिए यह माना जाता है कि वह पाकिस्तान के लिए दयालु और सौम्य थे। एक बार 10 अगस्त 1971 को पाकिस्तान में चल रही उठा-पटक और बंगाली शरणार्थियों के मुद्दे पर निक्सन के साथ चर्चा के दौरान किसिंजर ने कहा, "मैं आपको बता दूं कि पाकिस्तानी ठीक लोग हैं, लेकिन उनकी मानसिक संरचना असभ्य (आदिम) है।"
17 जून, 1971 को निक्सन और किसिंजर ने इंदिरा गांधी के साथ एक हारी लड़ाई के तौर पर भारतीय महिलाओं के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रिंसटन प्रोफेसर ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस और लेखक गैरी जे. बास द्वारा रिपोर्ट की गई टेप से पता चला है कि भारतीय महिलाओं के लिए 'सेक्सलेस' शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
टेप में बास बताते हैं कि भारत में राजदूत केनेथ बी. कीटिंग को 'बास्टर्ड' के रूप में संदर्भित किया गया।
यह समझा जा सकता है कि किसिंजर भारत के बारे में अच्छी राय नहीं रखते थे। क्योंकि उन्होंने निक्सन से कहा था कि भारतीय लोग बड़े ही चापलूस किस्म के होते हैं और वे चाटुकारिता में मास्टर होते हैं। उन्होंने इसका कारण भी गिनवाते हुए कहा कि यही वजह है कि भारतीय बुरे वक्त में भी 600 वर्षो तक जीवित बचे रहे।
किसिंजर ने आगे कहा, "वह अधिकतर 'सेक्सलेस' है और इन लोगों में कुछ नहीं है। मेरा मतलब है, लोग कहते हैं, काले अफ्रीकियों के बारे में क्या? अच्छा, आप कुछ देख सकते हैं, जैसे उत्साह। मेरा मतलब है कि उनमें एक छोटे से जानवर की तरह आकर्षण है। मगर हे भगवान., वो भारतीय, वो दयनीय हैं।"
चार नवंबर, 1971 को इंदिरा गांधी के साथ एक व्हाइट हाउस शिखर सम्मेलन से एक निजी ब्रेक के दौरान निक्सन ने किसिंजर से भारतीयों के प्रति उनके यौन घृणा का खुलासा किया। उन्होंने कहा, "टू मी, दे टर्न मी ऑफ।" यानी निक्सन का कहना था कि भारतीयों में सेक्स की इच्छा की कमी होती है। निक्सन यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने किसिंजर से पूछा कि मुझे बताओ कि वह दूसरे व्यक्ति को इसके लिए (सेक्स) कैसे राजी करते होंगे।
जून 1971 में निक्सन, किसिंजर और व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ एच. आर. हेडलमैन के बीच बातचीत में भी भारतीयों के प्रति निक्सन की मानसिकता का पता चलता है। उन्होंने बातचीत के दौरान कथित तौर पर कहा, "निसंदेह दुनिया में सबसे बदसूरत महिलाएं भारतीय महिलाएं हैं।"
ढाका, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| बांग्लादेश में नारायणगंज के फतुल्लाह की एक मस्जिद में शुक्रवार की रात ईशा की नमाज के दौरान छह एयर कंडीशनर फटने से सात साल के बच्चे की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए।
ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (डीएमसीएच) के सूत्रों ने बताया मृतक की पहचान ज्वेल के रूप में की गई है।
डॉक्टर ने आईएएनएस को बताया कि इमाम सहित अन्य सभी घायलों में से 99 फीसदी लोग जल गए हैं और उन्हें खून की जरूरत है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, विस्फोट रात करीब 8.45 बजे हुआ।
सूत्रों ने बताया कि मस्जिद के छह एयर कंडीशनर में से एक में स्पाकिर्ंग हुई और उसमें विस्फोट हो गया। इसके बाद सभी छह एसी में विस्फोट हो गया।
नारायणगंज फायर सर्विस के उप सहायक निदेशक अब्दुल्ला अल अरेफिन ने कहा कि सूचना मिलते ही दमकलकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा गया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
डीएमसीएच पुलिस चौकी के इंस्पेक्टर बच्चू मिया ने कहा कि मस्जिद के इमाम और मुअज्जिन सहित कुल 37 घायलों को नारायणगंज के अस्पताल से डीएमसीएच ले जाया गया। उनका इलाज शेख हसीना नेशनल बर्न इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी की बर्न यूनिट में किया जा रहा है।
ओटावा, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| टोरंटो के पूर्व में ओशावा के एक घर में हुई गोलीबारी में पांच लोग मारे गए और एक अन्य शख्स घायल हो गया। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि शुक्रवार को हुई गोलीबारी में घर के चार पुरुषों और एक महिला की मौत हो गई।
एक घायल महिला घर के अंदर मिली, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस मीडिया प्रवक्ता जॉर्ज टुडोस ने कहा कि मृतकों में तीन वयस्क और दो किशोर हैं।
उन्होंने कहा कि मृतकों में से एक कथित संदिग्ध है।
पड़ोसियों ने कहा कि एक पति और पत्नी जो शिक्षक हैं, कई सालों से अपने चार बच्चों के साथ घर पर रहते हैं और हाल ही में एक कॉटेज में समय बिताने के बाद घर लौटे थे।
पुलिस ने कहा कि वे और संदिग्ध की तलाश नहीं कर रहे थे और कम्युनिटी में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है।
गोलीबारी की घटना की जांच चल रही है।
-राजू सजवान
कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके बाद बने सामाजिक और आर्थिक हालात के कारण 2021 तक लगभग 4 करोड़ 70 लाख महिलाएं गरीबी के चरम स्तर का सामना कर सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की संस्था यूएन वूमेन और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। कोविड-19 से पहले वर्ष 2019 से 2021 के बीच महिलाओं में गरीबी दर 2.7 फीसदी घटने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब नई रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं के लिए गरीबी में 9.1 फीसदी वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्वव्यापारी महामारी से दुनिया भर में गरीबी की दर बढ़ी है, लेकिन इसका महिलाओं और खासकर प्रजनन उम्र की महिलाओं पर ज्यादा असर हुआ है। अनुमान है कि वर्ष 2021 तक, साल 25 से 34 वर्ष आयु वर्ग में चरम गरीबी का सामना करने वाले हर 100 पुरुषों की तुलना में 118 महिलाएं चरम गरीबी का शिकार होंगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन 1 डॉलर 90 सेंट (140 रुपए) या उससे कम रकम पर गुजारा करने वाले लोग गरीबी की श्रेणी में आते हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 तक यह अंतर 100 पुरुषों की तुलना में 121 महिलाएं तक बढ़ने की आशंका है। "फॉर्म इनसाइट्स टू एक्शन: जेंडर इक्वलिटी इन दी वेक ऑफ कोविड-19" शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 के कारण साढ़े नौ करोड़ से ज्यादा लोग वर्ष 2021 तक चरम गरीबी के गर्त में चले जाएंगे।
