अंतरराष्ट्रीय

ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर 'मानवता के खिलाफ अपराध' का मुकदमा चलाने की सिफारिश
21-Oct-2021 1:15 PM
ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर 'मानवता के खिलाफ अपराध' का मुकदमा चलाने की सिफारिश

ब्राजील की एक संसदीय समिति ने राष्ट्रपति जाएर बोल्सोनारो पर मानवता के खिलाफ अपराधों का मुकदमा चलाने की सिफारिश की है. ऐसा कोविड महामारी से ठीक से ना निपटने के लिए किया गया है.

  (dw.com) 

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो पर देश की संसदीय समिति ने नौ आरापों में मुकदमा चलाने की सिफारिश की है. इन आरोपों में मानवता के खिलाफ अपराधों के अलावा नीमहकीमी भी शामिल है.

सेनेटर रेनान कैलहाइरोस ने समिति की अंतिम रिपोर्ट को पेश किया. यह समिति राष्ट्रपति बोल्सोनारो की सरकार की कोरोना वायरस संबंधी नीतियों की जांच कर रही थी. छह महीने की जांच के बाद यह रिपोर्ट पेश की गई है.

करीब 1,200 पेज की इस रिपोर्ट में सरकारी धन के दुरुपयोग का भी आरोप है. रिपोर्ट कहती है कि कोविड की शुरुआत में मलेरिया की दवाई की सिफारिश करने के अलावा सरकार ने कोई और नीतिगत फैसला नहीं लिया.

बोल्सोनारो पर अपराधिक मुकदमा चलाने के अलावा समिति ने उन पर महाभियोग चलाने की भी सिफारिश की है. हालांकि ऐसी सिफारिशों को मानने का फैसला चैंबर ऑफ डेप्युटीज के अध्यक्ष पर निर्भर करता है, जिन्हें बोल्सोनारो का करीबी माना जाता है.
हत्या का आरोप नहीं

समिति ने जिन आरोपों में मुकदमे की सिफारिश की है, उनमें आदिवासियों का नरसंहार और कत्ल जैसे संगीन आरोप शामिल नहीं किए गए. हालांकि इन आरोपों पर चर्चा हुई थी. समिति ने राष्ट्रपति के अलावा 65 अन्य व्यक्तियों और दो उद्योगों को भी रिपोर्ट में नामित किया है.

समिति में 11 सदस्य थे. इनमें से सात विपक्षी दलों से जुड़े हैं या निर्दलीय हैं. पिछले छह महीने के दौरान समिति ने दर्जनों लोगों के बयान दर्ज किए. अगले हफ्ते इस रिपोर्ट पर समिति में वोटिंग होने की संभावना है. रिपोर्ट को पारित करने के लिए बहुमत की जरूरत होगी, जिसे फिर प्रॉसीक्यूटर जनरल को भेजा जाएगा. प्रॉसीक्यूटर जरनल ही मुकदमा चलाने पर फैसला करेगा.
बोल्सोनारो का बोलबाला घटा

ब्राजील में 2.2 करोड़ लोग कोरोना वायरस महामारी का शिकार बने. वहां छह लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. महामारी के दौरान देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी. इस कारण मार्च और अप्रैल में बड़ी संख्या में मौतें हुईं.

इस स्थिति के बावजूद बोल्सोनारो ने कोरोनावायरस की गंभीरता को शुरुआत से ही ज्यादा अहमियत नहीं दी. उन्होंने वैक्सीन पर संदेह जाहिर किए और कड़ी पाबंदियां लगाने जैसे उपाय भी नहीं किए. उन्होंने बार-बार कहा कि उन्होंने खुद कोई टीका नहीं लगवाया.

बोल्सोनारो पर यह भी आरोप है कि उन्होंने ब्राजील के लिए वैक्सीन खरीदने में देरी की जबकि उनका देश अमेरिका और भारत के बाद दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित मुल्क है.

बोल्सोनारो सरकार के प्रति जनता का समर्थन लगातार घट रहा है. सितंबर में डाटाफोला संस्था द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में 53 प्रतिशत लोगों ने राष्ट्रपति की नीतियों को खारिज किया. 2019 में बोल्सोनारो द्वारा सत्ता संभालने के बाद से यह समर्थन का निम्नतम स्तर है.

वीके/एए (एपी, डीपीए)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news