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ईमेल लीक होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप बोले- वुहान लैब को लेकर मेरी बात सही थी, दुश्मनों ने भी माना
04-Jun-2021 6:31 PM
ईमेल लीक होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप बोले- वुहान लैब को लेकर मेरी बात सही थी, दुश्मनों ने भी माना

वॉशिंगटन. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोविड-19 का वायरस वुहान लैब से आया है, हमारा ये कहना बिल्कुल सही था. अब ट्रंप चाहते हैं कि दुनियाभर में हुई मौतों के लिए चीन उसका मुआवजा भरे. दरअसल अमेरिकी मीडिया के हाथ वहां के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फाउची का एक ईमेल लगा है, जिससे कई बड़े खुलासे हुए हैं. लीक हुए इस ईमेल से पता चला है कि डॉ. फाउची कोरोना के संक्रमण के शुरूआती महीनों में चीन के वैज्ञानिकों के संपर्क में थे.

इसके बाद ट्रंप ने कहा कि चीन और डॉ. फाउची के बीच जो पत्राचार हुआ, वो इतना अहम है कि उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है. ट्रंप का कहना है कि अब चीन की वजह से मौतें और क्षति हुई उसके लिए अमेरिका और दुनिया को 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करना चाहिए. ट्रंप ने कहा,  ‘उनका कहना पूरी तरह से सही था कि वायरस चीन की वुहान लैब से आया है, अब इस बात को सभी मान रहे हैं उसमें उनके दुश्मन भी शामिल हैं.’

क्या है इस ईमेल में?फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन एक्ट के ज़रिये वॉशिंगटन पोस्ट, बज़फीड न्यूज़ और सीएनएन ने जनवरी से जून 2020 तक का जो 3000 पन्नों का ई मेल प्राप्त किया था. उससे ये खुलासा हुआ कि यूएस में कोविड महामारी के फैलने के शुरुआती दिनों में ही डॉ. फाउची और उनके साथियों का मानना था कि कोविड-19 चीन की वुहान लैब से लीक हो सकता है. चीन की वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी वुहान के उस सीफूड मार्केट के पास ही है जहां 2019 में यह वायरस सामने आया और महामारी का रूप ले लिया.

इस ईमेल में अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट को 866 पन्नों का एक लीक ईमेल मिला है. इस ईमेल को 28 मार्च 2020 को चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक जॉर्ज गाओ ने डॉ. फाउची को भेजा था. इस मेल में गाओ नेफाउची से अमेरिका में लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित नहीं करने पर की गई अपनी आलोचना के लिए माफी मांगी थी. बता दें कि गाओ ने पहले कहा था कि अमेरिका अपने लोगों को मास्क पहनने के लिए न कहकर भारी गलती कर रहा है.

बाइडन ने 90 दिन में मांगी है रिपोर्ट

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति की जांच के अपने प्रयासों को 'दोगुना' करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए अपर्याप्त सबूत हैं कि 'क्या यह किसी संक्रमित जानवर के साथ मानव संपर्क से उभरा है या प्रयोगशाला में हुई दुर्घटना से उभरा है.'

बाइडन ने एक बयान में कहा, 'अधिकांश खुफिया समुदाय को यह नहीं लगता है कि इसका आकलन करने के लिए पर्याप्त जानकारी है कि किसकी संभावना अधिक है.' उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को जांच में सहायता करने का निर्देश दिया और चीन से महामारी की उत्पत्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करने का आह्वान किया.

इससे पहले ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों का भी अब मानना है कि ऐसा 'संभव' है कि कोविड-19 महामारी चीन की प्रयोगशाला से कोरोना वायरस के लीक होने से फैली हो. एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को यह दावा किया गया. उसके बाद ब्रिटेन के टीका मंत्री नाधिम ज़हावी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से इस घातक वायरस की उत्पत्ति के संबंध में पूर्ण जांच की मांग उठायी. कोविड-19 की उत्पत्ति व्यापक बहस का मुद्दा रही है. कई वैज्ञानिक एवं नेता इस घातक वायरस के प्रयोगशाला से फैलने की आशंका जता चुके हैं.

सूत्रों के हवाले से 'द संडे टाइम्स' ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शुरुआत में ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों का विचार था कि इस बात की बेहद कम संभावना है कि कोरोना वायरस इस प्रयोगशाला से लीक हुआ, जहां चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस पर अनुसंधान किया जाता है और यह वायररस कोविड-19 के वायरस से काफी मिलता -जुलता है.

संडे टाईम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लेकिन अब इसको लेकर दोबारा आकलन किए जाने के बाद इस बात की संभावना को बल मिला है कि ये वायरस किसी प्रयोगशाला से निकलकर दुनिया में फैला. इस रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला दिया गया है.

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