कोविड-19 वैश्विक आपदा और उसके बाद के सामाजिक व आर्थिक दुष्प्रभाव के कारण दुनिया में चरम गरीबी का शिकार हुए कुल लोगों की संख्या 43.50 करोड़ हो जाएगी और इस आंकड़े को महामारी से पहले के स्तर पर वर्ष 2030 से पहले नहीं लाया जाएगा।
यूएन वूमेन की कार्यकारी निदेशक पुमजिले म्लाम्बो-न्गुका का कहना है कि यह रिपोर्ट इस बात की ओर इशारा कर रही है कि समाज और अर्थव्यवस्था की विसंगतियाँ व ख़ामियों के चलते महिलाओं में गरीबी की दर चरम पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि परिवार की देखरेख करने की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी महिलाएं निभाती हैं। इसलिए वे कम आय अर्जित करती हैं और कम बचत कर पाती हैं। इसके अलावा उनके रोजगार के अवसर भी निश्चित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि पुरुषों की तुलना में कुल मिलाकर महिलाओं के रोजगार पर 20 प्रतिशत अधिक जोखिम है। यूएन की वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इतनी सारी विषमताओं को देखते हुए कोरोना महामारी से उबरते समय नीतिगत कार्रवाई को तेज गति से आगे बढ़ाया जाना होगा और उसके केन्द्र में महिलाओं को रखना होगा।(DOWNTOEARTH)
यूरोप में इस्लाम से दुश्मनी के लिए यही समय क्यों चुना गया, क्या यूरोप ने भी इस्लाम के मुक़ाबले के लिए कमर कस ली है...
यूरोप के विभिन्न देशों और शहरों में इस्लामोफ़ोबिया और इस्लाम विरोधी कार्यवाहियों में होती वृद्धि से पता चलता है कि इन देशों में अंधा नस्लभेद अब भी कूट कूट कर भरा हुआ है।
यूरोप में इस्लामोफ़ोबिया उन विषयों में से है कि कभी तो उस पर ध्यान ही नहीं दिया जाता और कभी इसकी आग को बहुत अधिक भड़का दिया जाता है। हाल ही में यूरोप के कई देशों में इस्लामोफ़ोबिया की कार्यवाहियां हुईं हैं जिनसे पता चलता है कि इन देशों में अंधा नस्लभेद कूट कूट कर भरा हुआ है।
अभी हाल ही में स्वीडन में भी अजीबो ग़रीब घटना घटी और एक कट्टरपंथी गुट ने पवित्र क़ुरआन को आग लगा दिया। इसके कुछ ही घंटे बाद एक कट्टरपंथी महिला ने पवित्र क़ुरआन जलाने का एक वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर उसे वायरल कर दिया।
कुछ टीकाकारों का कहना है कि यूरोप में इस्लाम विरोधी इन कार्यवाहियों का मुख्य कारण इस्लामोफ़ोबिया है ताकि इस्लाम से लोगों को डरा सकें और लोगों के दिलों में इस्लाम का ख़ौफ़ पैदा कर सकें।
सोशल मीडिय के एक यूज़र अब्दुर्रहमान अलख़तीब ने ट्वीट किया कि स्वीडन और यूरोप के अन्य देशों में होने वाली इस्लामोफ़ोबिया की कार्यवाहियों पर किसी ने कुछ भी नहीं कहा इसीलिए स्वीडन के बाद बेल्जियम जैसे अब दूसरे यूरोपीय देशों में कट्टरपंथी लोग खुलकर यह कार्यवाहियां कर रहे हैं।
उनका कहना था कि अगर पहली बार ही मुसलमान एकजुट होकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते तो किसी अन्य देश में यह घटिया हरकत दोहराई न जाती।
यूरोप में पवित्र क़ुरआन के अनादर का मुद्दा अभी गरमाया ही हुआ था कि फ़्रांस की विवादित पत्रिका शार्ली हेब्दु ने एक बार फिर पैग़म्बरे इस्लाम का अपमानजनक कार्टून प्रकाशित कर दिया। इस पर सारे मुसलमान चुप रहे और इस्राईल व संयुक्त अरब इमारात के संबंधों की ख़ुशियां मना रहे हैं। कुछ टीकाकारों का कहना है कि यह काम बहुत ही व्यवस्थित ढंग से किया जा रहा है, जहां पूरी दुनिया इस्राईल और अरब देशों के बीच संबंधों की ख़ुशियों में रंगे हुए हैं वहीं यूरोप ने इस्लामोफ़ोबिया की मशीन तेज़ कर दी है।
अल्पसंख्यक मुसलमानों के अधिकारों का समर्थन करने वाली संस्था ने यूरोप में इस्लामोफ़ोबिया की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा कि मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने की इन सारी घटनाओं में सबसे ध्यान योग्य बिन्दु यह है कि यह सारी घटनाएं पुलिसकर्मियों के समाने अंजाम दी गयीं।
इस संस्था का कहना है कि हालैंड, फ़्रांस, डेनमार्क और अन्य यूरोपी देशों में जो घटनाएं घटी हैं उनमें हमने देखा कि पुलिस के सामने कट्टरपंथी कार्यवाहियां अंजाम दे रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।(PARSTODAY)
मोस्को, 4 सितंबर। शुक्रवार को जारी परिणाम में बताया गया है कि वैक्सीन का सेफ़्टी प्रोफ़ाइल अच्छा है और टीका लगाए जाने के 42 दिन बाद तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुआ। वैक्सीन 21 दिन के भीतर मज़बूत एंटीबॉडी भी पैदा करने में सक्षम रहा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दो हिस्से वाले वैक्सीन में दो adenovirus वेक्टर्स हैं जिसे SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के लिए मोडिफ़ाइ किया गया है। इस तरह के पुनः संयोजक एडेनोवायरस वैक्टर का उपयोग लंबे समय से किया जाता रहा है। कई क्लीनिकल स्टडीज में इसके सुरक्षित होने की पुष्टि हो चुकी है। इस समय कई कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट इन वेक्टर्स का इस्तेमाल करते हुए SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करते हैं।
