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बाइडन ने क्यों बताया डोनाल्ड ट्रंप की विचारधारा को अमेरिकी लोकतंत्र के लिए ख़तरा
03-Sep-2022 10:00 AM
बाइडन ने क्यों बताया डोनाल्ड ट्रंप की विचारधारा को अमेरिकी लोकतंत्र के लिए ख़तरा

-सारा स्मिथ और मैक्स माट्ज़ा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के नारे 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का समर्थन करने वाले लोग देश के लोकतंत्र के लिए ख़तरा हैं.

पेनसिल्वेनिया में एक अहम भाषण के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, "ऐसे लोगों ने देश को पीछे ले जाने का पक्का इरादा कर लिया है."

हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपल्बिकन पार्टी के नेता केविन मैकार्थी ने राष्ट्रपति बाइडन पर कहा, "बाइडन ने अमेरिका की आत्मा पर गहरे घाव दिए हैं."

अमेरिका में दोनों नेताओं के ये तीखे भाषण मध्यावधि चुनावों के ठीक दो महीने पहले हुए हैं. ये चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसके नतीज़ों से वॉशिंगटन में सत्ता का संतुलन तय होगा.

डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति ने गुरुवार रात के इस भाषण के लिए वेन्यू के तौर पर फिलाडेल्फिया के इंडिपेंडेंस हॉल को चुना. यही वो जगह है जहां अमेरिका की स्वतंत्रता के घोषणापत्र पर दस्तखत हुए थे.

साल 2020 में जब जो बाइडन ने अपनी चुनावी मुहिम शुरू की थी तो 'अमेरिका की आत्मा' को फिर से पहले जैसा करने का नारा बुलंद किया था.

उन्होंने कहा, "दो साल पहले ट्रंप के लिए वोट देने वाले 7 करोड़ 40 लाख अमेरिकियों की मैं आलोचना नहीं करता हूं. हरेक रिपब्लिकन, यहां तक ज़्यादातर रिपब्लिकंस भी 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (मागा) के एजेंडे का समर्थन नहीं करते हैं."

जो बाइडन ने कहा, "लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज की तारीख़ में रिपब्लिकन पार्टी पर डोनाल्ड ट्रंप और मागा रिपब्लिकंस का गहरा असर है और ये देश के लिए ख़तरा है."

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि यूएस कैपिटल पर हमला बोलने वाले ट्रंप समर्थकों की भीड़ खुद को देशभक्त मानती थी न कि बलवाई.

उन्होंने कहा, "लंबे समय तक हम खुद से ये कहते रहे कि अमेरिकी लोकतंत्र एक गारंटीशुदा चीज़ है लेकिन ऐसा नहीं है. हमें इसकी रक्षा करनी होगी. इसे सहेजना होगा. इसके लिए स्टैंड लेना होगा. और ये हममें से हरेक की जिम्मेदारी है."

बाइडन के भाषण के जवाब में केविन मैकार्थी के अलावा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपने नारे 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का बचाव किया है. ट्रंप ने कहा कि उनके विरोधी ने 'अमेरिका को धमकाया' है.

बाइडन के भाषण के समय वहां मौजूद बीबीसी संवाददाता ने बताया कि एक शख़्स जो शायद उनसे असहमत था, उसने विरोध में नारेबाज़ी भी की.

बाइडन ने अपने भाषण के दौरान दो बार उस शख़्स को संबोधित किया. दूसरी बार उन्होंने कहा, "उन्हें नाराज़गी जताने का हक है. यही लोकतंत्र है."

देश में एकता का माहौल बनाने का वादा करके राष्ट्रपति बनने वाले जो बाइडन ने हाल के समय में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों पर अपने हमले तेज़ किए हैं.

पिछले हफ़्ते जो बाइडन ने 'कट्टरपंथी रिपब्लिकंस' को 'फासीवादी' करार दिया था.

केविन मैकार्थी का भाषण
हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपल्बिकन पार्टी के नेता केविन मैकार्थी ने बाइडन के संबोधन से थोड़ी देर पहले बाइडन के होमटाउन स्क्रैंटन से अपना भाषण दिया.

कैलिफोर्निया से कांग्रेस सदस्य कैविन मैकार्थी ने कहा, "राष्ट्रपति बाइडन ने अपने साथी अमेरिकियों को बांटने, अपमानित करने और नीचा दिखाने का रास्ता चुना है. क्यों? सिर्फ़ इसलिए क्योंकि वे ट्रंप की नीतियों से असहमत हैं. ये नेतृत्व नहीं है."

