अंतरराष्ट्रीय
तुर्की और सीरिया में इस हफ़्ते आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 28 हज़ार से अधिक हो गई है. हालांकि, छह दिनों बाद लोगों के मलबे से जीवित निकालने की उम्मीद अब धूमिल पड़ रही है.
इस बीच शनिवार को जर्मन बचाव दल और ऑस्ट्रिया की सेना ने अज्ञात समूहों के बीच झड़प की बात कहते हुए तुर्की में अपना खोज अभियान रोक दिया.
मीडिया के अनुसार, लूटपाट के आरोप में क़रीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनसे कई बंदूकें भी जब्त की गई हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे क़ानून तोड़ने वाले को दंडित करने के लिए अपनी आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करेंगे. वहीं एक बचावकर्मी का कहना है कि खाद्य आपूर्ति घटने से सुरक्षा हालात और बिगड़ने की आशंका है.
संयुक्त राष्ट्र के सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स का कहना है कि इस आपदा से निपटने के लिए चिकित्सा सहायता मुहैया कराने की तत्काल आवश्यकता है.
उनके अनुसार, फील्ड अस्पताल के साथ ज़िंदा बचे लोगों को भोजन और रहने के ठिकाने उपलब्ध कराने की भी ज़रूरत है.
आर्मेनिया से मिली तुर्की को मदद
इधर तुर्की तक मानवीय राहत पहुंचाने के लिए तुर्की और आर्मेनिया के बीच की अलीकन चौकी को पिछले 30 सालों में पहली बार खोला गया है.
इस चौकी को खाना, पानी और दवाइयां ले जाने वाले ट्रकों ने पहली बार पार किया. इन दोनों पड़ोसियों के बीच की सीमाएं दशकों से बंद हैं और रिश्ते भी ठंडे पड़े हुए हैं.
आर्मेनिया में तुर्की के विशेष दूत सरदार किलिक ने अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा है कि वो आर्मेनिया के लोगों की ओर से भेजी गई यह मदद हमेशा याद रखेंगे.
सीरिया के विद्रोही इलाक़ों में पहुंचने लगी मदद
ग्रिफ़िथ्स ने बीबीसी को ये भी बताया है कि विद्रोहियों के कब्ज़े वाले उत्तर पश्चिम सीरिया, जहां बहुत कम सहायता पहुंची है, संयुक्त राष्ट्र वहां अधिक क्रॉसिंग खोलने के लिए सक्रियता और मज़बूती से काम करेगा.
उधर सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो में विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि इमान शांकिती ने कहा है कि आबादी की ज़रूरतें तत्काल पूरी करने के लिए डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ टेड्रोस एडहॉनम गीब्रिएसुस के साथ कुछ सहायता पहुंचनी शुरू हो गई है.
हालांकि उन्होंने कहा है कि देखभाल की निरंतरता बनाए रखना और बुनियादी सेवाएं फिर से शुरू करना बहुत ज़रूरी है. (bbc.com/hindi)