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कोरोना क्या को एक से ज़्यादा बार भी हो सकता है?
26-Aug-2020 4:56 PM
कोरोना क्या को एक से ज़्यादा बार भी हो सकता है?

CDC/Hannah A Bullock/Azaibi Tami : अमेरिका में कोरोनावायरस के पहले मामले में संक्रमण को दर्शाती माइक्रोस्कोपिक तस्वीर।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है किसी व्यक्ति के कोविड-19 से एक बार संक्रमित होने के बाद दोबारा भी उसके संक्रमण का शिकार होने की बहुत कम सम्भावना है। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की ये ताज़ा जानकारी उन ख़बरों के सन्दर्भ में आई है जिनमें कहा गया था कि हाँगकाँग में एक व्यक्ति को कोविड-19 का संक्रमण होने के चार महीने बाद फिर से संक्रमण हो गया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन चिन्ताओं का जवाब देने की कोशिश की जिनमें हाँगकाँग के इस ताज़ा घटनाक्रम के मद्देनजऱ किसी नई सावधानी या एलर्ट जारी होने की सम्भानाएँ व्यक्त की गईं। 

प्रवक्ता ने कहा, ध्यान देने की अहम बात ये है कि दोबारा संक्रमण होने की संख्या बहुत-बहुत ही कम है।

यानि संक्रमण के कुल लगभग दो करोड़ 30 लाख मामलों में से ये अकेला दस्तावेज़ी मामला है।

हो सकता है कि हम और ऐसे दस्तावेज़ी मामले देखेंगे। लेकिन दोबारा संक्रमण होने का कोई नियमित मामला नहीं लगता, अन्यथा ऐसे बहुत से मामले दर्ज किये गए होते।

इसके बावजूद डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि दोबारा संक्रमण होने की जो ख़बर सोमवार को मिली, वो महत्वपूर्ण है।

वायरस की फितरत में बदलाव

दोबारा संक्रमण के इस मामले की घोषणा करने वाले हाँगकाँग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार जिन वायरसों ने उस व्यक्ति को चार महीने के अन्तराल में संक्रमित किया, वो अलग-अलग कि़स्म के थे।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में महत्वपूर्ण बात ये है कि स्पष्ट विवरण व दस्तावेज सामने हैं।

हमारे सामने ऐसे बहुत से मामले हैं कि लोग पहले टैस्ट में संक्रमण से मुक्त पाए गए, और बाद में अक्सर संक्रमित पाए गए।

और यह मामला सामने आने तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि क्या परीक्षण में कोई समस्या थी या फिर लोग दूसरी बार परीक्षण होने पर संक्रमित पाए जा रहे थे।

डॉक्टर मार्गरेट हगैरिस ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रथामिकताओं में ये जानना शामिल है कि लोगों की रोग प्रतिरोधी क्षमता के मामले में इसका क्या मतलब है।

निगरानी प्रक्रिया जारी

प्रवक्ता ने बताया, इसीलिये हम अनेक शोध संगठनों के जरिये लोगों की स्वास्थ्य प्रकृति की निगरानी कर रहे हैं, जिनमें रोग प्रतिरोधी तत्व यानि एण्टीबॉडीज़ की समझ रखना भी शामिल है, ताकि ये समझा जा सके कि रोग प्रतिरोधी क्षमता कितने समय तक सटीक काम करती है, इसे प्राकृतिक रोग प्रतिरोधी क्षमता कहा जाता है।

ये समझना बहुत ज़रूरी है क्योंकि प्राकृतिक रोग प्रतिरोधी क्षमता किसी वैक्सीन द्वारा मुहैया कराए जाने वाले संरक्षण से अलग होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार, 25 अगस्त तक दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण के लगभग दो करोड़ 35 लाख मामले दर्ज किये थे, और 8 लाख 9 हजार लोगों की मौत हुई है।

क्षेत्र के हिसाब के अमेरिकी द्वीप सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए है जहाँ एक करोड़ 25 लाख लोग संक्रमित हुए हैं।

उसके बाद योरोप में लगभग 39 लाख 95 हज़ार, दक्षिण-पूर्वी एशिया में 36 लाख 66 हज़ार, पूर्वी भूमध्य सागरीय क्षेत्र में 18 लाख 40 हज़ार, अफ्रीका में 10 लाख और पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र में 4 लाख 60 हज़ार 991 मामले दर्ज किये गए हैं। (news.un)

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