गमालिया नेशनल रिसर्च सेंटर के मुख्य लेखक डेनिस लोगूनोव ने कहा कि जब एडनोवायरस वैक्सीन लोगों के सेल्स में प्रवेश करते हैं, वे SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन जेनेटिक कोड डिलिवर करते हैं, जिसकी वजह से सेल्स स्पाइक प्रोटीन पैदा करते हैं। यह इम्यून सिस्टम को SARS-CoV-2 वायरस की पहचान कर उस पर हमला करना सिखाता है। SARS-CoV-2 के खिलाफ शक्तिशाली इम्यून प्रतिक्रिया पैदा करने के लिए बूस्टर वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण है।
बताया गया है कि दो छोटे फ़ेज 1/2 का ट्रायल 42 दिनों तक चला, इनमें से एक वैक्सीन के फ्रोजन फॉर्म्यूलेशन का और दूसरे में फ्रीज-ड्राइज फॉर्म्यूलेशन का अध्ययन किया गया। फ्रोजन फॉर्म्युलेशन का इस्तेमाल वैक्सीन को बड़े पैमाने पर मौजूदा स्पलाई चेन के जरिए वितरण को लेकर किया जाएगा। फ्रीज-ड्राइड फॉर्म्यूलेशन का इस्तेमाल उन इलाकों के लिए किया जाएगा जहां पहुंचना मुश्किल है। इन्हें 2 से -8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।(PARSTODAY.COM)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच 'भाईचारे' का रिश्ता, जो दशकों से घनिष्ठ आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य साझेदारी पर बना हुआ था, उसमें पिछले महीने एक अवरोध उत्पन्न हुआ है।
अपुष्ट खबरें सामने आ रही हैं कि सऊदी अरब पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सलाह दे रहा है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ की जगह बदला जाए, जो वर्तमान में रियाद के नेतृत्व वाले इस्लामिक मिल्रिटी अलायंस टू फाइट टेररिज्म (आईएमएएफटी) के कमांडर हैं।
पाकिस्तान के विशेषज्ञों के अनुसार, सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच के हालिया विवाद को मध्य पूर्व और मुस्लिम दुनिया में हालिया रणनीतिक वास्तविकताओं के व्यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
कुछ समय से पाकिस्तान प्रतिद्वंद्वी मुस्लिम शक्तियों के साथ तटस्थ संबंधों को बनाए रखने की अपनी पारंपरिक नीति को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है।
वहीं रियाद मुस्लिम-बहुसंख्यक राष्ट्रों के प्रति पाकिस्तान के संबंध मजबूत करने से भी निराश है, जिनमें तुर्की, मलेशिया, ईरान और कतर जैसे देश शामिल हैं। दूसरे शब्दों में, रियाद मुस्लिम दुनिया के नेतृत्व को कमजोर करने की पाकिस्तान की कोशिश पर नाराज है।
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच तीखी नोक झोंक पिछले महीने तब सामने आई, जब पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने खुले तौर पर सऊदी के नेतृत्व वाले संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को धमकी दे डाली। कुरैशी ने ओआईसी को धमकी भरे लहजे में कहा कि या तो कश्मीर मुद्दे पर एक मंत्रिस्तरीय बैठक बुलाओ नहीं तो फिर उनकी सरकार अन्य इस्लामी देशों के साथ मिलकर इसी तरह की एक बैठक करेगी। यानी कुरैशी ने ओआईसी को जताया कि पाकिस्तान अन्य इस्लामिक देशों के साथ मिलकर संगठन के बिना ही मुद्दे को उठाएगा, जिससे रियाद काफी नाराज हो गया था।
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, जो सऊदी अरब के वास्तविक शासक हैं, वह इस बात से खुश नहीं दिखे। यही वजह है कि सऊदी अरब ने इमरान खान सरकार की तरफ से कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी को अलग-थलग करने की धमकी देने के बाद पाकिस्तान के लिए ऋण पर तेल के प्रोविजन को रोक दिया।
दरअसल अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का फाइनेंशियल पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें तीन अरब डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के बदले में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी। एक गंभीर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से ऋण लिया था। पाकिस्तान के धमकी और चेतावनी भरे बर्ताव के कारण सऊदी ने अपनी इस वित्तीय मदद को वापस ले लिया है।
मध्य पूर्व के टिप्पणीकार अली शिहाबी का कहना है कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब की ओर से मिलने वाली मदद को हमेशा से ही गंभीरता से नहीं लिया है। उन्होंने कहा, "खैर, पार्टी खत्म हो गई है और पाकिस्तान को इस रिश्ते को महत्व देने की जरूरत है। अब फ्री लंच या वन वे स्ट्रीट नहीं है।"
सऊदी-पाकिस्तान संबंध मुख्य रूप से सीधे पाकिस्तानी सेना और सऊदी किंग और क्राउन प्रिंस द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। इस बीच पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा 17 अगस्त को रियाद पहुंचे। हालांकि प्रिंस सलमान बाजवा के प्रति उदासीन रहे। उस समय ऐसी भी बातें सुनने को मिली कि राहील शरीफ और बाजवा नाराज चल रहे सऊदी को मनाने के लिए संपर्क में हैं।(IANS)
नयी दिल्ली, 04 सितंबर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अगले साल के मध्य तक वृहद स्तर पर कोरोना का टीकाकरण किये जाने की संभावना पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि अभी तक कोई भी कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी साबित नहीं हुई है।
