अंतरराष्ट्रीय
ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी के चुनाव जीतने के बाद दुनियाभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
इसी बीच उसके धुर प्रतिद्वंद्वी इसराइल ने दुनिया को ‘जाग जाने’ के लिए कहा है.
इसराइल के नए प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट ने कहा है कि यह ‘क्रूर जल्लाद का शासन’ है.
बेनेट ने दुनिया की शीर्ष ताक़तों को आगाह किया है कि ईरान के साथ परमाणु समझौते में लौटने से पहले यह अंतिम बार ‘जाग जागने’ वाली कॉल है.
बेनेट ने यह टिप्पणी रविवार को अपनी कैबिनेट की पहली बैठक के दौरान कही.
कट्टरपंथी नेता रईसी शनिवार को 62% मतों के साथ ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गए थे. इस चुनाव के दौरान ऐतिहासिक रूप से ईरान में सबसे कम मतदान हुआ था.
1988 में ईरान-इराक़ युद्ध के बाद राजनीतिक क़ैदियों को सामूहिक फांसी देने में भागीदारी के कारण अमेरिका ने रईसी पर प्रतिबंध लगाए थे. रईसी ने उस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
यरूशलम में हुई इसराइल के नए प्रधानमंत्री बेनेट की कैबिनेट की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि ‘ख़ामेनेई (ईरान के सर्वोच्च नेता) उन सभी लोगों में से जिन्हें चुन सकते थे, उन्होंने तेहरान के जल्लाद को चुना, जो ईरानियों के बीच में बदनाम है और जो मौत की समितियों का नेतृत्व करता रहा और सालों तक हज़ारों ईरानी नागरिकों को मारा.’
ईरान के परमाणु समझौते का भविष्य फिर अधर में, बातचीत रुकी
ईरान और छह विश्व शक्तियों के बीच 2015 में हुए परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए हो रही बातचीत स्थगित हो गई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि कुछ बिंदुओं को लेकर अब भी असहमतियाँ हैं, जिन्हें हल किए जाने की ज़रूरत है.
ईरान के शीर्ष वार्ताकार अब्बास अरक़ची ने वियना से ईरान के सरकारी टीवी चैनल से कहा, “अब हम समझौते से पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा क़रीब हैं लेकिन अभी भी हमारे बीच कुछ ऐसी दूरियाँ हैं जिन्हें पाटना आसान काम नहीं है. आज रात हम तेहरान लौट जाएंगे.”
हालिया राउंड में क़रीब एक हफ़्ते तक बातचीत करने के बाद अब सभी पक्ष वापस लौट रहे हैं.
बातचीत अब फिर कब शुरू होगी, इसे लेकर अभी कोई तारीख़ निर्धारित नहीं की गई है लेकिन माना जा रहा है कि अगले 10 दिनों में सभी वापस आ सकते हैं.
परमाणु समझौते पर रईसी का रुख़ कैसा होगा?
ईरान में कट्टरपंथी नेता इब्राहीम रईसी देश ने नए राष्ट्रपति चुने गए हैं.
रईसी को पश्चिमी देशों का मुखर आलोचक माना जाता है. हसन रूहानी के बाद अब रईसी शुक्रवार को पद पर काबिज़ होंगे.
ईरान परमाणु समझौता हसन रूहानी के शासन काल में ही बिखर गया था.
हालाँकि इसकी उम्मीद कम है कि रईसी इस बारे में ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई से अलग कोई क़दम उठाएंगे.
ईरान में नीतियों से सम्बन्धित लगभग सभी फ़ैसले ख़ामेनेई ही लेते हैं. (bbc.com)