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यूरोप में मदद के लिए फोन तक नहीं कर पातीं महिलाएं
28-Jun-2021 8:35 PM
यूरोप में मदद के लिए फोन तक नहीं कर पातीं महिलाएं

यूरोप में जैसे जैसे जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, महिलाओं के खिलाफ घातक हिंसा बढ़ रही है. महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने वाले "नियंत्रण के नुकसान" का अनुभव कर रहे हैं.

(dw.com)  

यूरोप से इन दिनों महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कई रिपोर्ट आ रही हैं. पिछले दिनों फ्रांस में एक महिला को उसके पति ने जिंदा जला दिया, स्वीडन में वसंत ऋतु के तीन हफ्तों में पांच महिलाओं की हत्या कर दी गई. स्वीडन में समाचार चैनलों पर इन हत्याओं की ही चर्चाएं हो रही हैं.

कुछ यूरोपीय देशों में जहां 2021 के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध हैं, आंकड़े निर्विवाद हैं. उदाहरण के लिए स्पेन में जहां कोरोना आपातकाल मई में हटा, वहां एक सप्ताह पहले के औसत की तुलना में हर तीन दिन में एक महिला की हत्या हुई है.

एनजीओ के आंकड़ों से पता चलता है कि बेल्जियम में अप्रैल के अंत तक 13 महिलाओं की हत्या हुई. वहीं पिछले पूरे साल में 24 महिलाओं की हत्या हुई थी. जबकि फ्रांस में पिछले साल 46 महिलाओं की हत्या हुई थी. इस साल अब तक 56 महिलाओं की हत्या हो चुकी है.

लैंगिक हिंसा के खिलाफ स्पेनिश सरकार की टास्क फोर्स की प्रमुख विक्टोरिया रोसेल कहती हैं, "महिलाओं को अधिक आजादी मिलने के साथ ही हमलावर को लगता है कि वो नियंत्रण खो रहा है और वो अधिक चरम हिंसा के साथ प्रतिक्रिया करता है."

रोसेल के मुताबिक, "हाल के महीनों में हमने हिंसा की बढ़ती संख्या देखी है, हमने देखा है कि कैसे प्रतिबंधों में ढील ने एक और अंतर्निहित महामारी को उजागर किया है, वह है पुरुष द्वारा हिंसा." 

देखें:महिलाओं के प्रति अपराध में 7 प्रतिशत की वृद्धि

यूरोप में महिलाओं के खिलाफ हिंसा

2004 में स्पेन ने यूरोप के पहले कानून को मंजूरी दी जो विशेष रूप से घरेलू हिंसा पर नकेल कसता है, यह कानून लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए बनाया गया था. हालिया हिंसा ने देश के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज को भी चिंता में डाल दिया है. उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध को हमेशा के लिए समाप्त करने की इच्छा दोहराई है.

पूरे यूरोप में लॉकडाउन ने घरेलू हिंसा के मामलों को उठाना कठिन बना दिया. महिलाओं को हिंसा के साथ घरों में रहने को मजबूर होना पड़ा और हिंसा करने वाला और पीड़ित एक छत के नीचे रहे.

समानता मंत्रालय के आंकड़े दिखाते हैं कि महामारी की शुरुआत में स्पेन के तीन महीने के लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन मदद या "साइलेंट" अपील के लिए 2019 की तुलना में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

रोसेल कहती हैं, "इससे पता चलता है कि कैसे महिलाएं घर से फोन भी नहीं कर पा रही थीं." इटली और जर्मनी में भी यही हाल है.

घर में कैद और हिंसा की शिकार

महिलाओं को राहत पहुंचाने के लिए सरकारें भी अलग-अलग उपाय अपना रही हैं. जोखिम वाली महिलाओं को इटली ने मदद देने के लिए पुलिस की हॉटलाइन सेवा शुरू की है. महिला इस पर फोन पर कोड वर्ड "मैं एक मार्गरीटा पिज्जा ऑर्डर करना चाहती हूं" कहती है, जिसके बाद पुलिस उसके घर पर पहुंच जाती है और उसे मदद देती है.

स्पेन में महिला दवा की दुकान पर जाकर केमिस्ट से "पर्पल मास्क" मांग कर अपने साथ हो रही घरेलू हिंसा को लेकर अलर्ट कर सकती है. केमिस्ट इसके बाद अधिकारियों को सूचित कर देता है और पीड़ित को मदद मिल जाती है.

समाजशास्त्री कार्मेन रुईज रेपुलो के मुताबिक, "एक बार जब आपातकाल की स्थिति और लॉकडाउन समाप्त हो गया, तो कई पीड़ितों ने चीजों को अपने हाथों में ले लिया और साथ छोड़ने का फैसला किया. और उसी पल जोखिम बढ़ जाता है. तब आप हत्याओं की संख्या में उछाल देखते हैं."(dw.com)

एए/सीके (एएफपी)

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