कैविन मैकार्थी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन को करोड़ों अमेरिकियों से फासीवादी कहकर लांछने लगाने के लिए माफी मांगनी चाहिए.

रिपब्लिकन पार्टी के इस नेता ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने अमेरिका पर महंगाई, खुली सीमाएं, कोविड की वजह से स्कूलों की बंदी, अफ़ग़ानिस्तान से प्रतिकूल परिस्थितियों में सैनिकों की वापसी और दो दशकों में देश में अपराध का रिकॉर्ड स्तर जैसी समस्याएं थोप दी हैं.

उन्होंने कहा, "पिछले दो साल में जो बाइडन ने अमेरिका की आत्मा, अमेरिकी लोगों, उसके क़ानूनों और देश के सबसे पवित्र मूल्यों पर हमला किया है. उन्होंने हमारे लोकतंत्र पर हमला बोला है. उनकी नीतियों ने अमेरिका की आत्मा को गहरे ज़ख्म दिए हैं, अमेरिका का मनोबल कमज़ोर किया है, उसका भरोसा तोड़ा है."

बाइडन की कोशिश
डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडन की आलोचना का जवाब अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रूथ' पर दिया है. उन्होंने कहा, "अगर वे अमेरिका को फिर से महान नहीं बनाना चाहते हैं तो उन्हें अमेरिका प्रतिनिधित्व निश्चित रूप से नहीं करना चाहिए."

बीबीसी के नॉर्थ अमेरिका रिपोर्टर एंथनी ज़र्शर ने कहा, "पिछले एक साल में पहली बार राष्ट्रपति जो बाइडन की राजनीतिक रेटिंग का ग्राफ़ ऊपर जाता हुआ दिख रहा है. उनकी अप्रूवल रेटिंग 'बहुत ख़राब' से सुधरकर 'ख़राब' पर आई है. इससे भी ज़्यादा ये हो रहा है कि राष्ट्रपति बाइडन के निजी संघर्ष डेमोक्रेट्स के लिए चुनावी परेशानी का सबब बनते हुए नहीं दिख रहे हैं."

"हालांकि पिछले कुछ महीनों में डेमोक्रेट्स ने रिपब्लिकंस के मुक़ाबले अच्छा प्रदर्शन किया है. बाइडन की किस्मत अच्छी चल रही है लेकिन इसमें उनके किसी योगदान का असर नहीं दिखता. वे हाल में कोविड से संक्रमित हुए और राष्ट्रपति के तौर पर उनकी शक्तियों की सीमाएं भी सामने आईं. लेकिन किसी अच्छी ख़बर का क्रेडिट लेने से किसी राजनेता को कभी नहीं रोका जा सकता है.

राष्ट्रपति बाइडन का गुरुवार का भाषण भी उसी दिशा में था मानो वे हालात ठीक रहने की सूरत में उसका क्रेडिट लेने की परिस्थितियां तय करना चाहते हों. अमेरिकी लोकतंत्र को ख़तरा और मध्यावधि चुनाव में बहस का रुख इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द रहे, बाइडन की कोशिश इसी पर फोकस लग रही है. और अगर हालात अनुकूल नहीं रहे तो इसका ठीकरा भी उन्हीं के सिर पर फूटेगा.

मतदाताओं का नज़रिया
वहीं, बाइडन ने जिस जगह पर ये भाषण दिया, वहां से 120 मील की दूरी पर स्थित छोटे से शहर न्यूफाउंडलैंड के वोटर्स राष्ट्रपति की इस बात से सहमत नहीं दिखे कि लोकतंत्र को ख़तरा है.

अमेरिकियों के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चिंता पेट्रोल की क़ीमतों को लेकर है. कई मतदाताओं ने ट्रंप के समय की अर्थव्यवस्था की तुलना मौजूदा हालात से की.

लेकिन खुद को आजीवन रिपब्लिकन बताने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि वो ट्रंप या उनकी ओर से दिए गए किसी उम्मीदवार के लिए कभी वोट नहीं करेंगे.

नवंबर में जो वोट डाले जाएंगे, उसमें बैलट पेपर पर कहीं ट्रंप का नाम तो नहीं होगा लेकिन उनकी मौजूदगी को खारिज करना नामुमकिन है.

इस सप्ताहांत पर ट्रंप एक रैली को संबोधित करने जा रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी के कुछ उम्मीदवार इस राज्य में पूर्व राष्ट्रपति के समर्थन से चुनावी रेस में आगे बढ़ने में कामयाब रहे.(bbc.com/hindi)

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