डब्यूएचओ ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि उसके द्वारा विकसित की जाने वाली कोरोना वैक्सीन अगले माह के अंत तक व्यापक स्तर पर टीकाकरण के लिए तैयार हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने आज कहा कि किसी भी कोरोना वैक्सीन के प्रभाव और उसके सुरक्षा पहलू को देखने के लिए कड़ाई से जांच करनी जरूरी है। उन्होंने बताया कि अब तक कोई भी कोरोना वैक्सीन डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी नहीं उतरी है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के तीसरे चरण के मानव परीक्षण में समय लगना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है और हमें यह देखना भी जरुरी है कि वह कितनी सुरक्षित है।
सुश्री हैरिस ने यह भी कहा कि वैक्सीन के परीक्षण के सभी दस्तावेजों को साझा करना जरुरी है और उसकी तुलना भी आवश्यक है। कई हजार लोगों को वैक्सीन लगायी गयी है और अभी हमें यह पता नहीं कि वैक्सीन काम भी कर रही है या नहीं। इस वक्त हमें यह भी पता नहीं कि वैक्सीन का प्रभाव मानक स्तर का है या नहीं।
फाइजर के दावे से पहले रूस ने अगस्त में अपने यहां कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी जिसे लेकर विशेषज्ञों ने गहरी चिंता जतायी कि मात्र दो माह के परीक्षण के बाद तैयार यह वैक्सीन कितनी सुरक्षित या प्रभावी होगी। उसके बाद फाइजर के दावे को लेकर भी यह कयास लगाये जा रहे हैं कि अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले कोरोना वैक्सीन को विकसित करने की होड़ के कारण कहीं कोरोना वैक्सीन की गुणवत्ता से समझौता न हो जाये।(UNIVARTA)
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| चीनी ऐप टिकटॉक की गैरमौजूदगी में लाखों भारतीय अपनी क्रिएटिविटी दिखाने के लिए नए मंच की तलाश में हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए फेसबुक ने अपना शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप इंस्टाग्राम रील्स भारत में शुरू कर दिया है। रील्स टैब नेवीगेशन बार पर एक नया टैब होगा, जो इंस्टाग्राम में एक्सप्लोर टैब को रिप्लेस कर देगा।
रील्स टैब नेविगेशन बार में एक नया टैब है इसलिए यह सुविधा अब एक्सप्लोर में एक इकाई (यूनिट) में नहीं होगी, जैसा कि पहले हुआ करती थी।
रील्स के माध्यम से आप 15 सेकेंड का मल्टीक्लिप वीडियो और ऑडियो रिकार्ड तथा एडिट कर सकते हैं। साथ ही आप इसमें नए इफेक्ट्स और क्रिएटिव टूल्स के माध्यम से वैल्यू एडिशन कर सकते हैं।
फोटो शेयरिंग प्लेटफार्म-इंस्टाग्राम ने इसी महीने की शुरूआत में रील्स की टेस्टिंग शुरू की थी।
फेसबुक इंडिया के निदेशक (पार्टनरशिप्स) मनीष चोपड़ा ने कहा, "भारत पहला ऐसा देश है, जहां हम रील्स शुरू कर रहे हैं। हमने यहां काफी क्रिएटिविटी देखी है। हमें आशा है कि लोग रील्स का आनंद उठाएंगे।"
टैब में केवल रील्स ही दिखाई देगी और इसमें एक बेहतरीन ऑटो-प्लेइंग वीडियो होगा।
एक्सप्लोर टैब इंस्टाग्राम में आपके फीड के शीर्ष दाईं (टॉप राइट) की ओर मिलेगी।
रील्स टैब लोगों को नए रचनाकारों (क्रिएटर्स) को आसानी से खोजने में मदद करेगा। रील्स को अभी यूरोप में नहीं शुरू किया गया है।
टिकटॉक के जाने के बाद इंस्टाग्राम रील्स युवा भारतीयों का सबसे पसंदीदा ऐप बन गया था। एक शोध के मुताबिक, 18 से 29 साल के बीच के 10 में सात भारतीय इसे पसंद करते हैं और उनका कहना है कि वे वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म के तौर पर उपयोग में लाना चाहते हैं।
टिकटॉक चीनी ऐप है और इसके प्रतिबंध होने के बाद भारतीय भारत में बने या सीधे तौर पर गैर चीनी ऐप्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं। 68 फीसदी टिकटॉक कंटेंट क्रिएटर्स का कहना है कि वे आने वाले समय में भारतीय या फिर गैर चीन (नॉन-चाइनीज) वीडियो शेयरिंग ऐप उपयोग में लाएंगे।
नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत में चीनी ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाए जाने के साथ भले ही कंपनी के हाथ से एक बड़ा कारोबार निकल गया है, लेकिन यह अमेरिका में अपना बिजनेस खोने से ज्यादा नुकसानदेह नहीं है। अमेरिकी मार्केट रिसर्च फर्म फॉरेस्टर ने इसकी जानकारी दी है।
कंपनी के वरिष्ठ विश्लेषक जियाओफेंग वांग के मुताबिक, डाउनलोड के मामले में भारत के बाद अमेरिका टिकटॉक का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। भारत में इसके करीब 12 करोड़ यूजर्स रहे हैं, जबकि अमेरिका में इसके यूजर्स की संख्या 10 करोड़ के आसपास है।
उन्होंने अपने एक बयान में कहा, "लेकिन आय के मामले में अमेरिका का मार्केट कंपनी के लिए भारत से कहीं ज्यादा मायने रखती है।"
फॉरेस्टर के विश्लेषण के मुताबिक, साल 2020 में सोशल मीडिया विज्ञापन की लागत अमेरिका में 3.7374 करोड़ डॉलर बैठी, जबकि भारत में यह आंकड़ा 16.73 लाख डॉलर के आसपास बैठता है।
चीन ने टिकटॉक की बिक्री के मामले में अमेरिका के बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए तकनीक निर्यात कानून में बदलाव किए हैं जिससे संयुक्त राज्य में इसके कारोबार पर हो रही बातचीत पर फिर से एक बार रूकावट आ गई है। इस अपडेट में बाइटडांस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) को शामिल किया गया है, जो टिकटॉक की मूल कंपनी है।
टोक्यो, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| जापान के फुकुई प्रांत में शुक्रवार को रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के मुताबिक, भूकंप के झटके सुबह 9.10 बजे आए। इनका केंद्र उत्तर में 36.1 डिग्री अक्षांश और136.2 डिग्री पूर्वी देशांतर पर रहा और 10 किलोमीटर की गहराई पर रहा।
फिलहाल किसी के घायल होने या कोई नुकसान होने की खबर नहीं है।
सुमी खान
ढाका, 4 सितंबर (आईएएनएस)| बांग्लादेश के राजशाही जिले में भीषण गर्मी के कारण ऑक्सीजन की कमी से तालाबों और जलस्रोतों में 12 करोड़ टाका के कीमत की 617 मीट्रिक टन मछलियों के मरने की जानकारी सामने आई है। यह जानकारी जिला मत्स्य अधिकारी ने दी।
