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प्यार की तलाश में दो अफ्रीकी शेरों ने की सबसे लंबी तैराकी
11-Jul-2024 9:16 PM
प्यार की तलाश में दो अफ्रीकी शेरों ने की सबसे लंबी तैराकी

नयी दिल्ली, 11 जुलाई। शेरनियों के प्यार की तलाश में दो शेरों ने दरियाई घोड़ों और मगरमच्छों से प्रभावित मानी जाने वाली अफ्रीकी नदी को 1.3 किलोमीटर तक तैरकर पार किया। इससे यह दृश्य साक्ष्य के साथ अफ्रीकी शेरों का सबसे लंबे समय तक तैरने का रिकॉर्ड बन गया। संबंधित दोनों शेर आपस में भाई बताए जाते हैं।

पत्रिका ‘इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में प्रकाशित अध्ययन के लेखकों के अनुसार, शेरनियों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करने और तैराकी से पहले के घंटों में मादा प्रेम के लिए लड़ाई हारने के बाद दोनों शेरों ने खतरनाक यात्रा पर निकलने का निर्णय किया क्योंकि उन्हें नदी के दूसरी ओर शेरनी मिलने की संभावना थी।

अध्ययन से जुड़े लोगों ने ड्रोन कैमरों की मदद से काज़िंगा चैनल को पार करने से पहले युगांडा में क्वीन एलिजाबेथ नेशनल पार्क से गुजरते शेरों का वीडियो बनाया।

मानव हस्तक्षेप और अवैध शिकार के कारण पैंथेरा प्रजाति के शेरों की आबादी केवल पांच वर्षों में लगभग आधी हो गई है।

इन शेर भाइयों की जोड़ी में से एक कई प्राणघातक घटनाओं से बचने के लिए जाना जाता है। अध्ययनर्ताओं ने इसे जैकब नाम दिया और कहा कि यह एक स्थानीय नायक है।

अध्ययन का सह-नेतृत्व करने वाले ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के लेखक अलेक्जेंडर ब्रैक्ज़कोव्स्की ने कहा, ‘‘हम सर्वाधिक जोखिम का सामना करने वाले अफ्रीकी शेर को देख रहे हैं। उस पर एक भैंसे ने हमला किया, उसके परिवार को शेर के शरीर के अंगों के व्यापार के लिए जहर दे दिया गया था, वह शिकारियों के जाल में फंस गया था, और अंततः अवैध शिकार की दूसरी घटना में उसने तब अपना पैर खो दिया वह स्टील के जाल में फंस गया।’’

अध्ययन से संबंधित एक वीडियो फुटेज में नदी के पास पहुंचने से पहले जैकब नेशनल पार्क में लंगड़ाते हुए और अपने भाई टीबू को रास्ता दिखाते हुए दिखता है।

दोनों शेर एक फरवरी 2024 को पानी के किनारे चलना शुरू करते हैं और पानी में प्रवेश करते हैं। उन्हें किसी संभावित खतरे- किसी जानवर या धारा का सामना करने से पहले हर बार एक निश्चित दूरी तक तैरकर चैनल पार करने के तीन प्रयास करते हुए देखा जा सकता है। फिर मजबूरन उन्हें वापस किनारे पर जाना पड़ता है।

चौथे प्रयास में, दोनों भाई अंततः तैरकर नदी पार करने में सफल हो गए और चार फरवरी को पार्क के कटुंगुरू क्षेत्र में पहुंच गए।

साथी और आवास की तलाश में शेरों की यह तैराकी उनकी आबादी में विषम लिंग अनुपात का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

ब्रैक्ज़कोव्स्की ने कहा, ‘‘जैकब और टीबू की बड़ी तैराकी इस बात का एक और महत्वपूर्ण उदाहरण है कि हमारी कुछ सबसे प्रिय वन्यजीव प्रजातियों को मानव-प्रधान दुनिया में आवास और साथी खोजने के लिए कठिन निर्णय लेने पड़ रहे हैं।’’ (भाषा)

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