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अमेरिका में टिक-टॉक ने 3 लाख 80 हज़ार नफरती वीडियो हटाए
22-Aug-2020 7:10 PM
अमेरिका में टिक-टॉक ने 3 लाख 80 हज़ार नफरती वीडियो हटाए

अमेरिका, 22 अगस्त। वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक ने हेट स्पीच नीति का उल्लंघन करने को लेकर कार्रवाई करते हुए 3,80,000 वीडियो डिलीट किए हैं. ऐप ने 64,000 टिप्पणियां और 1,300 अकाउंट हटा दिए हैं.

आपत्तिजनक सामग्री में नस्लीय उत्पीड़न, गुलामी और होलोकॉस्ट जैसी हिंसक त्रासदियां शामिल थीं जिसे टिक टॉक ने भड़काऊ भाषण वाली नीति का उल्लंघन मानते हुए अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है. सोशल मीडिया ऐप टिक टॉक ने अमेरिका में 3,80,000 वीडियो के साथ साथ 1,300 टिप्पणियां को भी प्रतिबंधित किया है. ऐप ने साथ ही कहा है कि उसने इसी उल्लंघन के तहत 64,000 कमेंट्स डिलीट कर दिए हैं. चीन की बाइटडांस के पास टिक टॉक का स्वामित्व है. पिछले दिनों भारत में टिक टॉक समेत कई चीनी ऐप्स को सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन कर दिया गया था.

टिक टॉक अमेरिका के सुरक्षा प्रमुख एरिक हान ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, "हमारा लक्ष्य टिक टॉक पर नफरत को खत्म करना है. यह संख्या भड़काऊ पोस्ट या नफरत से भरे व्यवहार को पकड़ने में सौ फीसदी सफलता दर को नहीं दर्शाती है लेकिन कार्रवाई के लिए हमारी प्रतिबद्धता का संकेत देती है." चीनी ऐप का कहना है कि उसने ऐसी सामग्री पर कार्रवाई की है जिसमें नस्लीय आधारित उत्पीड़न, "हिंसक त्रासदियों" जैसे कि होलोकॉस्ट और गुलामी प्रथा से इनकार किया गया था.

टिक टॉक पर लोग छोटे अवधि का वीडियो साझा करते हैं और यह अमेरिका में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है. हालांकि बीते कुछ हफ्तों में यह राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नजरों पर चढ़ा हुआ है. ट्रंप का कहना है कि यह अमेरका की "राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है." ऐप पर यह भी आरोप लगे कि वह यूजर डाटा चीनी सरकार को देता है लेकिन टिक टॉक इन आरोपों से इनकार करता आया है.

ट्रंप ने टिक टॉक के खिलाफ कार्यकारी आदेश जारी कर समयसीमा दे दी है और बाइटडांस को अमेरिका में कारोबारा बेचने के लिए कहा है. अमेरिकी तकनीकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने टिक टॉक को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है जिस पर ट्रंप ने भी स्वीकृति दे दी है. टेक कंपनी ओरेकल ने भी टिक टॉक खरीदने में दिलचस्पी जाहिर की है.

हाल ही में कंपनी ने एक बयान में कहा था, "टिक टॉक ने कभी अमेरिकी यूजर डाटा को चीनी सरकार को नहीं दिया है और ना ही मांगने पर वह ऐसा करेगी." चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप टिक टॉक पर अमेरिकी अधिकारियों की ट्रैकिंग और कॉरपोरेट जासूसी के भी आरोप लगा चुके हैं. चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर प्रतिबंध का आदेश भी अमेरिका जारी कर चुका है.(DW.COM)

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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