राजशाही जिला के मत्स्य अधिकारी अलक कुमार ने आईएएनएस को बताया, "यहां मंगलवार को मौसम खराब होने के कारण जिले में करीब 617 मीट्रिक टन मछलियों की मौत हो गई। आसमान में घने बादल छाने के कारण और हवा नहीं चलने के कारण तालाबों और नहरों में ऑक्सीजन की कमी हो गई, जिससे मछलियों की मृत्यु हो गई।"
जिला मत्स्य अधिकारी ने कहा कि मछली व्यापारियों को 11.73 करोड़ टाका का नुकसान उठाना पड़ेगा। हालांकि व्यापारियों का कहना है कि नुकसान इससे भी अधिक हुआ है।
मत्स्य पालन करने वाले किसानों ने कहा कि करीब तीन से सात किलोग्राम रुही कातला मछलियों को मात्र 50-90 टाका में बेचा गया। बहुत सारे व्यापारी मरी हुई मछलियां बाजार में नहीं ला पाए, जबकि उनमें से कुछ ने मरी मछलियों को जमीन में दफना दिया।
पाबा उप-जिला के नाओहाटा क्षेत्र के मछली व्यापारी मनीरुल इस्लाम ने कहा, "पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहने के कारण ऑक्सीजन की कमी होने से मंगलवार रात चार से पांच औंस वजनी मछलियों की मौत हो गई। वहीं बुधवार को हमने थोड़ी कम खराब मछलियां मात्र 50 टाका प्रति किलोग्राम के हिसाब से लोगों को बेंची। हालांकि कुछ बेहतर मछलियां 90 टाका प्रति किलो बेची गईं, लेकिन फिर भी हमें भारी नुकसान उठाना पड़ा।"
बागमारा उपजिला के एक गांव कचरी कोवालपारा के एक अन्य मछली व्यापारी अब्दुल माजीद ने कहा, "मेरे छह बीघा जमीन में फैले तालाब में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरी मछलियों की वजह से मुझे 6 लाख टाका का नुकसान हुआ है। मैंने उन सभी को जमीन में दफना दिया।"
मारिया गांव के एक मछली व्यापारी हुजूर अली ने कहा कि 20 बीघा में फैले उनके दो तालाबों में सभी मछलियां मर गईं। उन्होंने कहा, "सात किलो कतला मछली और ढाई किलो रुई मछली को बाजार में ले जाया गया, हालांकि वे नहीं बिकी, जिससे मुझे 20 लाख टाका का नुकसान हुआ।"
राजशाही डिवीजन के मत्स्य विभाग के उप निदेशक तोफुद्दीन अहमद ने कहा, "राजशाही डिवीजन के सभी जिलों से मछलियों की मौत की रिपोर्ट मिली थी। हालांकि, अभी भी सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।"
सुमी खान
ढाका, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| कानून मंत्रालय के अनुसार, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की सुप्रीमो खालिदा जिया और छह महीने तक जेल से बाहर रह सकती हैं, लेकिन इस अवधि में वह देश से बाहर नहीं जा सकतीं और उन्हें अपने आवास पर ही इलाज कराना होगा।
खालिदा जिया के परिवार द्वारा दायर एक आवेदन पर विचार करते हुए, मंत्रालय ने पूर्व प्रधानमंत्री के जेल से बाहर रहने की अवधि को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है।
कानून मंत्री अनीसुल हक ने गुरुवार को ढाका ट्रिब्यून को बताया, "हमारी राय है कि उनकी रिहाई की अवधि को उनकी पुरानी शर्तों के आधार पर बढ़ाया जा सकता है। उन्हें बांग्लादेश में ही रहना होगा और उन्हें घर पर इलाज कराना होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "इन दो शर्तों पर, उनकी सजा निलंबित करने और उन्हें रिहा करने के पुराने आदेश के अंतिम तारीख से अगले और छह महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है।"
देश में कोविड-19 महामारी के प्रसार के मद्देनजर जिया को 25 मार्च को छह महीने के लिए जेल से रिहा किया गया था। उनकी रिहाई की समय सीमा आगामी 24 सितंबर को खत्म होगी।
हक ने आगे कहा, "हमने फाइल को गृह मंत्रालय को वापस भेज दिया है। प्रधानमंत्री (शेख हसीना) राज्य की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। मंत्रालय, फाइल को मंजूरी दिलाने के लिए उसे उनके कार्यालय भेजेगा।"
बीएनपी सुप्रीमो के छोटे भाई शमीम इस्कंदर ने 25 अगस्त को गृह मंत्रालय को भेजे गए अपने आवेदन में खालिदा जिया की जेल से रिहाई की अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया था।
खालिदा के वकीलों में से एक ए.के.एम. एहसानुर रहमान ने पहले कहा था कि जिया को महामारी के कारण उचित उपचार नहीं मिल रहा था और इसलिए उनके परिवार ने रिहाई की अवधि बढ़ाने की अपील की थी।
गृह मंत्रालय ने उनके आवेदन पर विचार करने के लिए फाइल को कानून मंत्रालय भेज दिया था।
सरकार ने बांग्लादेश की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 401 की सब-सेक्शन 1 के तहत उनकी जेल की सजा को निलंबित किया था। सब-सेक्शन के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को अपराध के लिए सजा सुनाई जाती है, तो सरकार किसी भी समय या बिना किसी शर्त के किसी भी स्थिति में सजा प्राप्त व्यक्ति की सजा को निलंबित कर सकती है या पूरी सजा या फिर कुछ अवधि के लिए कैदी को क्षमा कर सकती है।
एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) ने 3 जुलाई, 2008 को पूर्व प्रधानमंत्री, उनके बेटे और बीएनपी कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान और चार अन्य के खिलाफ जिया ऑरफेनेज ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का मामला दायर किया था, जिसमें उनके पति के नाम पर ट्रस्ट गठन के लिए दान के 2.1 करोड़ टाका का दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
इसके बाद 8 फरवरी, 2018 को, एक विशेष अदालत ने जिया को दोषी ठहराया और उन्हें इस मामले में पांच साल की सजा सुनाई।
उन्हें नाजि़मुद्दीन रोड पर स्थित ओल्ड ढाका केंद्रीय जेल की एक विशेष जेल में भेज दिया गया।
इसके बाद 28 जनवरी, 2019 को, हाईकोर्ट ने अपने पूरे फैसले को सुनाते हुए जिया के कारावास की सजा को 10 साल कर दिया।
