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मै निर्दलीय हूं, भाजपा में नहीं हूं कि कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई हो: बागी नेता ईश्वरप्पा
16-Apr-2024 8:37 PM
मै निर्दलीय हूं, भाजपा में नहीं हूं कि कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई हो: बागी नेता ईश्वरप्पा

बेंगलुरु, 16 अप्रैल (भाषा)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कार्रवाई करने की पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र की चेतावनी के एक दिन बाद बागी नेता के एस ईश्वरप्पा ने मंगलवार को कहा कि वह निर्दलीय हैं और वह किसी पार्टी से संबद्ध नहीं है कि उन पर कोई अनुसानात्मक कार्रवाई की जा सके।

ईश्वरप्पा ने शिमोगा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने बेटे के ई कंटेशन को हावेरी से टिकट नहीं मिलने को लेकर विजयेंद्र और उनके पिता एवं भाजपा के कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा को जिम्मेदार ठहराया है।

ईश्वरप्पा (75) राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। शिमोगा लोकसभा सीट पर भाजपा की ओर से विजयेंद्र के भाई और सांसद बी वाई राघवेंद्र प्रत्याशी हैं।

ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘ जब मैं निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा हूं तो वह कौन -सी अनुशानात्मक कार्रवाई करेंगे? निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का मतलब है कि मैं पार्टी से बाहर आ गया हूं। बतौर भाजपा अध्यक्ष उन्हें यह भी नहीं पता है कि निर्दलीय चुनाव लड़ने का क्या मतलब होता है।’’

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह स्वतंत्र (निर्दलीय) हैं और भाजपा से संबद्ध नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ आप जो भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करना चाहते हैं, कीजिए। मैं ऐसी धमकियों से नहीं डरता। मेरा इरादा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इरादे जैसा है। मोदी कहते हैं कि वह केंद्र में कांग्रेस की सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी की परिवारवादी राजनीति का मुकाबला कर रहे हैं जबकि मेरा प्रयास पार्टी को पिता एवं पुत्रों (येदियुरप्पा एवं उनके बेटों) की जकड़न से बहार लाना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आपको (विजयेंद्र को) इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

विजयेंद्र ने ईश्वरप्पा के खिलाफ पार्टी द्वारा अनुशानात्मक कार्रवाई करने के बारे में पहली बार सोमवार को बोला था।

ईश्वरप्पा उन्हें मनाने की पार्टी नेताओं की कोशिश को धत्ता बताते हुए चुनाव लड़ने के अपने निर्णय पर कायम हैं। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है।

विजयेंद्र के प्रदेश अध्यक्ष होने, उनके भाई के सांसद होने तथा पिता के (पार्टी की) केद्रीय चुनाव समिति का सदस्य होने का उल्लेख करते हुए ईश्वरप्पा ने व्यंग्य किया, ‘‘ यदि परिवार में कोई छूट गया हो तो उसे भी पद दे दीजिए, पार्टी आपके परिवार की सेवा के लिए ही तो है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ लाखों कार्यकर्ताओं ने पार्टी को बनाने में अपना खून-पसीना बहाया, लेकिन आपका क्या योगदान है? संभलकर बोलिए... जाइए और देखिए कि शिकारीपुरा तक में आपके खिलाफ लोगों में गुस्सा है, लोग कह रहे हैं कि आप पैसे के बल पर विधानसभा चुनाव जीत गये, वहां इस चुनाव में पैसा कारक नहीं है, लोग मेरे साथ हैं। मैं शिकारीपुरा में पिता एवं पुत्रों का शिकार करूंगा, मैं इस बार उन्हें बचकर नहीं जाने दूंगा।’’

ईश्वरप्पा पर प्रहार करते हुए विजयेंद्र ने सोमवार को कहा कि शिमोगा से फिर चुनाव में उतरे उनके भाई राघवेंद्र दो लाख से अधिक वोटों से यह सीट जीतेंगे और लोग ईश्वरप्पा को सबक सिखायेंगे।’’

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