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ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस की पत्नी और 'गुरु' ऊषा से मिलिए
16-Jul-2024 11:59 AM
ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस की पत्नी और 'गुरु' ऊषा से मिलिए

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जेडी वेंस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फ़ैसला किया है.

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के अलावा जेडी वेंस की कई और पहचान हैं.

वो ओहायो से सीनेटर हैं. जेडी वेंस लेखक, निवेशक और डोनाल्ड ट्रंप के आलोचक रह चुके हैं.

जेडी वेंस की पत्नी का संबंध भारत से है.

इस रिपोर्ट में हम आपको जेडी वेंस के भारत कनेक्शन, पत्नी ऊषा और उनकी शख़्सियत के बारे में कुछ बातें बताएंगे.

जेडी वेंस ने भारतीय मूल की ऊषा चिलुकुरी से साल 2014 में शादी की थी.

दोनों की मुलाक़ात साल 2010 में येल यूनिवर्सिटी में हुई थी. ऊषा और जेडी के तीन बच्चे हैं. ईवान, विवेक और मीराबेल.

ऊषा के मां-बाप भारत से अमेरिका जाकर बसे थे. ऊषा सेन डियागो में पली बढ़ीं.

ऊषा का बैकग्राउंड अपने पति से काफ़ी अलग था. ऊषा ने येल से ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री की.

वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स की क्लर्क के तौर पर भी काम कर चुकी हैं.

इन दिनों ऊषा वकालत कर रही हैं.

जेडी वेंस कई बार अपनी पत्नी ऊषा की तारीफ़ करते रहे हैं और वो उन्हें अपनी येल की 'आध्यात्मिक गुरु' बताते हैं.

फॉक्स न्यूज़ को बीते महीने दिए इंटरव्यू में ऊषा ने कहा था- मुझे जेडी पर भरोसा है और मैं उनसे बहुत प्यार करती हूं. हम देखते हैं कि हमारे जीवन में क्या होता है.

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक़- जेडी वेंस ने ऊषा के बारे में लिखा था, ''वो उन सवालों को समझ जाती हैं जो मुझे पता तक नहीं होते हैं. ऊषा हमेशा उन अवसरों को हासिल करने के लिए कहती हैं, जिनके होने के बारे में मुझे मालूम भी नहीं होता.''

जेडी वेंस ने कहा- लोगों को ये अहसास नहीं है कि वो कितनी कमाल की हैं. ऊषा एक हज़ार पन्नों की किताब कुछ घंटों में पूरी कर सकती हैं.

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''मुझे ट्रंप निंदनीय लगते हैं.''
ये बातें जेडी वेंस ने अपने कई इंटरव्यू और ट्विटर (एक्स) पर साल 2016 में कही थीं.

ये वो वक़्त था, जब 'हिलबिली एलीगी' नाम के संस्मरण छपने पर लेखक जेडी वेंस को शोहरत मिली थी.

जेडी वेंस की लिखी बेस्ट सेलर 'हिलबिली एलीगी' किताब पर फ़िल्म भी बनी है. ये फ़िल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है.

जेडी वेंस ने 2016 में फ़ेसबुक पर एक एसोसिएट को निजी संदेश में कहा था- ''मैं ये सोचता हूं कि ट्रंप सनकी *** हैं या वो अमेरिका के हिटलर हैं.''

मगर इन बयानों के कुछ साल बाद ही जेडी वेंस ट्रंप के सहयोगी बन गए हैं.

जेडी वेंस ओहायो से पहली बार सीनेटर बने. एक तरह से कहा जा सकता है कि 2028 के राष्ट्रपति चुनाव में जेडी वेंस रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार बनने वालों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं.

परंपरागत वोटिंग रिकॉर्ड और मिड वेस्टर्न जड़ों यानी उत्तरी मध्य क्षेत्र के चलते रिपब्लिकन पार्टी को उम्मीद है कि वोटिंग में समर्थन बढ़ेगा.

जेडी वेंस के बारे में कहा जा सकता है कि बदलाव उनकी आदत में शुमार है.

सवाल ये है कि आख़िर जेडी वेंस अमेरिकी राजनीति में इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुंचे?

जेम्स डेविड बोमैन यानी जेडी वेंस का जन्म ओहायो में हुआ. जेडी छोटे थे तभी उनके पिता घर छोड़कर चले गए थे.

जेडी को उनके दादा, दादी ने पाला. जेडी उनको मम्मा और पापा पुकारते थे.

