अंतरराष्ट्रीय
नई दिल्ली, 16 जुलाई। पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को भारत के अनुरोध पर गुरुवार को कॉन्सुलर एक्सेस दिया गया. जाधव को दूसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस मिला है. इससे पहले पिछले साल सितंबर में भी उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस मिला था.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कॉन्सुलर रिलेशंस पर वियना कन्वेंशन के तहत भारत को ये मौक़ा दिया गया है. 25 दिसंबर 2017 को कुलभूषण जाधव की माँ और पत्नी को भी उनसे मिलने का मौक़ा मिला था.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है- इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को बिना किसी रुकावट और बिना किसी बाधा के स्थानीय समय के मुताबिक़ तीन बजे उनसे मिलवाया गया.
पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान में एक कार्रवाई के दौरान गिरफ़्तार किया गया था. पाकिस्तान ये भी कहता है कि पूछताछ के दौरान कुलभूषण जाधव ने पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार की है.
हालांकि भारत इन सबका खंडन करता है. भारत का कहना है कि वो एक पूर्व नौसेना अधिकारी और बिज़नेसमैन हैं. इसी महीने के शुरू में पाकिस्तान ने कहा था कि कुलभूषण जाधव ने अपनी फाँसी की सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करने से मना कर दिया है.
जाधव की रहम की अपील पाकिस्तान के राष्ट्रपति के सामने भी लंबित है. भारत ने जाधव के अपील दाख़िल न करने के पाकिस्तान के दावे को ख़ारिज करते हुए कहा था कि ये पाकिस्तान के उसी स्वांग का हिस्सा है 'जो खेल वो पिछले चार सालों से रचता रहा है'.
भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को मजबूर किया है कि वो पुनर्विचार याचिका नहीं दाख़िल करें. जाधव को 2017 में पाकिस्तान की एक फ़ौजी अदालत ने जासूसी और अन्य मामलों में मौत की सज़ा सुनाई थी.
भारत ने कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस से अपील की थी कि वो भारतीय नागरिक को रिहा करे. (BBC)