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राजपथ-जनपथ : रेणुका से पूछताछ
25-Apr-2024 4:18 PM
राजपथ-जनपथ : रेणुका से पूछताछ

रेणुका से पूछताछ 

पीएम नरेंद्र मोदी ने अंबिकापुर में सभा के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह से कुछ देर अलग से चर्चा की, तो वहां कानाफूसी शुरू हो गई। रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया था। रेणुका सिंह को जीत के बाद सीएम का दावेदार माना जाने लगा था। मगर सीएम बनना तो दूर मंत्री बनने से भी रह गईं। 

सुनते हैं कि पीएम ने रेणुका सिंह से सरगुजा, रायगढ़ और कोरबा लोकसभा का हाल जाना। चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के वक्त भी अंबिकापुर प्रवास के दौरान पीएम ने ग्राम दतिमा हेलीपेड पर रेणुका सिंह से चुनाव की स्थिति को लेकर चर्चा की थी। 

रेणुका सिंह ने उन्हें बताया था कि सरगुजा संभाग की 14 में से 12 सीटें भाजपा जीत सकती हैं। चुनाव नतीजे रेणुका के अनुमान से भी बेहतर रहा, और सभी 14 सीटें भाजपा की झोली में चली गई। इस बार भी उन्होंने पीएम को तीनों लोकसभा सीटों को लेकर आश्वस्त किया है। देखना है कि तीनों सीटों के नतीजे रेणुका सिंह के अनुमान के मुताबिक आते हैं, या नहीं।

नड्डा-योगी की सभाओं का हाल !

भाजपा के स्टार प्रचारकों की ताबड़तोड़ सभाएं हो रही है। अब तक पीएम नरेंद्र मोदी की 4 सभाएं हो चुकी है। इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तीन-चार सभाएं हो चुकी है। इनमें से नड्डा, और योगी आदित्यनाथ की एक-एक सभा को छोडक़र बाकियों में अच्छी खासी भीड़ जुटी है। 

नड्डा की दुर्ग, रायपुर के चंदखुरी, और बिलासपुर में सभा थी। चंदखुरी, और बिलासपुर तो भीड़ के लिहाज से सफल रही, लेकिन दुर्ग की सभा में डेढ़ हजार लोग भी नहीं थे। 90 फीसदी कुर्सियां खाली रही। इससे नड्डा भी खफा हो गए, और चर्चा है कि प्रदेश संगठन ने स्थानीय नेताओं को तलब भी किया है।

कुछ यही हाल योगी आदित्यनाथ की कोरबा की सभा का भी रहा। भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ  के यहां प्रशंसकों की कमी नहीं है। उनकी कवर्धा, और बिलासपुर की सभा में अच्छी खासी भीड़ जुटी। मगर कोरबा में तो हजार लोग भी नहीं पहुंचे। पार्टी संगठन ने भीड़ कम आने पर स्थानीय नेताओं से पूछताछ की है। आने वाले दिनों में जिन इलाकों में सभाएं होनी है, वहां भीड़ सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त संसाधन भेजे जा रहे हैं। फिर भी अब तक प्रचार के मामले में भाजपा, कांग्रेस से बीस नजर आई है। 

विधायकों की जरूरत नहीं

रायपुर लोकसभा सीट में भाजपा के तमाम विधायकों को दूसरे क्षेत्रों में प्रचार के लिए भेजा गया है। रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत राजनांदगांव, दुर्ग समेत अन्य लोकसभा क्षेत्र के क्लस्टर प्रभारी हैं, लिहाजा वो अलग-अलग क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं। 

रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा की ड्यूटी बसना में लगाई गई है। जबकि मोतीलाल साहू को महासमुंद भेजा गया है। इसी तरह अभनपुर के विधायक इंदरसाव को धमतरी में ध्यान देने के लिए कहा गया है। धरसीवां के विधायक अनुज शर्मा के कार्यक्रम पूरे प्रदेशभर में हो रहे हैं। इस वजह से वो भी अपने क्षेत्र में ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं। ये अलग बात है कि प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल की समानांतर टीम पूरे लोकसभा क्षेत्र में काम कर रही है, और वो प्रचार के मामले में काफी आगे भी चल रहे हैं। उत्साही बृजमोहन समर्थक प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से जीत का दावा कर रहे हैं। देखना है कि आगे क्या होता है। 

पीआरओ के कमरे में आईपीएस

छत्तीसगढ़ गठन के बाद पहली बार ऐसी स्थिति बनी है, जब पुलिस मुख्यालय में कई सीनियर अफसर खाली बैठे हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद जब आईपीएस अफसरों के तबादले हुए, तब सभी को पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया, लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। इस वजह से एडीजी से लेकर एसपी तक के पास काम नहीं है। खुफिया विभाग के दो-दो अफसर खाली हैं। एक-दो को ही स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारी दी गई है। अफसरों की इतनी संख्या के कारण बैठने के लिए भी जगह नहीं है। एक आईपीएस को पीआरओ के कमरे में बैठाया गया है। वैसे, कांग्रेस की सरकार में भी दो अफसर कुछ महीनों के लिए खाली थे, लेकिन बाद में उन्हें अच्छी पोस्टिंग भी मिली थी।

