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दिल्ली के इंद्रलोक में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के दौरान सजदे में बैठे लोगों को लात मारे जाने के बाद उस पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है लेकिन लोगों का आक्रोश नहीं थम रहा है.
एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे नफ़रत फैलाने वाली घटना करार दिया.
उन्होंने कहा, "इस घटना ने सबको झिंझोड़ कर रख दिया है. ये बताता है कि मुसलमानों की इज़्ज़त कितनी है. दिल्ली की क़ानून व्यवस्था केंद्र की ज़िम्मेदारी है इसलिए मैं वज़ीरे आज़म (प्रधानमंत्री) और बीजेपी वालों से पूछना चाहूंगा कि जो व्यक्ति सजदे में था और जिसे लात मारी गई, बेइज्ज़ती की गई वो किस परिवार से है, किस खानदान से है?"
उन्होंने कहा, "आखिर भारत के 17 करोड़ मुसलमानों की बेइज्ज़ती क्यों की जा रही है? जो कि इस देश की आबादी का 14 फ़ीसद से अधिक है."
उन्होंने उम्मीद जताई कि ये "नफ़रत का माहौल ज़रूर ख़त्म होगा."
शुक्रवार को दिल्ली के इंद्रलोक इलाक़े में सड़क पर नमाज़ पढ़ते लोगों को लात मारते पुलिस सब-इंस्पेक्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा.
इस घटना के बाद इलाके के मेट्रो स्टेशन के आसपास लोगों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया.
दिल्ली पुलिस ने इस घटना के ज़िम्मेदार सब-इंस्पेक्टर मनोज तोमर को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पर लिखा, "नमाज़ पढ़ते हुए व्यक्ति को लात मारता हुआ ये दिल्ली का जवान शायद इंसानियत के बुनियादी उसूल नहीं समझता."
"ये कौन सी नफ़रत है जो इस जवान के दिल में भरी है, दिल्ली पुलिस से अनुरोध है कि इस जवान के ख़िलाफ़ उचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज करिए और इसकी सेवा समाप्त करिए."