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जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ के ख़िलाफ़ धरने पर बैठी महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने महासंघ के प्रेसीडेंट पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं.
कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट ने पत्रकारों से कहा, "कोच महिलाओं को परेशान कर रहे हैं और फ़ेडरेशन के चहेते कुछ कोच तो महिला कोचों के साथ भी अभद्रता करते हैं. वे लड़कियों को परेशान करते हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रेसीडेंट ने कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया है."
फोगाट ने कहा, "वे हमारी निजी ज़िंदगी में दखल देते हैं और परेशान करते हैं. वे हमारा शोषण कर रहे हैं. जब हम ओलंपिक खेलने जाते हैं तो न तो हमारे पास फीजियो होता है न कोई कोच. जब हमने अपनी आवाज़ उठाई तो उहोंने हमें धमकाना शुरू कर दिया."
वहीं भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने इन आरोपों का जवाब दिया है, उन्होंने कहा कि, "कोई भी आदमी ऐसा है जो कह सके कि कुश्ती संघ में एथलीटों का उत्पीड़न किया गया है."
हालांकि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया है कि 'किसी भी एथलीट का यौन शोषण नहीं हुआ है. अगर यह सच साबित होता है तो मैं फांसी पर लटकने को तैयार हूं.'
कुश्ती संघ
उन्होंने यह भी दावा किया है कि ओलंपिक और विश्व प्रतियोगिताओं में दूसरे राज्य के खिलाड़ियों को मौका देने के चलते उन पर इस तरह से आरोप लगाए जाए रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा कि बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे खिलाड़ियों ने उनसे एक सप्ताह पहले भी मुलाकात की थी और इन लोगों की कोई शिकायत नहीं है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने विनेश फोगाट की भी मुश्किल समय में मदद की है. उन्होंने यह भी कहा कि वे इस पूरे मामले में किसी तरह की जांच का सामना करने को तैयार हैं. लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि जांच होने तक क्या वे अपने पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं तो उन्होंने इससे इनकार किया है.
क्या है खिलाड़ियों के आरोप
विनेश फोगाट 2022 के कॉमन वेल्थ गेम्स में 53 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं. फोगाट ने कहा कि एक दौर ऐसा भी आया कि इतना मेंटल टॉर्चर हुआ कि मैं खुदकुशी करने की सोचने लगी थी. मैं हर दिन खुदकुशी करने की सोचने लगी थी. हर एथलीट को पता है कि हमारे साथ क्या गुजर रही है.
कुश्ती संघ
उन्होंने कहा कि अगर मुझे कुछ हो जाता तो मेरा परिवार क्या करता उसके बाद और कौन लेता इसकी ज़िम्मेदारी.
उन्होंने कहा कि अगर हमारे किसी भी खिलाड़ी को कुछ भी होता है तो उसकी ज़िम्मेदारी हमारे फ़ेडरेशन की होगी. हमारा इतना मेंटल टॉर्चर होता है. मुझे कहा जाता है कि मैं मानसिक रूप से कमज़ोर हूं.
फोगाट प्रेस वार्ता में भावुक हो गईं और उनकी आंखों में आंसू थे.
बजरंग पूनिया ने कहा, "हम चाहते हैं कि फेडरेशन का बदलाव हो और रेस्लिंग को भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा पहलवानों को परेशान किया जा रहा है. जो लोग डब्ल्यूएफ़आई का हिस्सा हैं, उन्हें इस खेल के बारे में कुछ नहीं पता है."
कुश्ती खिलाड़ी
ख़बर लिखे जाने तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई अन्य खिलाड़ी धरने पर बैठे हुए हैं.
बीबीसी पंजाबी संवाददाता अर्शदीप कौर ने धरने पर बैठे खिलाड़ियों से बात करने की कोशिश की थी, तब खिलाड़ियों ने उनसे कहा कि हम लोग चार बजे प्रेस वार्ता में बताएंगे. बहुत ज़ोर देने पर बजरंग पूनिया ने केवल इतना कहा कि हमलोग कुश्ती संघ में बदलाव चाहते हैं.
कुश्ती खिलाड़ी
प्रेस वार्ता के बाद इन खिलाड़ियों ने मीडिया से बात नहीं की. बीबीसी पंजाबी संवाददाता अर्शदीप कौर ने यह भी बताया है कि इन खिलाड़ियों के पास जंतर मंतर पर बैठ कर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है और 26 जनवरी की तैयारियों को देखते हुए पुलिस इनको प्रदर्शन से हटाने की तैयारी भी कर रही है. वहीं प्रदर्शन पर बैठे खिलाड़ी भी आपस में विचार विमर्श करके अगली रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं.
कुश्ती खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन पर दूसरे लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आयी हैं. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इन खिलाड़ियों से मुलाकात करके कहा कि हम मज़बूती से उनके साथ खड़े हैं.
वहीं राष्ट्रीय लोकदल ने बृज भूषण शरण सिंह को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने की मांग की है.
कौन हैं बृज भूषण शरण सिंह
1991 में पहली बार गोण्डा से सांसद बने बृज भूषण भारतीय जनता पार्टी के दबंग नेताओं में गिने जाते हैं. वे छठी बार सांसद बने हैं.
एक ज़माने में गोण्डा शहर में 'स्थानीय नेता' कहे जाने वाले बृज भूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं और 2008 में भाजपा छोड़ कर मुलायम सिंह की सपा में शामिल हो गए थे. लेकिन 2014 लोक सभा चुनावों के कुछ समय पहले ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में वापसी की और लगातार दो चुनाव जीत चुके हैं.
स्थानीय लोग बताते हैं कि बृज भूषण सक्रिय राजनीति में उतरने के पहले कुश्ती प्रतियोगिताएं आयोजित कराने का दम भरते थे. इन्हे महँगी एसयूवी गाड़ियों का बेहद शौक है और राजधानी लखनऊ के लक्ष्मणपुरी इलाक़े में इनका एक आलीशान बंगला है जिसमें इनकी चमचमाती गाड़ियों को खड़ी करने के लिए जगह कम पड़ जाया करती है.
हालांकि अतीत में उन पर हत्या, आगज़नी और तोड़-फोड़ करने के भी आरोप लग चुके हैं. पिछले दिनों झारखंड में अंडर-19 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान एक रेसलर को मंच पर ही थप्पड़ मार दिया था. (bbc.com/hindi)