अंतरराष्ट्रीय
अमेरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि रिपब्लिक पार्टी के वरिष्ठ नेता डोनाल्ड ट्रंप बिना सबूतों के चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगा कर लोकतंत्र का नुक़सान कर रहे हैं.
ओबामा ने सीबीएस न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में ये बात कही. यह इंटरव्यू रविवार को प्रसारित किया जाएगा. ओबामा ने कहा कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने 'साफ़ तौर' पर इस चुनाव में जीत हासिल की है.
बीते सप्ताह अमरीकी मीडिया ने चुनाव नतीज़ों की जानकारी दी थी. राष्ट्रपति ट्रंप ने बैलेट से छेड़छाड़ होने का दावा किया और इसे कानूनी चुनौती दी. हालांकि ट्रंप ने अब तक अपने दावे के पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं किए हैं.
बराक ओबामा के मुताबिक़ ट्रंप ने धोखाधड़ी का आरोप इसलिए लगाया है क्योंकि उन्हें "हारना पसंद नहीं है."
उन्होंने कहा, "मुझे यह बात परेशान कर रही है कि बाकी रिपब्लिकन अधिकारी सब जानते हुए भी ट्रंप का साथ दे रहे हैं. ऐसा करके वो न सिर्फ़ भावी बाइडन प्रशासन को अमान्य बता रहे हैं बल्कि लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं और ये एक डरावनी बात है."
बराक ओबामा ने अपने आने वाले नए संस्मरण 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' को लेकर न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू दिया है.
यह किताब उनके अमेरिकी सीनेटर से लेकर पहली बार राष्ट्रपति बनने तक के सफ़र पर आधारित है. उनके राजनीतिक करियर पर लिखी जाने वाली दो किताबों की सीरीज़ में से ये पहली किताब है जो 17 नवंबर को बाज़ार में उपलब्ध होगी.
सीएनएन के मुताबिक़ ओबामा ने अपने संस्मरण में लिखा है कि 'ट्रंप ने एक काले व्यक्ति के नेतृत्व को लेकर लोगों में डर बढ़ाया और इस तरह सत्ता में आए.'
ओबामा ने लिखा है, "करोड़ों अमेरिकियों को इस बात का डर था कि व्हाइट हाउस में एक काला व्यक्ति बैठा है और ट्रंप ने ऐसे नस्लीय भेदभाव करने वाले लोगों की चिंताओं को दूर करने का वादा किया."
लिंज़े ग्राहम, रिपब्लिकन नेता जिन्होंने जो बाइडन को ब्रिफ़िंग दिए जाने का समर्थन किया है.
अभी अमरीका में क्या हो रहा है?
गुरुवार को दो कांग्रेस डेमोक्रैट्स- हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शुमर ने रिपब्लिकन्स से अपील की कि वो इस 'वास्तविकता को स्वीकर कर लें' कि बाइडन चुनाव जीत चुके हैं.
हालाँकि कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने जो बाइडन को बधाई दी है और इस बात का भी समर्थन किया है कि उन्हें हर दिन होने वाली 'इंटेलिजेंस ब्रीफ़िंग' दी जानी चाहिए. यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो व्हाइट हाउस आने वाले हर नव-निर्वाचित राष्ट्रपति के लिए होती है.
हालाँकि ये संख्या काफ़ी कम है क्योंकि ज़्यादातर रिपब्लिकन नेता ट्रंप के साथ खड़े हैं और जो बाइडन की जीत मानने से इनकार कर रहे हैं.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा?
बीबीसी के आकलन के अनुसार, डेमोक्रैट नेता जो बाइजन एरिज़ोना भी जीत गये हैं. एरिज़ोना के 11 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं और वहाँ जीत के साथ ही जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच वोटों का अंतर और अधिक हो गया है.
जो बाइडन, जो बहुमत का आंकड़ा पहले ही हासिल कर चुके थे, एरिज़ोना जीतने के बाद उनके पास 290 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स हो गये हैं. वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 217 सीटें ही जीत सके हैं.
इसके अलावा, अमेरिका के संघीय चुनाव अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'चुनावी धांधली के आरोप' को ख़ारिज कर दिया है. अधिकारियों ने कहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव 'अमेरिका के इतिहास में सबसे सुरक्षित चुनाव' थे.
उन्होंने कहा है, "हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमें चुनाव की अखंडता और सुरक्षा पर पूरा भरोसा है और आप (देशवासियों) को भी होना चाहिए."
बाइडन क्या कर रहे हैं?
जो बाइडन ने रॉन क्लेन को व्हाइट हाउस के चीफ़ स्टाफ़ पद के लिए चुना है. क्लेन 1980 के दशक से बाइडन के मुख्य सहयोगी रहे हैं. वो सीनेटर से लेकर उप-राष्ट्रपति बनने तक बाइडन के साथ रहे हैं.
व्हाइट हाउस का चीफ़ स्टाफ़ राष्ट्रपति के हर दिन के शेड्यूल बनाने का काम करता है. साथ ही ये वो पद है जो राष्ट्रपति के लिए एक 'गेटकीपर' की तरह काम करता है. राष्ट्रपति तक जाने वाले हर चीज़ चीफ़ स्टाफ़ से होकर गुज़रती है.
बाइडन ने वैश्विक नेताओं को कॉल करना भी शुरू कर दिया है. दरअसल वो राष्ट्रपति पद ग्रहण करने की तैयारियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
गुरुवार को उन्होंने कैथलिक धर्म गुरु पोप फ़्रांसिस से बात की. पोप फ़्रांसिस ने बाइडन को बधाई और आर्शीवाद दिया. जॉन एफ कैनेडी के बाद बाइडन अमेरिका के दूसरे रोमन कैथलिक राष्ट्रपति होंगे.(bbc)