इस बीच बीएनपी प्रमुख और तीन अन्य को 29 अक्टूबर, 2018 को जिया चैरिटेबल ट्रस्ट ग्राफ्ट मामले में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई।
एसीसी ने 8 अगस्त 2011 को जिया और तीन अन्य के खिलाफ अनाथों के नाम पर स्थापित ट्रस्ट के लिए धन जुटाने में सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था।
वाशिंगटन 04 सितंबर (स्पूतनिक) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से सरकार विरोधी प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोकप्रिय कुश्ती स्टार नावेद अफकाराई को मृत्यु दंड नहीं देने की अपील की है।
श्री ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, “यह सुनकर कि ईरान एक महान और लोकप्रिय 27 वर्षीय कुश्ती स्टार नावेद अफकाराई को मारना चाहता है, जिसने सड़कों पर सरकार विरोधी प्रदर्शन में भाग लिया था।” उन्होंने कहा, “मैं ईरान के नेताओं की बहुत सराहना करूंगा यदि आप इस युवा के जीवन को बख्श देंगे और उसे फांसी नहीं देंगे। धन्यवाद।”
उन्होंने कहा एक सार्वजनिक अपील में कहा कि ईरान को युवा कुश्ती स्टार नावेद अफकाराई का जीवन बख्श देना चाहिए। श्री अफकाराई और अन्य प्रदर्शनकारी केवल ईरान में बिगड़ती आर्थिक स्थितियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा, “वे देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और मुद्रास्फीति का विरोध कर रहे थे।”
जर्मनी के शहर ज़ूलीगन में महिला ने कथित रूप से पांच बच्चों की हत्या करने के बाद रेल के आगे छलांग लगाकर आत्म हत्या की कोशिश की लेकिन वह जीवित बच गई और उसे घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया है।
रोयटर्ज़ के अनुसार पुलिस ने ज़ूलीगन के एक अपार्टमेंट से 5 बच्चों की लाशें बरामद की हैं और मां को इन बच्चों की हत्या का ज़िम्मेदार ठहराया है।
पुलिस विभाग का कहना है कि उसे सूचना मिली कि ज़ूलीगन के एक अपार्टमेंट में पांच बच्चे मुर्दा हालत में पाए गए हैं और खेद की बात यह है कि जानकारी सही साबित हुई। पुलिस के अनुसार मां ने डोज़ेलडोफ़ में ट्रेन के आगे छलांग लगाई थी और बुरी तरह घायल हो गई थी जिसे अस्पताल पहुंचा दिय गया है जहां उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि हम घटना का बैक ग्राउंड मालूम करने की कोशिश कर रहे हैं।
एक अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बच्चों की नानी ने पुलिस को फ़ोन करके इस घटना की जानकारी दी थी।
पुलिस ने एक, दो, तीन, छह और आठ साल की उम्र के बच्चों की लाशें बरामद की हैं जबकि 11 साल का एक बच्चा नानी के घर से पुलिस को मिला है।(pardtoday)
इस्लामाबाद, 3 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संबंधित अधिकारियों को महिला कैदियों की जल्द रिहाई की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। इसमें ट्रायल और दोषी पाए गए दोनों तरह की महिला कैदियों की रिहाई के आदेश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, खान ने एक बैठक कर, उसके बाद बुधवार को ट्वीट में अपने निर्णय की घोषणा की।
पीएमओ के एक सूत्र ने डॉन समाचार को बताया कि, प्रधानमंत्री ने देखा कि बड़ी संख्या में महिला कैदी सिर्फ इसलिए जेल में बंद थी, क्योंकि वे जुर्माना नहीं भर पा रही थीं।
सूत्र ने आगे कहा कि खान ने कहा कि " सरकार उन सभी कैदियों की रिहाई का सारा खर्च उठाएगी, जिनकी बाकी सजा तीन साल से कम थी और वे जुर्माना नहीं भरने के कारण जेल की सजा काट रही थीं।
इमरान खान ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी, अटॉर्नी जनरल और बैरिस्टर अली जफर के साथ बैठक के बाद निर्देश जारी किए हैं।
खान का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा अप्रैल में जारी एक अंतरिम आदेश के मद्देनजर आया है, जिसमें कोर्ट ने सरकार को शारीरिक या मानसिक बीमारी से पीड़ित कैदियों को रिहा करने का निर्देश दिया था।
मेक्सिको सिटी, 3 सितंबर (आईएएनएस)| मेक्सिको के क्वेनार्वाका शहर में शोक संबंधी जुलूस में शामिल हुए लोगों पर हमलावरों द्वारा गोलीबारी करने की जानकारी सामने आई है। इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के चश्मदीदों ने कहा कि हमलावरों ने शहर के एंटोनियो बैरोना के पड़ोस में एक निजी आवास पर वाहनों पर पहुंचे और उन लोगों पर गोलीबारी की, जो मोटरसाइकिल दुर्घटना में मारे गए एक युवक के शव के साथ जुलूस में चल रहे थे।
मोरेलोस राज्य के अटॉर्नी जनरल के कार्यालय और पुलिस ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मंगलवार की रात तो 10.40 पर हुए हमले में 15 और 16 वर्ष की आयु के दो किशोर भी मारे गए लोगों में शामिल हैं।
चार पीड़ितों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य की अस्पताल ले जाते समय या इलाज के दौरान मौत हो गई।
बयान में कहा गया है कि घायलों में तीन महिला और दो बच्चे भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में स्थानीय संगठित अपराध का संकेत मिला है।
घटना में करीब 40 गोलियां दागे जाने की बात कहते हुए अधिकारियों ने कहा, "बैलिस्टिक सामग्री के प्रारंभिक फोरेंसिक अध्ययन के अनुसार, घटना में इस्तेमाल किए गए बड़े हथियार हाल ही में दर्ज किए गए अन्य अपराधों में भी शामिल हैं।"
क्वेनार्वाका मोरेलोस राज्य की राजधानी है जहां कई संभ्रांत व्यक्तियों का घर हैं। यहां हालिया सालों में नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों में वृद्धि हुई है।
