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साक्षात्कार में चंद्रशेखर के खिलाफ थरूर का बयान आचार संहिता का उल्लंघन: निर्वाचन आयोग
15-Apr-2024 10:22 PM
साक्षात्कार में चंद्रशेखर के खिलाफ थरूर का बयान आचार संहिता का उल्लंघन: निर्वाचन आयोग

तिरुवनंतपुरम, 15 अप्रैल। निर्वाचन आयोग ने एक टीवी साक्षात्कार में भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा कही गई बातों को अनुचित एवं आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पाया है और उन्हें भविष्य में "अपुष्ट आरोप" लगाने के खिलाफ चेतावनी दी है।

चुनाव निकाय की ओर से यह "सख्त चेतावनी" भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव कानूनी संयोजक एवं राजग की चुनाव समिति के संयोजक की शिकायतों पर आई, जिन्होंने आरोप लगाया था कि थरूर ने एक साक्षात्कार में चंद्रशेखर के खिलाफ निराधार आरोप लगाए।

थरूर तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और वहां से चंद्रशेखर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि उन्होंने साक्षात्कार में कहीं भी चंद्रशेखर या उनकी पार्टी के नाम का उल्लेख नहीं किया।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा था कि उनका बयान केवल एक सामान्य टिप्पणी था जैसा कि लोगों ने उन्हें बताया था।

उनके दावे से असहमति जताते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि उनका तर्क सही नहीं है।

निर्वाचन आयोग ने कहा, "साक्षात्कार में लगाए गए आरोप राजीव चंद्रशेखर पर केंद्रित थे। कोई भी समझदार व्यक्ति साक्षात्कार से यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि आरोप राजीव चंद्रशेखर पर लगाए गए थे।"

चुनाव निकाय ने यह भी कहा कि थरूर ने साक्षात्कार में चंद्रशेखर के खिलाफ दिए गए बयानों को साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है।

इसने कहा, "आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, ऐसा बयान अवांछनीय है और यह आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करता है।’’

निर्वाचन आयोग ने साथ में यह भी माना कि यह साबित नहीं किया जा सकता कि थरूर ने अपने बयानों के माध्यम से जाति, सांप्रदायिक या धार्मिक भावनाओं की बात कही।

इसने 12 अप्रैल के अपने आदेश में कहा, "बयान सामान्य थे और इन्हें ऐसी भावनाओं को लक्षित करने का इरादा नहीं बताया जा सकता। शशि थरूर को एमसीसी (चुनाव आचार संहिता) के उल्लंघन के मद्देनजर भविष्य में अपुष्ट आरोप न लगाने की सख्त चेतावनी दी जाती है।"

निर्वाचन आयोग ने साक्षात्कार लेने वाले टीवी चैनल को भी निर्देश दिया कि "आदर्श आचार संहिता लागू रहने तक साक्षात्कार के विवादित हिस्से का प्रसारण न किया जाए।"

इसने कहा, "इसके अलावा, उन्हें एमसीसी लागू रहने तक साक्षात्कार के विवादित हिस्से के किसी अन्य प्रकार के प्रकाशन को हटाने/रोकने का निर्देश दिया जाता है।"

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री चंद्रशेखर पहले ही थरूर को कानूनी नोटिस भेज चुके हैं।

नोटिस में कहा गया है कि थरूर छह अप्रैल को चंद्रशेखर के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को "तुरंत वापस लें" और प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर उनसे बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगें। (भाषा)

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