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श्रीलंका संकट: जयसूर्या बोले- देश का मक़सद नाकाम नेताओं को हटा देना है
10-Jul-2022 5:36 PM
श्रीलंका संकट: जयसूर्या बोले- देश का मक़सद नाकाम नेताओं को हटा देना है

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श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में शनिवार को प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर विरोध जता रहे थे. नारेबाज़ी कर रहे थे.

उनमें से कुछ लोग अचानक ठहरे. मोबाइल निकाला और सेल्फ़ी लेने लगे. वो पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या को देखकर उत्साहित थे.

श्रीलंका के हालात को लेकर लगातार दुख, तकलीफ और गुस्सा ज़ाहिर करते रहे जयसूर्या ने ऐसे फ़ैन्स को निराश नहीं किया.

उन्होंने इस तस्वीर को ट्वीट भी किया और ट्विटर पर लिखा, "मैं हमेशा श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा हूं और जल्दी ही जीत का जश्न मनाएंगे. ये बिना किसी हिंसा के जारी रहना चाहिए."

1990 के दशक में श्रीलंका टीम की पहचान बदलने और उसे 1996 का वर्ल्ड कप दिलाने वाली टीम में रहे जयसूर्या किस 'जीत' की बात कर रहे थे, ये समझना ज़्यादा मुश्किल नहीं था.

श्रीलंका संकट
जयसूर्या ने लिखा, "अपनी पूरी ज़िंदगी में मैंने देश को इस तरह एकजुट होते नहीं देखा जहां एक मकसद है नाकाम नेताओं को हटा देना. अब इबारत आपके सरकारी घर की दीवार पर लिखी है. कृपया शांति से चले जाइए."

सनथ जयसूर्या अकेले पूर्व क्रिकेटर नहीं हैं. जो प्रदर्शनकारियों को समर्थन दे रहे हैं और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के प्रति नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं.

पूर्व कप्तान कुमार संगकारा और पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने समेत कई दूसरे क्रिकेटर भी श्रीलंका संकट पर अपनी बात रख रहे हैं और प्रदर्शनकारियों के साथ समर्थन जाहिर कर रहे हैं.

श्रीलंका में ये सब तब हो रहा है, जब ऑस्ट्रेलिया के टीम दौरे पर है और मेजबान टीम के ख़िलाफ़ गॉल में दूसरा टेस्ट मैच खेल रही है.

शनिवार को टेस्ट मैच के दूसरे दिन हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी स्टेडियम के बाहर भी जमा हो गए थे.

इस बीच शनिवार को ही ऑस्ट्रेलिया की टीम के कप्तान पैट कमिंस ने दुनिया से श्रीलंका की मदद की अपील की है ताकि वो संकट की स्थितियों से बाहर आ सके.

शांति की अपील
सनथ जयसूर्या ने शनिवार को किए ट्वीट में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को सलाह दी कि वो इस्तीफ़ा दे दें.

हालांकि, जब प्रदर्शन हिंसक हुआ तो उन्होंने लोगों से सतर्क और सावधान रहने की अपील भी की.

पत्रकार अज़्ज़ाम अमीन ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगाए जाने का वीडियो ट्वीट किया था.

जयसूर्या ने इसे रीट्वीट किया और लिखा, "हमें याद रखना चाहिए कि यहां कुछ ऐसे तत्व हैं जो इस महान अभियान को ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, हम राजनीतिक तौर पर प्रधानमंत्री से सहमत नहीं हैं लेकिन उनका घर रॉयल कॉलेज को दान दिया गया था. ये ग़लत है. कृपया शांत रहिए. "

जयसूर्या ने शनिवार को अंग्रेजी चैनल एनडीटीवी से भी बात की.