संयुक्त राष्ट्र, 3 सितंबर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने विश्व नेताओं से कहा है कि कोविड-19 महामारी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गेम-चेंजर के तौर पर सामने आई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने बुधवार को एक वर्चुअल मीटिंग में विश्व के नेताओं से कहा कि कोविड-19 से शांति और सुरक्षा पर पड़े प्रभाव की बात करें तो दुनिया ने "परिवर्तनशील और अस्थिरता के नए चरण में प्रवेश किया है"।
अकाबा प्रक्रिया के तहत आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से लड़ने में वैश्विक सहयोग बढ़ाने के लिए देश के प्रमुखों के बीच हुई अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि महामारी केवल एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट नहीं है बल्कि उससे अधिक है। बता दें कि अकाबा प्रक्रिया को 2015 में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने इसी नाम के जॉर्डन शहर से शुरू किया था।
मीटिंग में यूएन प्रमुख ने कहा, "यह महामारी अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गेम-चेंजर की तरह है। इस महामारी को हराने की प्रक्रिया एकता को बढ़ावा देने और समान सोच से काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।"
महामारी के अलावा बैठकों में आतंकवाद और अतिवाद के खतरों का मुकाबला करने के लिए सभी के प्रयासों को एकजुट करने, कोविड-19 महामारी के कारण सामने आती सुरक्षा चुनौतियों और उनका सामना करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
बैठकों में नाइजीरिया, फिलीपींस, केन्या और बुल्गारिया के राष्ट्रपतियों ने भी हिस्सा लिया। इसके अलावा कनाडा, बुल्गारिया और अल्बानिया के प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र और इंटरपोल के महासचिव और नाटो के उप महासचिव ने भी हिस्सा लिया।
मीटिंग में गुटेरेस ने कहा, "दुनिया गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनसे कोई भी देश या संगठन अकेले नहीं निपट सकता है। लिहाजा वैश्विक एकता और एकजुटता की तत्काल आवश्यकता है।"
गुटेरेस ने आगे कहा, "हालांकि महामारी से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की कमी 'चौंकाने' वाली रही है।"
उन्होंने जानकारी साझा करने और तकनीकी सहयोग को बढ़ाकर, "आतंकवादियों को नापाक इरादों को पूरा करने से रोकने" और "दीर्घकालिक समाधान" के बारे में सोचने पर जोर दिया।
महासचिव ने इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ एम्प्लॉयर्स (आईओई) के शताब्दी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कैसे निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग से कोविड-19 के बाद के बदले हुए समय को हैंडल करने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा, "आज हमारी पहली प्राथमिकता महामारी को हराना है और जीवन, आजीविका, व्यवसाय और अर्थव्यवस्थाओं का पुनर्निर्माण करना है।"
वाशिंगटन, 3 सितंबर (आईएएनएस) डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के राष्ट्रपति अभियान और ज्वॉइंट फंडरेजिंग समितियों ने अगस्त में 36.45 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। ऐसे में बिडेन कैंपेन ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के फंडरेजिंग के लिए एक नया मासिक रिकॉर्ड बनाया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बिडेन ने बुधवार को समर्थकों को ईमेल में लिखा, "हमने एक साथ अगस्त में 36.45 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। इस आंकड़े ने मुझे चकित कर दिया है।" उन्होंने आगे लिखा, "और हमने इसे सही तरीके से जुटाया है, देश भर के लोगों ने इस अभियान में अपना हिस्सा देकर, एक ऐसे भविष्य में योगदान दे रहे हैं, जिसे हम अपने बच्चों और उनके बच्चों के लिए चाहते हैं।"
बाइडेन कैंपेन ने कहा कि ऑनलाइन दान में कुल 20.5 करोड़ डॉलर या 57 प्रतिशत का योगदान है, जो कि "अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में ऑनलाइन फंडरेजिंग का सबसे शानदार महीना" है।
बाइडेन कैंपेन ने कहा कि कुल 40 लाख लोगों ने इसमें योगदान दिया है, जिसमें अगस्त में 15 लाख नए दानकर्ता शामिल हैं। साथ ही कहा कि अभियान में योगदान का 95 प्रतिशत जमीनी स्तर पर समर्थकों की ओर से मिला है।
गौरतलब है कि बाइडेन ने अगस्त में अपने उपराष्ट्रपति पद के चयन को लेकर घोषणा की थी, जिसके लिए उन्होंने कैलिफोर्निया की सीनेटर कमला हैरिस को चुना है। वहीं पहली बार वर्चुअल डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में अपनी पार्टी के नामांकन को आधिकारिक तौर पर स्वीकार भी किया।
जेनेवा 02 सितंबर (वार्ता)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक नये मामले सामने आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा कि पिछले एक सप्ताह के दाैरान भारत में कोरोना संक्रमण के करीब पांच लाख नये मामले सामने आने से विश्व में कोरोना संक्रमितों की संख्या में एक प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक नये मामले सामने आने से दक्षिण-पूर्वी एशिया में संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, “ भारत में पिछले सात दिनों के दौरान कोरोना संक्रमण के करीब पांच लाख नये मामले सामने आये हैं जोकि दुनिया भर में सर्वाधिक हैं। भारत में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में सात दिनों के भीतर नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।”
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि दुनिया में कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों में तीन प्रतिशत की कमी आई है। जबकि इस दौरान दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में 18 लाख का इजाफा हुआ है।