2016 के अपने संस्मरण 'हिलबिली एलीगी' में जेडी वेंस ने अपने दादा, दादी के बारे में पूरी संवेदनशीलता के साथ लिखा था.

जेडी वेंस ओहायो के मिडिल टाउन से हैं. मगर वो अपने परिवार की जड़े पर्वती इलाके एपलाचिया की बताते हैं. ये अमेरिका के सबसे ग़रीब इलाक़ों में से एक है.

जेडी वेंस ने इस संस्मरण में अपने दोस्तों, परिवार के लिए बुरे फ़ैसलों के बारे में लिखा है. जेडी वेंस ने रूढ़िवादी रवैया भी अपनाया.

वेंस ने इन लोगों को सरकारी मदद पर आश्रित, खर्चीला और निठल्ला बताया था.

वेंस ने लिखा कि एपलाचिया के लोग ख़राब हालात में और बदतर तरीके से पेश आते या प्रतिक्रिया देते हैं. ये लोग ऐसी संस्कृति से आए लोग थे, जो किसी हालात से निपटने की बजाय उससे दूरी बढ़ाने पर ज़ोर देते.

किताब में वेंस ने लिखा- सच कड़वा होता है और पहाड़ी लोगों के लिए सबसे कठोर सत्य वो हैं, जो उन्हें ख़ुद से कहने चाहिए.

इस किताब ने वेंस को नए स्तर पर पहचान दिलवाई. ये किताब अब बेस्ट सेलर बन चुकी है.

किताब के आने से पहले जेडी वेंस मिडिल टाउन से बाहर निकल चुके थे.

पहले यूएस मरीन, फिर इराक में तैनाती. बाद में ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी और येल लॉ स्कूल.

बाद के दिनों में जेडी वेंस कैलिफॉर्निया में निवेशक की नौकरी करने लगे.

'हिलबिली एलीगी' किताब के कारण जेडी वेंस न सिर्फ़ सबसे ज़्यादा बिकने वाले लेखकों में शामिल हुए बल्कि वो टिप्पणीकार के तौर पर कार्यक्रमों में बुलाए जाने लगे.

जेडी वेंस से इन कार्यक्रमों में उम्मीद की जाती कि वो ट्रंप के वाइट और वर्किंग क्लास वोटर्स पर कही बातों पर टिप्पणी दें.

तब जेडी वेंस ट्रंप की आलोचना का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते.

अक्तूबर 2016 के एक इंटरव्यू में जेडी वेंस ने कहा था- मुझे लगता है कि इस चुनाव का नकारात्मक असर हो रहा है, ख़ासकर वाइट वर्किंग क्लास पर.

वेंस ने कहा था- ''हो ये रहा है कि लोगों को एक-दूसरे पर उंगली उठाने का बहाना मिल जा रहा है. कभी मैक्सिकन शरणार्थियों की तरफ़, कभी चीनी व्यापार और कभी किसी और तरफ़.''

साल 2017 में वेंस ओहायो लौट आए और एक कंपनी में काम करने लगे थे.

जेडी वेंस के राजनीति में आने की कानाफूसी लंबे समय से चली आ रही थी. मगर ये हक़ीक़त तब बनी जब ओहायो से रिपब्लिकन सीनेटर रॉब पोर्टमैन ने 2022 में दोबारा नहीं लड़ने का फ़ैसला किया.

शुरुआत में जेडी वेंस का प्रचार काफी सुस्त चल रहा था. मगर इसे तेज़ शुरुआत तब मिली जब जेडी वेंस के पूर्व बॉस ने एक करोड़ डॉलर से उनकी मदद की.

मगर जेडी वेंस की राह के रोड़े वो पुराने बयान थे, जो उन्होंने ट्रंप की आलोचना में कहे थे. ओहायो में रिपब्लिकन्स की काफ़ी संख्या है.

जेडी वेंस ने अपने पुराने बयानों के लिए माफ़ी मांगी और ट्रंप का समर्थन पाने में भी वो कामयाब रहे.

इस पूरी प्रक्रिया में वेंस 'अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे' की राजनीति में अहम भूमिका वाले खिलाड़ी बन गए. वो ट्रंप के एजेंडे को ही आगे बढ़ाने की कोशिश में दिखने लगे.

इसी की नतीजा है कि वो दुनिया के दूसरे सबसे ताक़तवर माने जाने वाले पद की रेस में शामिल हो गए हैं. (bbc.com/hindi)

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