विरोध प्रदर्शन को लेकर जयसूर्या ने कहा, "ये कोई राजनीतिक दल नहीं है. हम किसी पार्टी में नहीं हैं. हम चाहते हैं कि इस देश के लोगों का ख्याल रखा जाए. ऐसा हो नहीं रहा है. बीते एक साल से लोग दिक्कतें झेल रहे हैं. मुझे नहीं पता कि इसे कैसे बयान किया जाए. मेरे देश में ये हो रहा है, इसे देखना बहुत दुखद है. मैंने पेट्रोल के लिए वाहनों की ऐसी लंबी कतार नहीं देखी है. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. ये स्वाभाविक है. लोगों के पास विरोध करने का अधिकार है. लोग ही थे जो इन्हें सत्ता में लाए थे. लोगों की ताक़त ही उन्हें हटा सकती है. "

उन्होंने प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा, "ये हमारे भविष्य के लिए है."

इसके पहले कर्फ़्यू हटाने की मांग को लेकर बार एसोसिएशन ऑफ़ श्रीलंका के एक पत्र को रिट्वीट करते हुए संगकारा ने लिखा, "लोगों की आवाज़ कोई नहीं दबा सकता है."

उन्होंने कई पत्रकारों और सनथ जयसूर्या के ट्वीट को रिट्वीट किया है

संगकारा पहले भी श्रीलंका की दिक्कत की बात उठा चुके हैं. उन्होंने अप्रैल में इंस्टाग्राम पर इसे लेकर एक बड़ी पोस्ट लिखी थी.

तब उन्होंने देश के लोगों की मुश्किलों को लेकर दुख जताया था.

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वीडियो कैप्शन,
कोलंबो में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे के सरकारी आवास में दाखिल हो गए.

उन्होंने लिखा था, ''श्रीलंका के लोग बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. ये देखकर दुख होता है कि लोग अपनी रोजमर्रा की ज़रूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं. हर दिन मुश्किल होता जा रहा है. लोग अपनी आवाज़ उठा रहे हैं और एक समाधान की मांग कर रहे हैं. कुछ लोग उस आवाज़ के ख़िलाफ़ नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं तो कुछ उसका दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. लोग क्या कह रहे हैं, सुनना चाहिए. अपने विनाशकारी निजी और राजनीतिक एजेंडे को दूर रखते हुए श्रीलंका के हित में काम करना चाहिए. श्रीलंका के लोग दुश्मन नहीं है, वो अपने ही लोग हैं. उन्हें और उनके भविष्य को किसी भी तरह बचाना चाहिए.''

श्रीलंका के एक और पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने भी सोशल मीडिया के जरिए प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया.

लेकिन जब हिंसा की ख़बरें आने लगीं तब महेला जयवर्धने ने एक ट्वीट किया और शांति की अपील की.

उन्होंने लिखा, "ये अभियान इसके लिए नहीं है. शांति पूर्ण प्रदर्शन. हिंसा कभी भी समाधान नहीं हो सकती है. इस कदम की दिल से निंदा करता हूं."

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान की अपील
इस बीच, श्रीलंका के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ में ऑस्ट्रेलिया टीम की कप्तान कर रहे पैट कमिंस ने श्रीलंका की स्थिति पर चिंता ज़ाहिर की है. उन्होंने दुनिया से अपील की है कि वो श्रीलंका की मदद करें. कमिंस ऑस्ट्रेलिया में यूनिसेफ के एंबेसडर हैं.

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है. इसमें वो श्रीलंका के कुछ बच्चों से बात कर रहे हैं.

वीडियो में वो कहते हैं, "मैं फिलहाल क्रिकेट खेलने के लिए श्रीलंका में हूं. मैं कहना चाहता हूं कि ये अतुलनीय देश है. यहां के लोग बेहतरीन हैं. लेकिन इन दिनों यहां का रोज़मर्रा का जीवन कठिन हो गया है. बच्चों के लिए ये बहुत मुश्किल दौर है. "

"मैंने हाल में कौसाला और सथुजा से बात की. वो श्रीलंका में रहती हैं. दोनों ने मौजूदा संकट के बारे में बात की. "

इन बच्चों ने कमिंस को बताया कि मौजूदा संकट की वजह से उनके परिवार को सिर्फ़ एक वक्त का भोजन मिल पाता है.

वीडियो के आखिर में कमिंस कहते हैं, " श्रीलंका के बच्चों को मदद की ज़रूरत है." (bbc.com)

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