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By एशियाविल डेस्क
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जाने से पहले सभी नाविकों का कोरोना टेस्ट किया गया था और सब के सब निगेटिव आए थे. साथ ही उन्हें उशवाया शहर के एक होटल में 14 दिनों तक क्वारंटीन भी किया गया था.
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अब तक यही कहा जाता रहा है कि यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ही फैलता है. जबकि कुछ स्टडी में संक्रमितों द्वारा इस्तेमाल में ली गई चीजों को छूने से भी संक्रमित होने की बात सामने आई. लेकिन अब कोरोना वायरस के कई मामलों को सुलझाने में वैज्ञानिकों के भी पसीने छूट रहे हैं. एक नया रहस्यमय मामला अर्जेंटीना से सामने आया है जहां 35 दिनों से समुद्र में रह रहे 57 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जबकि समुद्र में जाने से पहले सभी लोगों की जांच की गई थी और सभी निगेटिव आए थे.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी लोग एक कंपनी के लिए काम करने वाले मछुआरे हैं. कुछ दिन पहले जब कुछ मछुआरों में लक्षण मिलने लगे तो जहाज को वापस बुलाया गया. अब अर्जेंटीना के स्वास्थ्य अधिकारी इस रहस्यमय मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
अर्जेंटीना के Tierra del Fuego के स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, जहाज पर रहने वाले 61 लोगों में से 57 पॉजिटिव निकले हैं. दो लोग निगेटिव आए हैं और दो के रिजल्ट आने बाकी हैं. संक्रमित मिले नाविकों में से दो ही हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहीं बाकी के नाविकों को अभ जहाज पर ही आइसोलेशन में रखा गया है.
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जाने से पहले सभी नाविकों का कोरोना टेस्ट किया गया था और सब के सब निगेटिव आए थे. साथ ही उन्हें उशवाया शहर के एक होटल में 14 दिनों तक क्वारंटीन भी किया गया था.
अर्जेंटीना की स्वास्थ्य अधिकारी अलेजैंद्रा अल्फारो ने कहा कि यह पता लगाना काफी मुश्किल भरा है कि ये लोग कैसे संक्रमित हुए जबकि 35 दिनों ये लोग किसी के संपर्क में नहीं आए. वहीं एक टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मछुआरों में लक्षण आने का क्रम क्या था ताकि संक्रमण के स्रोत का पता लगाया जा सके.
उशवाया रीजनल हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख लिंड्रो बल्लटोर ने कहा कि यह ऐसा मामला है जिस पर अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया गया है. इसके अलावा विशेषज्ञों ने भी इस संबंध में कोई चेतावनी या सलाह जारी नहीं की है.
अर्जेंटीना में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 1 लाख 6 हज़ार 910 मामले सामने आ चुके हैं और अबतक 1968 लोगों की मौत हो चुकी है.