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नागपुर, 15 अप्रैल। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को पूछा कि जांच एजेंसियों की रुचि उन कैग रिपोर्ट में क्यों नहीं है जिनमें केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कैग की रिपोर्ट में भारतमाला परियोजना और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं के कार्य में अनियमितताओं के ‘‘गंभीर आरोप’’ हैं।
ये परियोजनाएं नितिन गडकरी के नेतृत्व वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आती हैं।
गडकरी नागपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा उम्मीदवार हैं। उन्होंने 2014 और 2019 में इस सीट से बड़े अंतराल से जीत दर्ज की थी।
खेड़ा ने आरोप लगाया कि मंत्रालय ने आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति की मंजूरी के बिना एक लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए थे।
उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने "बिना दिमाग लगाए" भारी ऋण लिया और इसकी निर्माण लागत दोगुनी हो गई।
खेड़ा ने कहा, "सीबीआई और ईडी अब कहां हैं? क्या उन्होंने इन पर नोटिस जारी किए हैं? कांग्रेस शासन के दौरान, कैग रिपोर्ट में आरोपों को लेकर देश भर में आंदोलन हुए थे।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश एक महत्वपूर्ण एवं निर्णायक दौर से गुजर रहा है और इस बारे में सवालिया निशान है कि ‘‘संविधान बचेगा या नहीं’’।
खेड़ा ने दावा किया कि कई भाजपा नेता बयान दे रहे हैं कि अगर पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 सीट मिलती हैं तो वह संविधान बदल देगी।
भाजपा के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए खेड़ा ने कहा कि लोग अब सत्तारूढ़ पार्टी की घोषणा या वादों पर विश्वास नहीं करते हैं।
खेड़ा ने कहा कि जब चुनावी बॉन्ड योजना की चर्चा होती है तो लोगों को सरकार के भ्रष्टाचार की याद आती है।
उन्होंने भाजपा और इससे जुड़े संगठनों के "बड़े कार्यालयों" के निर्माण में इस्तेमाल धन के स्रोत पर भी सवाल उठाया।
खेड़ा ने कहा, "10 साल बाद बदलाव महत्वपूर्ण है और कांग्रेस एक सकारात्मक एजेंडे के साथ लोगों के पास आई है। पूरा देश उन पांच 'न्याय' गारंटी को समझता है जिनके बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी बात कर रहे हैं।" (भाषा)