अब हर घर योगी-मोदी का भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन का तूफानी दौरा करके लौट गए हैं। इसके पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाएं हुईं। ये दोनों नेता भाजपा के स्टार प्रचारकों से भी बढक़र हैं। उन्हें सुनने के लिए भीड़ उमड़ती है। दोनों के भाषणों से यह साफ हो चुका है कि भाजपा की उन मुद्दों पर बड़ी निर्भरता है जिनका मोदी और योगी आदित्यनाथ ने अपने ओजपूर्ण भाषणों में जिक्र किया। कांग्रेस के घोषणा पत्र के संबंध में, अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण और राम मंदिर निर्माण के संबंध में। इनकी जनसभाओं में भीड़ भी अच्छी उमड़ी, डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में जबरदस्त कवरेज भी हुआ। पर, क्या इतने से माहौल बनेगा? पार्टी के वार रूम में उनके छत्तीसगढ़ में दिए गए भाषणों की छोटी-छोटी क्लिप तैयार की जा रही है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषणों के कुछ क्लिप भी तैयार किए जा रहे हैं। कुछ क्लिप दूसरे चरण के मतदान के पहले तैयार हो चुके और वायरल भी हो गए हैं।

प्रदेशभर में भाजपा और हिंदुत्ववादी संगठनों के हजारों वाट्सएप ग्रुप हैं और उनमें लाखों की संख्या में लोग जुड़े हैं। ये क्लिप लोगों को मोबाइल फोन पर भेजे जा रहे हैं। फिर जिन्हें मिल रहा है इसे वे और आगे फॉरवर्ड कर रहे हैं। मोदी और योगी के भाषणों में कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर कई विवाद थे। कांग्रेस ने कहा है कि जो तथ्य दोनों नेताओं ने रखे वे पूरी तरह झूठ हैं। विशेषकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संबंध में किए गए दावे पर कि उन्होंने देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमों का बताया था। कांग्रेस ने बताया कि मंगलसूत्र छीनने, लोगों की संपत्ति का सर्वे कराने और मुस्लिमों में बांटने वाला बयान सिरे से गलत है। पर, यह बयान कितने लोगों तक पहुंचा? मोदी-योगी का भाषण हर किसी के मोबाइल पर आ रहा है, और कांग्रेस की जवाबी सफाई एक दिन की सुर्खी लेने के बाद मीडिया से गायब !

सेहत बिगाडऩे की मामूली सजा

शहद सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। बहुत से लोगों की सुबह की खुराक में यह शामिल है। पर यदि कोई 100 प्रतिशत शुद्ध बताकर शहद या ऐसी कोई दूसरी खाद्य सामग्री बेचे तो?

सन् 2020 में कोरिया जिले के एक जागरूक ग्राहक ने खाद्य विभाग से शिकायत की थी कि यहां की दुकानों में 100 प्रतिशत शुद्ध बताकर जो शहद बेची जा रही है, वह नकली है। शहद के अलावा भी दूसरी चीजें मिलाई जाती हैं। शिकायत खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 के तहत दर्ज की गई। चार साल एसडीएम की कोर्ट में केस चला। अभियुक्त विक्रेता, थोक विक्रेता और निर्माता पर कितना जुर्माना लगा? सिर्फ 5-5 हजार रुपये का।

जितनी कमाई भ्रामक जानकारी देकर शहद बेचने से हुई होगी, उसके मुकाबले इस जुर्माने का उनकी सेहत पर क्या असर होने वाला है? कानून ही ऐसा है। ऐसे मामलों में बहुत अधिक जुर्माना होगा तो 25 हजार रुपये का। गंभीरता को देखते हुए अधिक से अधिक 6 माह की सजा। सजा और जुर्माने के खिलाफ अपील भी हो सकती है।

जब शिकायत की जांच और सजा की प्रक्रिया में चार साल लगें और सिर्फ 5-5 हजार जुर्माने से आरोपी छूट जाते हों तो लोगों को शिकायत करने में रुचि ही कहां से आए? यह तो एक शहद का मामला है, जाने कितनी ही तरह के रोजाना इस्तेमाल में लाई जानी चीजों पर ग्राहकों को संदेह होता है। पर यदि शिकायत करने की ठान भी लें तो मिलने वाली सजा से निराशा हो सकती है।

संतोष के खिलाफ असंतोष...

राजनांदगांव सीट पर भाजपा के स्टार प्रचारकों की कई सफल सभाएं हो चुकीं। पर मौजूदा सांसद के खिलाफ एंटीइंकमबेंसी भी दिखाई दे रही है। कई गांवों की अलग-अलग तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दिखाया गया है कि गांव पहुंचने के रास्ते पर बैरियर लगा दिए गए हैं और सांसद संतोष पांडेय को निष्क्रिय बताते हुए उन्हें गांव में प्रवेश करने से मना किया गया है।

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