अमेरिका में इस महामारी का प्रकोप निरंतर बढ़ता ही जा रहा है, हालांकि अमेरिका के कुछ इलाकों में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में थोड़ी कमी आई है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पेरू, मैक्सिको, कोलंबिया और अर्जेंटीना ऐसे लैटिन अमेरिकी देश हैं जहां कोरोना संक्रमण के नये मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
यूरोप में पिछले सप्ताह के दौरान स्पेन, रूस, फ्रांस और यूक्रेन जैसे देशों में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक नये मामले सामने आये हैं। इटली में भी कोरोना के नये मामलों में 85 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
वहीं घाना, केन्या, गैबन और मेडागास्कर जैसे हॉटस्पाॅट के इलाकों में कोरोना के नये मामलों में कमी आई है।
इसके अलावा इराक, ईरान, मोरक्को, सऊदी अरब और कुवैत जैसे देशों में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 11 मार्च को कोरोना वायरस (कोविड-19) को महामारी घोषित किया था। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के 2.57 करोड़ से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि इस महामारी से 8.57 लाख से अधिक लोगाें की मौत हो चुकी है।
काबुल, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| अफगानिस्तान के फरयाब प्रांत में बुधवार को तालिबानियों के एक समूह पर किए गए हवाई हमले में 37 तालिबानी आतंकवादियों की मौत हो गई। सेना के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, "खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए, लड़ाकू विमानों ने बुधवार तड़के कायसर और ख्वाजा सब्जपोश में तालिबानी आतंकवादियों के एक समूह को निशाना बनाया, जिसमें कुख्यात कमांडर मुल्लाह सादिक समेत 37 आतंकवादियों की मौत हो गई।"
उन्होंने कहा कि इस हवाई हमले में 12 से ज्यादा आतंकवादी घायल हो गए।
प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान के लड़ाके, जिलों में सुरक्षा चेकपोस्ट को उड़ाने के मकसद से इकट्ठा हुए थे।
तालिबान की तरफ से अभी घटना की पुष्टि नहीं की गई है।
इस्लामाबाद, 2 सितंबर (आईएएनएस)| इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा 10 सितंबर तक पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 'आत्मसमर्पण' करने का निर्देश देने के बाद अब पाक सरकार ने पीएमएल-एन सुप्रीमो को लंदन से लौटने और न्याय का सामना करने के लिए कहा है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कैबिनेट बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए सूचना मंत्री शिबली फराज ने मंगलवार को कहा कि शरीफ को देश वापस आ जाना चाहिए, कोर्ट के सामने पेश होना चाहिए और उनके सवालों का जवाब देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, "यदि तीन बार देश का प्रधानमंत्री रह चुका कोई व्यक्ति अपने आप को कानून से ऊपर समझता है, तो यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में पाकिस्तान के नागरिकों को सोचना चाहिए।"
फराज ने कहा कि शरीफ की सेहत ठीक दिख रही थी, जैसा कि सोशल मीडिया पर अपलोड की गई उनकी तस्वीरों से साफ जाहिर होता है, जिसमें वह लंदन के एक रेस्तरां में टहलते और खाना खाते देखे गए थे।
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को विभाजन का सामना करना पड़ा, क्योंकि पार्टी के भीतर कई गुट उभर आए थे।
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर, 2019 को लाहौर हाईकोर्ट ने पूर्व नेता को पाकिस्तान के भीतर इलाज के लिए आठ सप्ताह की जमानत दी और 16 नवंबर को उन्हें इलाज के लिए विदेश यात्रा के लिए चार सप्ताह की अनुमति मिली थी।
वाशिंगटन, 2 सितंबर (आईएएनएस)| अमेरिका में अभी तक लगभग 480,000 बच्चे नोवेल कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं। इस साल की शुरुआत से ही महामारी ने देश को अपनी चपेट में ले लिया था। एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड चिल्ड्रन हॉस्पिटल एसोसिएशन की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण के कुल मामलों में से केवल 9.5 प्रतिशत बच्चों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। अमेरिका में कुल 476,439 बच्चे अब तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
बच्चों में हुए संक्रमण की दर देखें तो प्रति 100,000 बच्चों पर 631 मामले देखने को मिले हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 13 अगस्त से 27 अगस्त तक बच्चों में 70,330 नए मामले सामने आए और दो सप्ताह में इसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कुल मामलों में से बच्चों की दर 0.6 से लेकर 4.1 है, वहीं मृत्युदर का बात करें तो बच्चों में यह दर शून्य से 0.3 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "इस समय, यह प्रतीत होता है कि कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी बच्चों में दुर्लभ है। हालांकि, राज्यों को उम्र के आधार पर मामलों, परीक्षण, अस्पताल में भर्ती और मृत्युदर पर विस्तृत रिपोर्ट देते रहना चाहिए, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले वायरस के प्रभाव को प्रमाणित करने के साथ ही इसकी निगरानी भी की जा सके।"
जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार, अमेरिका में बुधवार की सुबह तक कोरोना के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 6,073,174 हो गई है। यहां संक्रमण की वजह से अभी तक 184,644 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। संक्रमण और इसकी वजह से होने वाली मौत के मामलों में अभी भी अमेरिका पहले नंबर पर बना हुआ है।