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बच्चे पैदा करने में बड़ी बाधा है क्लेमेडिया
24-Dec-2022 1:49 PM
बच्चे पैदा करने में बड़ी बाधा है क्लेमेडिया

क्लेमेडिया? एसटीआई? मुझे? नहीं ये असंभव है! लेकिन आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक केवल जर्मनी में ही हर साल 250,000 से 300,000 लोग इस बैक्टीरिया की चपेट में आते हैं. 

  डॉयचे वैले पर गुदरून हीसे की रिपोर्ट- 

अगर समय पर उलाज हो तो स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है. हालांकि क्लेमेडिया के संक्रमण की आसानी से पहचान नहीं हो पाती है. 

इसके प्रमुख लक्षण हैं, लिंग, योनी या मलद्वार से स्रावस, पेशाब करते समय दर्द या जलन और सेक्स के दौरान दर्द. महिलाओं में बार बार रक्तस्त्राव भी संक्रमण का एक संकेत है. 

क्लेमेडिया से इनफर्टिलिटी 

बीमारी का पता लगाना सबसे कठिन है. जर्मनी के सेंटर फॉर सेक्सुअल मेडिसिन एंड हेल्थ के नॉर्बर्ट ब्रोकमेयर बताते हैं, "80 फीसदी महिलाओं में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते." 

अकसर डॉक्टर को फर्टिलिटी टेस्ट के दौरान अनायास ही क्लेमेडिया का पता चल जाता है. सबसे बुरा तब होता है जब इस संक्रमण का पता नहीं चलता और इसकी वजह से दोनों पार्टनरों में इनफर्टिलिटी विकसित हो जाती है. 

ब्रोकमेयर ने कहा, "(गर्भधारण में मुश्किल होने की वजह से) क्लिनिक आने वाले सभी जोड़ों में से 60 फीसदी को एक बार क्लेमेडिया होता है. यह बीमारी इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण हो सकती है." 

जर्मनी में यह आकलन किया गया है कि फिलहाल 1,00,000 महिलाएं ऐसी हैं जो क्लेमेडिया के कारण गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं. महिलाओं में योनी के आसपास इसका संक्रमण होता है. यहां से बैक्टीरिया पेट में चला जाता है. 

ब्रोकमेयर के मुताबिक, "योनी या सर्विक्स में बैक्टीरिया का पता नहीं चल पाता, लेकिन फेलोपियन ट्यूब इसकी वजह से बंद हो जाती है और ओवरी में सूजन हो जाता है. इस संक्रमण की वजह से ट्यूमर भी विकसित हो सकता है." 

पुरुषों में क्लेमेडिया मूत्रमार्ग के रास्ते अंडकोष में प्रवेश करता है और वीर्यकोष को संक्रमित करता है. स्पर्म डक्ट कभी बंद हो सकता है और गंभीर सूजन इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है. 

ब्रॉकमेयर ने कहा, "इस बात के भी कुछ सबूत हैं कि क्लेमेडियल पैथोजेन प्रोस्टेट कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी इसमें बहुत कुछ ऐसा है जिसके बारे में पूरी तरह से रिसर्च नहीं हुई है. 

क्लेमेडिया के संक्रमण का अगर इलाज ना हो तो यह एचआईवी के संक्रमण का जोखिम भी बढ़ा सकती है क्योंकी म्यूकस मेंब्रेन सूजन के कारण ज्यादा संवेदनशील और पारगम्य होते हैं.  

सभी सेक्सुअल पार्टनरों की जांच 

अगर किसी में क्लेमेडिया संक्रमण के लक्षण दिखते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि डॉक्टर और सेक्सुअल पार्टनरसे बात की जाये. महिलाओं को गायनेकोलॉजिस्ट को संपर्क करना चाहिए जबकि पुरुषों को यूरोलॉजिस्ट या फिर डर्मेटोलॉजिस्ट से. 

ब्रोकमेयर ने कहा, "इलाज में पार्टनर को हमेशा शामिल किया जाना चाहिये, नहीं तो संक्रमण बार बार हो सकता है." इलाज में सात दिन लगातार एंटीबायोटिक दवायें दी जाती हैं. ज्यादातर मामलों में यह सफल है. इसके बाद फिर संक्रमण का खतरा नहीं रहता है. 

मरीज को चार छह हफ्ते के बाद एक बार फिर डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संक्रमण खत्म हो गया है और साथ ही यह जानने के लिए कि अतिरिक्त उपचार की जरूरत है या नहीं. 

ब्रोकमेयर ने बताया, "इस तरह का परीक्षण पूरी तरह से ठीक होने के लिए बहुत जरूरी है. दुर्भाग्य से जर्मनी में यह दुर्लभ है. इंग्लैंड में मामला अलग है. वहां डॉक्टर उनके 90 फीसदी मरीजों में तथाकथित 'उपचार के लिए परीक्षण' कर रहे हैं और वहां इलाज की दर काफी ज्यादा है." 

शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं 

क्लेमेडिया समेत कई एसटीआई के मामलों को रिपोर्ट करने की दर बहुत कम है. ज्यादा लोग डॉक्टर के पास जाना नहीं चाहते. आखिरकार इसमें उन्हें अपनी सेक्स आदतों से जुड़े निजी सवालों का जवाब देना पड़ता है. 

ब्रोकमेयर ने बताया, "आपको मुंह या गले में संक्रमण हो सकता है. आप के जननांग संक्रमित हो सकते हैं, आपका मलद्वार संक्रमित हो सकता है. आप अपने जननांग से मलद्वार तक या फिर, मलद्वार से मुंह तक संक्रमित हो सकते हैं." 

क्लेमेडिया लंबे समय तक चलने वाली बीमारी भी बन सकती है. ठीक वैसे ही जैसे किसी झाड़ी की आग जंगल की आग में भी बदल सकती है.  (dw.com)

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