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कुआलालंपुर, 3 अप्रैल। मलेशिया की संसद ने बृहद सुधारों के तहत सोमवार को उस विधेयक को पारित कर दिया, जिसमें अनिवार्य मृत्युदंड को खत्म किया गया है और इसे केवल जघन्य अपराधों के लिए सीमित किया गया है।
इस फैसले से देश के कारागारों में मृत्युदंड पर अमल का इंतजार कर रहे 1,300 से अधिक कैदियों को राहत मिल सकती है।
उप कानून मंत्री रामकरपाल सिंह ने कहा कि मौत की सजा का प्रावधान बना रहेगा, लेकिन अब अदालतों के पास 40 साल कैद की सजा देने का भी विकल्प होगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में अदालतों के समक्ष हत्या, मादक पदार्थ तस्करी, राजद्रोह, अपहरण और आतंकवाद के मामलों में दोषी को मृत्युदंड देने के अलावा कोई अन्य विकल्प मौजूद नहीं था।
अधिकारियों ने बताया कि अपहरण, आतंकवाद और उन सशस्त्र अपराधों के लिए मृत्युदंड समाप्त कर दिया गया है, जिनमें मौत नहीं हुई हो।
सिंह ने बताया कि देश में 1,318 कैदी मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें 842 सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं। इनमें से अधिकतर मामले मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े हैं। (एपी)