अंतरराष्ट्रीय
नेपाल के प्रत्यर्पण विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा है कि वो सिरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रखने की व्यवस्था नहीं कर पाए हैं जिसके बाद अब उन्हें एक और दिन जेल में बिताना पड़ेगा.
भारत और वियतनामी माता-पिता के बेटे चार्ल्स शोभराज फ़िलहाल नेपाल की एक जेल में हैं जहां से उन्हें कोर्ट के आदेश के बाद डिपोर्ट किया जाना था.
नेपाल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सपना प्रधान मल्ला और जस्टिस तिलक श्रेष्ठ की साझा बेंच ने बुधवार को चार्ल्स शोभराज को जेल से छोड़ने का आदेश दिया था.
कोर्ट ने छोड़े जाने के 15 दिनों के अंदर उनके प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं.
शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटी चिंतन ने कहा है, "उन्हें जेल से छोड़ने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और उन्हें प्रत्यर्पण विभाग को सौंप दिया गया है. लेकिन विभाग ने कहा उन्हें शोभराज को रखने की व्यवस्था करने के लिए अभी थोड़ा वक्त चाहिए इसलिए उन्हें एक और दिन जेल में ही रखने की गुज़ारिश की है."
'द सर्पेंट' और 'बिकनी किलर' जैसे उपनामों से प्रसिद्ध रहे चार्ल्स शोभराज साल 2003 से काठमांडू की एक जेल में बंद हैं. 1975 में नेपाल में दो अमेरिकी सैलानियों के हत्या के दोष में उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई थी.
2014 में उन्हें कनाडाई बैकपैकर की हत्या के लिए दूसरी बार नेपाल की एक कोर्ट ने उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई. नेपाल में उम्रक़ैद की सीमा 20 साल होती है.
भेष बदलने में माहिर चार्ल्स शोभराज पर्यटकों और युवा महिलाओं को निशाना बनाते थे. चार्ल्स शोभराज पर भारत, थाईलैंड, नेपाल, तुर्की और ईरान में हत्या के 20 से ज़्यादा आरोप लगे. उन्हें सीरियल किलर कहा जाने लगा लेकिन अगस्त 2004 के पहले उन्हें ऐसे किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया.