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-प्रदीप कुमार
सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियम्सन ने शानदार बल्लेबाज़ी करके अपनी टीम को गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ आठ विकेट से जीत दिला दी.
केन विलियम्सन ने कप्तान की पारी खेलते हुए 46 गेंदों पर 57 रन बनाए. उनकी पारी ट्वेंटी-20 क्रिकेट के लिहाज से धीमी रही. लेकिन उन्होंने चार ज़ोरदार छक्के और दो चौके जमाए. अपनी इस पारी की बदौलत केन विलियम्सन मैन ऑफ़ द मैच भी आंके गए.
लेकिन अगर गुजरात टाइटंस की टीम से एक चूक नहीं हुई होती तो ना तो केन विलियम्सन ये स्कोर बना पाते और मैच का रुख़ भी बदल सकता था.
आख़िर वो चूक क्या थी और गुजरात टाइटंस की टीम की ओर से किस खिलाड़ी ने ये चूक की, ये जानने में आपकी दिलचस्पी ज़रूर जगी होगी.
दरअसल, केन विलियम्सन पारी के पहले ही ओवर में आउट थे. हैदराबाद सनराइजर्स की ओर से ओपनिंग करने केन विलियम्सन पहले ओवर की चौथी गेंद पर आउट थे.
मोहम्मद शमी की मिडिल स्टंप की गेंद को खेलने में केन विलियम्सन चूके थे और गेंद उनके पैड से टकरायी थी. मोहम्मद शमी और गुजरात टाइटंस के विकेटकीपर मैथ्यू वेड ने एलबीडब्ल्यू की अपील की थी.
लेकिन मैच अंपायर ने केन विलियम्सन को आउट नहीं दिया. पहली झलक में ऐसा लग रहा था कि गेंद इन साइड एज़ के बाद पैड से टकराई है.
ऐसे में हार्दिक पांड्या के पास रिव्यू लेने का मौका था और मैथ्यू वेड ने दो-तीन बार कप्तान से रिव्यू लेने को कहा भी, लेकिन पांड्या सहमत नहीं हुए.
तब केन विलियम्सन दो रन बनाकर खेल रहे थे. बॉल ट्रैकिंग रिव्यू सिस्टम ने अगले ही ओवर में बताया कि गेंद केन विलियम्सन के बल्ले से नहीं लगी थी और वे विकेट के सामने खड़े भी थे.
यानी हार्दिक पांड्या ने रिव्यू लिया होता तो केन विलियम्सन आउट क़रार दिए जाते. इस एक चूक के बदले गुजरात टाइटंस को दो अहम अंक गंवाने पड़ गए.
शमी और विलियम्सन की टक्कर
वैसे आईपीएल में केन विलियम्सन और मोहम्मद शमी के बीच एक दिलचस्प टक्कर का इतिहास भी रहा है. दरअसल, मोहम्मद शमी आईपीएल के इकलौते ऐसे गेंदबाज़ हैं जो केन विलियम्सन को तीन बार आउट कर चुके हैं. उनके ख़िलाफ़ विलियम्सन का औसत दहाई अंकों का भी नहीं है.
शमी और विलियम्सन की टक्कर में, एक बार फिर बाजी मोहम्मद शमी के नाम होती लेकिन शमी ना तो खुद और ना ही अपने कप्तान को आश्वस्त कर सके कि विलियम्सन के ख़िलाफ़ रिव्यू लिया जाए.
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केन विलियम्सन की पारी ने हैदराबाद को जीत की राह पर ज़रूर डाला लेकिन उसे अमली जामा निकोलस पूरन ने पहनाया. निकोलस पूरन मैच के 14वें ओवर में बल्लेबाज़ी करने तब आए जब राहुल त्रिपाठी रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन लौटे थे.
आम तौर पर बल्लेबाज़ गेंदबाज़ी की गेंद पर चोट खाकर या फिर विकेटों के बीच भागते हुए गिरकर रिटायर्ड हर्ट होते हैं, लेकिन राहुल त्रिपाठी अपने हमनाम राहुल तेवतिया की गेंद पर पर ज़ोरदार छक्का लगा कर रिटायर्ड हर्ट हुए.
लेग स्टंप के बाहर की गेंद को लॉन्ग ऑफ़ पर छक्का जमाने के बाद राहुल त्रिपाठी अपना संतुलन नहीं रख पाए और गिर पड़े. जिसके बाद उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा.
निकोलस पूरन को सेट होने के लिए टाइम मिला और फर्ग्यूसन ने अपनी ही गेंद पर उनका कैच भी टपका दिया. पूरन ने 18 गेंदों पर नाबाद 36 रन बनाकर टीम को शानदार जीत दिलाई.
आईपीएल में पांड्या के 100 छक्के
हार्दिक पांड्या की कप्तानी में गुजरात टाइटंस ने सीजन में भले पहला मुक़ाबला गंवाया हो लेकिन इस मैच में उन्होंने आलराउंड खेल दिखाया.
पहले तो बल्लेबाज़ी में 42 गेंदों पर पांड्या ने नाबाद 50 रन बनाए. बल्लेबाज़ी के दौरान पांड्या ने आईपीएल में 100 छक्के लगाने का मुकाम भी हासिल किया. लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी से टीम को उतना फ़ायदा नहीं पहुंचा जिसकी उम्मीद की जा रही थी. इसकी एक वजह तो खुद पांड्या ही रहे. जो ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करने के लिए जाने जाते हैं लेकिन इस मुक़ाबले में उन्होंने धीमी बल्लेबाज़ी की.
अगर उनकी पारी से चार चौके और एक छक्के को हटा कर देखें तो 37 गेंदों पर उनके बल्ले से करीब 28 रन निकले. हालांकि उनकी मौजूदगी का ये असर ज़रूर रहा कि अभिनव मनोहर ने 21 गेंदों पर 35 रनों की पारी खेल कर टीम के स्कोर को 160 के पार तक पहुंचाया.
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कप्तान पांड्या इसके बाद गेंदबाज़ी में चार ओवरों में महज 27 रन देकर एक विकेट चटकाया. लेकिन टीम के बाक़ी गेंदबाज़ विलियम्सन, अभिषेक शर्मा और निकोलस पूरन पर कोई अंकुश नहीं लगा सके.
भुवनेश्वर कुमार और टी नटराजन
इस मुक़ाबले में सनराइजर्स हैदराबाद के दो तेज़ गेंदबाज़ों की प्रदर्शन पर भी लोगों का ध्यान गया. भुवनेश्वर कुमार जैसे अनुभवी गेंदबाज़ ने मैच का जो पहला ओवर फेंका, वह नौ गेंदों का ओवर था. तीन अतिरिक्त गेंदों का असर ये हुआ है कि इस ओवर में कुल 17 रन बने.
हालांकि इसके बाद अगले तीन ओवरों में भुवनेश्वर ने ज़ोरदार वापसी की बीस रन देकर दो अहम विकेट लिए.
वहीं टी नटराजन ने पारी का अंतिम ओवर फेंका जिसमें उन्होंने महज सात रन दिए. चार ओवरों में 34 रन देकर उन्होंने भी दो विकेट चटकाए.
ख़ास बात यह है कि अंतिम ओवरों में वे विपक्षी बल्लेबाज़ों को अपने यार्कर से ख़ूब छका रहे हैं. आईपीएल के मौजूदा सीज़न में अब उनसे ज़्यादा यॉर्कर कोई नहीं डाल पाया है, और डेथ ओवरों में सबसे ज़्यादा पांच विकेट भी उनके नाम हैं. (bbc.com)