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![कुलपति ने यूजीसी का आदेश मानने पर विप्र कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया रोकने की चेतावनी दी कुलपति ने यूजीसी का आदेश मानने पर विप्र कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया रोकने की चेतावनी दी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1721279737P_Vipra_College_Bilaspur.jpeg)
ऑटोनोमस दर्जे का नोटिफिकेशन नहीं कर रहा अटल यूनिवर्सिटी, कॉलेज प्रशासन ने भी कहा-निजी आदेश नहीं मानेंगे
बिलासपुर, 18 जुलाई। नैक से ए ग्रेडेशन पाने वाले प्रदेश के एकमात्र निजी कॉलेज को यूजीसी ने मापदंडों में खरा पाते हुए ऑटोनोमस कॉलेज का दर्जा दे दिया है पर अटल बिहारी विश्वविद्यालय ने इसके लिए आवश्यक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। अब कुलपति ने कॉलेज प्रबंधन को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि वह स्वायत्त महाविद्यालय के रूप में कार्य न कर पूर्व की तरह कार्य करे। स्वायत्त कॉलेज की तरह न समितियां गठित करें न सिलेबस तैयार करें, वरना छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाएगी।
ज्ञात हो कि इस सत्र से यूजीसी ने कॉलेज को स्वायत्तता प्रदान की है, जो 10 वर्ष के लिए है। यूजीसी का निर्देश का पालन तभी होगा जब अटल बिहारी विश्वविद्यालय की ओर से इस बारे में नोटिफिकेशन जारी होगा। मगर कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी ने यूजीसी को पत्र लिखकर ऑटोनॉमस दर्जे पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने अब तक नोटिफिकेशन को रोक रखा है। इसके कारण कॉलेज प्रबंधन और यहां प्रवेश के इच्छुक हजारों छात्रों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। अब कुलपति ने कॉलेज को पत्र लिखा है कि जब तक यूजीसी से उनके पत्र का जवाब नहीं आ जाता तब तक ऑटोनोमस कॉलेज की तरह कोई कार्य न करे।
कुलपति के इस पत्र पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने घोर आपत्ति दर्ज कराई है और इसे कुलपति का अड़ियल रवैया तथा धमकी बताया है। विश्वविद्यालय स्वायत्ता समिति के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि यूजीसी को पुनर्विचार के लिए पत्र लिखने का कोई प्रावधान नहीं है। यूजीसी ने स्वायत्तता दे दी है। इसके लिए यूजीसी ने कुलपति से कोई सलाह नहीं मांगी है, बल्कि आदेश जारी किया है, उसी के अनुरूप उसे कार्य करना है। कुलपति कॉलेज को चेतावनी दे रहे हैं लेकिन यूजीसी भी नोटिफिकेशन जारी नहीं करने के कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है। अधिसूचित करना एक प्रक्रिया है, जिसका पालन न करना यूजीसी और विश्वविद्यालय के बीच का मामला है। कॉलेज यूजीसी के निर्देश के अनुसार ही काम करेगा और वह कुलपति के विरोधाभासी, नियम विरुद्ध, अवैधानिक निजी आदेश को मानने में असमर्थ है।
केंद्रीय राज्य मंत्री व डिप्टी सीएम ने दिया आश्वासन
कॉलेज प्रबंधन लगातार इस व्यवधान को दूर करने की मांग पर जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विधायक धर्मजीत सिंह ठाकुर को ज्ञापन दिया है और प्रत्येक घटनाक्रम से अवगत कराया है। मंत्रियों ने आश्वासन दिया है कि वे राज्यपाल से इस संबंध में शीघ्र चर्चा करेंगे।