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![फ़्रांस में वामपंथी गठबंधन की बढ़त, अचानक कैसे पलटी बाज़ी फ़्रांस में वामपंथी गठबंधन की बढ़त, अचानक कैसे पलटी बाज़ी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1720408869mages_(5).jpg)
फ़्रांस के संसदीय चुनावों में चौंकाने वाले नतीजे आने की संभावना जताई जा रही है.
पहले चरण में आगे चल रही धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी ताज़ा अनुमानों में आश्चर्यजनक रूप से तीसरे स्थान पर जाती दिख रही है.
यह संभव हुआ है वामपंथी और मध्यमार्गी पार्टियों के बीच रणनीतिक समझौते से.
एक सप्ताह पहले प्रथम चरण में धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली (आरएन) पार्टी सबसे आगे थी, लेकिन अब लगता है कि न्यू पॉपुलर फ़्रंट (एनएफ़पी) दूसरे चरण में सबसे अधिक मत पाने की ओर अग्रसर है.
राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी एनसेम्बल अलायंस के दूसरे स्थान पर आने का अनुमान जताया जा रहा है.
हालांकि कोई भी गठबंधन अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा.
ये साफ़ नहीं है कि अगला प्रधानमंत्री कौन है, लेकिन मैक्रों की पार्टी के मौजूदा पीएम गैर्बिएल अटाल ने कहा कि वो इस्तीफ़ा देंगे.
फ्रांस
इस संभावित बड़े उलटफेर की बड़ी वजह रही कि धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली के ख़िलाफ़ वोटरों में विभाजन को रोकने के लिए कई वापमंथी और मध्यमार्गी उम्मीदवारों ने खुद चुनावी दौड़ से हट गए.
फ़्रांस अनबाउड पार्टी के धुर वामपंथी नेता ज्यां-ल्यूक मेलेंशों ने एनएफ़पी की संभावित जीत को धुर दक्षिणपंथ के ख़िलाफ़ जीत और मैक्रों के एजेंडे की हार कहा.
मेलेंकोन ने नेशनल रैली के ख़िलाफ़ एक व्यापक लामबंदी की कोशिशों की तारीफ़ की.
वामपंथी समर्थक सेंट्रल पेरिस में पैलेस डे ला रिपब्लिक में विजय रैली निकाल रहे हैं.
नेशनल रैली के नेता जॉर्डन बारदेला ने कहा कि 'ग़ैर-इमानदारों के गठबंधन' ने उनकी पार्टी को सत्ता से दूर करके फ़्रांस को कट्टर वामपंथ के हाथों में डाल दिया है.
स्पेन के वामपंथी प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने इन रुझानों का स्वागत किया है और कहा कि फ्रांस ने धुर दक्षिणपंथ को नकारा है.
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने कहा कि देश दक्षिणपंथ की ओर जाने से बाल बाल बचा.