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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आगामी लोकसभा चुनावों में वायनाड से दोबारा खड़े होने पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डी राजा ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी प्रदेश नेता नहीं हैं बल्कि वो एक राष्ट्रीय नेता और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं. राहुल गांधी को सीधे बीजेपी को चुनौती देने वाली किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने पर प्राथमिकता देनी चाहिए थी."
"राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की. ये बहुत अच्छा था, हम सबने इसका स्वागत किया. लेकिन वो इस बात को कहते रहे हैं कि आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा समाज में अशांति और विभाजन के लिए ज़िम्मेदार है."
"अब वो न्याय यात्रा कर रहे हैं. वो कौन है जो न्याय नहीं दे रहा है; यह है बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा. अगर ऐसा है तो वायनाड से खड़े होकर वो लोगों को क्या संदेश दे रहे हैं? वो किसे अपना प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी मानते हैं? बीजेपी या लेफ़्ट? यह राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के आत्ममंथन करने का विषय है."
डी राजा ने कहा कि 'केरल में मुख्य लड़ाई एलडीएफ़ (लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ़्रंट) और यूडीएफ़ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ़्रंट) के बीच है. एलडीएफ़ के अंदर सीपीआई को चार सीट मिली है जिसमें एक सीट वायनाड भी है. इसलिए हमने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है.'
सीपीआई ने वायनाड से एनी राजा को मैदान में उतारा है.
केरल में इस एस एलडीएफ़ की सरकार है.
लोकसभा के लिए उम्मीदवारों की पहली कांग्रेस की सूची एक दिन पहले ही आई है जिसमें राहुल गांधी को वायनाड से टिकट दिया गया है.
पिछले लोकसभा चुनाव में भी वो यहीं से सांसद बने थे और उत्तर प्रदेश की अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से हार गए थे. (bbc.com/hindi)