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-सलमान रावी
11 अगस्त को सोशल मीडिया ‘X’ (ट्विटर) पर किये गए एक ‘पोस्ट’ को लेकर मध्य प्रदेश के 41 जिलों में कांग्रेस की नेता प्रियंका गाँधी के ख़िलाफ़ प्राथमिकियां दर्ज की गईं हैं.
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि प्राथमिकियां तो दर्ज हो गईं हैं लेकिन अभी इस मामले में कोई गिरफ़्तारी नहीं होगी.
मध्य प्रदेश पुलिस की अपराध शाखा के डीसीपी सुकृति सोमवंशी के अनुसार, राज्य पुलिस जल्द ही प्राथमिकी में नामज़द किए लोगों को नोटिस भेजेगी.
हालांकि उनका कहना था, चूँकि प्राथमिकी में जो धाराएं लगाई गई हैं उनमें अधिकतम सज़ा सात साल है. इस लिए फ़िलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी.
प्राथमिकी में प्रियंका गाँधी के अलावा, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ नेता अरुण यादव के नाम शामिल हैं. सबसे पहली प्राथमिकी इंदौर में दर्ज की गई.
ये प्राथमिकी प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के विधि प्रकोष्ठ के सदस्य निमेश पाठक की शिकायत पर दर्ज की गई.
जिस ‘पोस्ट’ को लेकर ये सब कुछ हुआ है उसमें प्रियंका गाँधी ने अखबार की एक कतरन की तस्वीर लगाई है जिसको लेकर उन्होंने लिखा, “मध्य प्रदेश में ठेकेदारों के संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में 50% कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है. कर्नाटक में भ्रष्ट BJP सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी. मध्य प्रदेश में BJP भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल गई है. कर्नाटक की जनता ने 40% कमीशन वाली सरकार को बाहर किया, अब मध्य प्रदेश की जनता 50% कमीशन वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हटाएगी.”
हितेश वाजपेयी मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख हैं.
वो संगठन के प्रवक्ता भी हैं. बीबीसी से बात करते हुए वो कहते हैं कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश को ‘कथित तौर’ पर लिखी गई जिस चिट्ठी का हवाला प्रियंका गाँधी की ‘सोशल मीडिया पोस्ट’ में दिया गया है उसे किसी गणेश अवस्थी की ओर से लिखा बताया गया है.
उन्होंने दावा किया, “ये फर्ज़ी नाम है. इस नाम का कोई आदमी नहीं है. आरोप लगाने से पहले और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले इसका सत्यापन कर लेना चाहिए था. किसी को बदनाम करने के लिए बिना तथ्यों और सबूतों के आरोप लगाना ठीक नहीं है. इस लिए भाजपा ने क़ानूनी रास्ता अपनाया है.''
उन्होंने बातचीत में कहा कि प्रियंका गाँधी की पोस्ट के बाद ख़ुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुप्तचर विभाग से इसकी जांच करवाई.
मगर वो कहते हैं, “गणेश अवस्थी नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला”.
उनका कहना था, “अब हमने शिकायत की है. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. अब अदालत तय करेगी कि आगे क्या होगा.”
वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने पहले राहुल गाँधी से झूठ बुलवाया, फिर प्रियंका गांधी से भी झूठा ट्वीट करवाया’.
उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, “मध्यप्रदेश में कांग्रेस मुद्दा विहीन होकर घृणित मानसिकता के साथ राजनीति कर रही है. प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने पहले राहुल गांधी जी से झूठ बुलवाया अब प्रियंका गांधी जी से झूठा ट्वीट करवाया. प्रियंका जी आपने जो ट्वीट किये हैं उसके प्रमाण दो, अन्यथा हमारे पास कार्यवाही के सारे विकल्प खुले हैं.”
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख के के मिश्रा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि 41 स्थानों पर प्राथमिकी दर्ज कर सरकार ख़ुद संदेश दे रही है कि वो ऐसा ‘बदले की भावना’ से कर रही है.
उनका कहना था कि एक अपराध के लिए एक ही सज़ा का प्रावधान है इसीलिए जगह-जगह पर प्राथमिकी दर्ज कर “सरकार क़ानून की भी धज्जियाँ उड़ा रही है.”
वो कहते हैं, “सरकार तो व्यापम और पटवारी परीक्षा में भी गड़बड़ी से इनकार कर रही है. जो आरोप लगे हैं उनकी जांच कराई जानी चाहिए थी कि ऐसी चिठ्ठी मुख्य न्यायाधीश को लिखी गयी है कि नहीं और उनमे जो आरोप लगाए गए हैं उनमे कितना दम है. एक ही दिन में गुप्तचर विभाग से जांच कराने की बात मुख्यमंत्री कह रहे हैं. एक दिन में कहीं जांच होती है?”
प्रदेश भर में 41 ज़िलों में प्राथमिकी दर्ज किये जाने के ख़िलाफ़ रविवार से कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं.
जिला और प्रखंड मुख्यालयों पर भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए. प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना था, “मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हुआ भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है.”
उनका कहना था कि प्रदेश की जनता से पूछा जाना चाहिए कि ये पत्र सही है या नहीं. वो कहते हैं, “जनता ऐसे 100 से 200 पत्र सामने ले आएगी.”
कांग्रेस पार्टी कमिटी ने भी इस मामले को लेकर X पर पोस्ट किया है और कहा है, “अगर भाजपा सच के साथ होती तो वो इसका सामने से जवाब देती, न कि हमेशा की तरह पुलिस के पीछे छुपकर सच्चाई को दबाने की कोशिश करती.” (bbc.com/hindi)