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फोटो - मोहला मानपुर मैप
संसदीय सचिव बनेंगे इंद्रशाह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य के आखिरी छोर में बसे मोहला-मानपुर विधानसभा को दशकभर बाद राजनीतिक अहमियत देते हुए ‘लालबत्ती’ से नवाजा है। प्रदेश सरकार ने पहली बार विधायक बने इंद्रशाह मंडावी को संसदीय सचिव नियुक्त कर बड़ी जवाबदारी दी है। पिछले कुछ दिनों से संसदीय सचिव नियुक्ति को लेकर सूबे में अटकलों का दौर चल रहा था। राजनांदगांव जिले से भी किसी को संसदीय सचिव बनाए जाने की चर्चा चल रही थी। सरकार के इस निर्णय से यह साफ हो गया कि संसदीय सचिव के लिए इंद्रशाह मंडावी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली पंसद रहे। जबकि दलेश्वर साहू का नाम कल देर शाम तक तय माना जा रहा था।
बताया जाता है कि अतिपिछड़े मोहला-मानपुर की राजनीतिक और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने इंद्रशाह को संसदीय सचिव के लिए उपयुक्त माना। करीब दस साल बाद वनांचल मोहला-मानपुर को लालबत्ती की सौगात मिली है। इससे पहले पूववर्ती भाजपा सरकार में अविभाजित अंबागढ़ चौकी विधानसभा के विधायक रहे संजीव शाह को यह ओहदा मिला था।
बताया जाता है कि मोहला-मानपुर को राज्य सरकार ने राजनीतिक महत्व देकर विकास की नई इबारत लिखने का इरादा जाहिर किया है। आदिवासी इलाका होने की वजह से भी सरकार ने मंडावी को मौका दिया है। विधानसभा के रूप में अस्तित्व में आने के बाद मोहला-मानपुर में भाजपा जीत का खाता खोलने के लिए तरस रही है। यानी कांग्रेस को मतदाताओं ने दिल खोलकर समर्थन दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की सिलसिलेवार जीत की वजह से भी सरकार ने लालबत्ती देकर आदिवासी इलाके को सम्मान दिया है। बताया जाता है कि सरकार के इस निर्णय से मोहला-मानपुर के पिछड़ा इलाका होने की छवि भी सुधरेगी।
सीएम की नजरों में खरा उतरने का प्रयास करूंगा-मंडावी
राजनांदगांव जिले से इकलौते संसदीय सचिव नियुक्त हुए विधायक मंडावी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें प्रदेश स्तर पर कार्य करने का मौका दिया है। संसदीय सचिव के गरिमा और मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप वह कार्य कर सभी के नजरों में खरा उतरने का प्रयास करेंगे। ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में श्री मंडावी ने कहा कि मोहला-मानपुर के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए नई कार्ययोजना के जरिए विकास करेंगे।