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राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने संविधान बदलने को लेकर दिए जा रहे बीजेपी नेताओं के बयान को लेकर निशाना साधा है.
लालू प्रसाद यादव ने कहा है, “भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार संविधान बदलने और समाप्त करने का दावा कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री और इनके शीर्ष नेता इन पर कुछ कार्रवाई करने की बजाय इसके बदले उन्हें ईनाम स्वरूप चुनाव लड़वा रहे है."
लालू यादव ने कहा, “ये बीजेपी वाले चाहते क्या हैं? इन्हें संविधान, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और ग़रीबों से समस्या क्या है? संविधान बदलकर ये तानाशाही लाना चाहते हैं. संविधान को बदलने का मतलब है लोकतंत्र को बदलना. इसका मतलब है कि ये लोकंत्र को ख़त्म करके तानाशाही की तरफ़ जाना चाहते हैं.”
बीजेपी के कई नेता अपने बयानों में ये कह चुके हैं कि चार सौ पार का नारा इसलिए ही दिया गया है ताकि बीजेपी दो-तिहाई बहुमत के साथ संविधान में बदलाव कर सके.
मेरठ से बीजेपी उम्मीदवार अरुण गोविल ने कहा है, “वक्त के साथ बदलाव ज़रूरी होता है. मोदी जी ने चार सौ पार का नारा दिया है, मोदी जी ऐसे ही कुछ नहीं बोलते हैं.”
अरुण गोविल ने संविधान में बदलाव से जुड़े सवाल पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि बदलाव ही प्रगति है.
बीजेपी नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू प्रसाद यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “संविधान बदलकर ये इस देश से समता, स्वतंत्रता, बंधुता, सामाजिक न्याय और आरक्षण ख़त्म करना चाहते हैं. ये लोगों को आरएसएस और पूँजीपतियों का ग़ुलाम बनाना चाहते हैं.”
लालू यादव ने कहा, “संविधान की तरफ़ आँख उठाकर भी देखा तो इस देश के दलित, पिछड़ा और ग़रीब लोग मिलकर इनकी आँख निकाल लेंगे.”
लालू यादव ने कहा, “बार बार संविधान बदलने की बात कर ये क्या साबित करना चाहते हैं? हमारा संविधान बाबा साहब अंबेडकर ने लिखा है, किसी ऐरे-ग़ैरे बाबा ने नहीं. लोकतंत्र में यकीन रखने वाले इस देश के न्यायप्रिय, अमनपसंद और दलित-पिछड़े तुम्हें औक़ात में ला देंगे. तुम कौन होते हो, संविधान बदलने वाले?” (bbc.com/hindi)