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![एक और संग्रहालय को मस्जिद बनाने का तुर्की का फैसला, ग्रीस ने निंदा की एक और संग्रहालय को मस्जिद बनाने का तुर्की का फैसला, ग्रीस ने निंदा की](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/1598075832onvert_another_museum_into_mosque.jpg)
एथेंस, 22 अगस्त (आईएएनएस)| तुर्की द्वारा चोरा संग्रहालय को मस्जिद में बदलने के निर्णय की आलोचना करते हुए ग्रीस ने इसे 'पूरी तरह से निंदनीय' करार दिया है। यह संग्रहालय 1,000 साल पुराना है और पहले यह बीजान्टिन ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को ग्रीस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिष्ठित हागिया सोफिया संग्रहालय को एक मस्जिद में परिवर्तित करने और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय आलोचना झेलने के बावजूद तुर्की अब 'अपने क्षेत्र के भीतर एक और यूनेस्को सांस्कृतिक विरासत स्मारक" का बेरहमी से अपमान कर रहा है।
बता दें कि इस्तांबुल में स्थित चोरा संग्रहालय को चौथी शताब्दी में एक मठ परिसर के हिस्से के रूप में बनाया गया था।
हुर्रियत डेली न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, चोरा का 1077-81 के दौरान बड़े पैमाने पुनरूद्धार किया गया था। 12 वीं शताब्दी में आए भूकंप में इसका आंशिक रूप से पतन होने के बाद फिर से इसे बनाया गया था।
यह प्रतिष्ठित स्थल एक मध्ययुगीन बीजान्टिन चर्च था जिसे 14 वीं शताब्दी के भित्तिचित्रों से सजाया गया था जो ईसाई दुनिया में बेहद कीमती माने जाते हैं।
ओटोमन साम्राज्य द्वारा इस्तांबुल पर 1453 की विजय के बाद यह कारी मस्जिद में परिवर्तित हो गया था। फिर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह कारी संग्रहालय बन गया। अमेरिकी कला इतिहासकारों के एक समूह ने तब मूल चर्च के मोजैक को बहाल करने में मदद की और 1958 में इसे सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए खोल दिया।
चोरा संग्रहालय को मस्जिद में बदलने का इस्तांबुल का निर्णय 5 वीं शताब्दी के हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में बदलने के ठीक एक महीने बाद आया है। यह भी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
इसके बाद ग्रीस समेत कई देशों ने इस निर्णय की निंदा की थी।
हागिया सोफिया में जुमे की पहली नमाज कई दशकों के बाद 24 जुलाई को आयोजित की गई थी।