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यूरोप वाले क्यों डरते हैं शुक्रवार की 13 तारीख से
15-Nov-2020 9:16 AM
यूरोप वाले क्यों डरते हैं शुक्रवार की 13 तारीख से

अंधविश्वास के मामले में पश्चिमी देश भी पीछे नहीं. 'फ्राइडे द थरटींथ' यानी 13 तारीख वाले शुक्रवार को अपशगुन से जोड़ कर देखा जाता है.   

फिल्म ने सिखाया

1980 में आई हॉरर फिल्म 'फ्राइडे द थरटींथ' ने इस मिथक को फैलाने में सबसे अधिक योगदान दिया है. फिल्म इतनी हिट हुई कि इसके 12 सीक्वल और पर्दे पर आए. 13वां बना लेकिन उसका रिलीज एक शुक्रवार से अगले 13 तारीख वाले शुक्रवार तक टलता रहा और आखिरकार उसे रिलीज ना करने का फैसला लिया गया. तो क्या 13वीं फिल्म अशुभ थी?

ईसा मसीह की कहानी

19वीं सदी में यह मिथक फैला कि ईसा मसीह के खिलाफ षड्यंत्र करने वाला उनका अनुयायी जुडास अंतिम भोज के समय सबसे देर से पहुंचा और मेज पर बैठने वाला 13वां व्यक्ति था. साथ ही शुक्रवार को ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था. इन वजहों से भी 13 और शुक्रवार को बुरा माना जाता है.

दा विंची कोड

इस किताब में काल्पनिक बातें भी इतने विश्वसनीय रूप से लिखी गयी कि लोग सब इन पर यकीन करने लगे. किताब के अनुसार 13 अक्टूबर 1307, जो कि शुक्रवार था, को फ्रांस के राजा फिलिप चौथे ने 'ग्रैंड मास्टर ऑफ द नाइट्स टेम्पलर' को गिरफ्तार कराया था.

ब्रिटेन का योगदान

14वीं सदी में अंग्रेजी के मशहूर लेखक जेफ्री चौसर ने 'द कैंटरबरी टेल्स' नाम से कहानियों का संग्रह तैयार किया. इसमें उन्होंने शुक्रवार के अशुभ होने का जिक्र किया. 17वीं सदी तक हाल यह था कि अधिकतर लेखक शुक्रवार के दिन कोई भी नया प्रोजेक्ट लेने से मना कर देते थे. ब्रिटेन में शुक्रवार को ही लोगों को फांसी दी जाती थी.

इटली में भी

इतावली ओपेरा कंपोजर जियोआचीनो रोसिनी शुक्रवार को बुरा दिन और 13 को बुरी संख्या माना करते थे. यह संयोग ही है कि उनका निधन 13 नवंबर को हुआ, जो कि शुक्रवार था.

'दि थर्टीन क्लब'

सन 1880 के आसपास इस नाम का एक क्लब बना, जिसका मकसद यह दिखाना था कि खाने की मेज पर एक साथ तेरह लोगों के बैठने से कोई मरता नहीं है. यह 'दि लास्ट सपर' वाली कहानी से प्रेरित थे और उसे गलत साबित करने पर आमादा भी. आगे चलकर इस क्लब में थियोडोर रूजवेल्ट (फोटो में) समेत अमेरिका के पांच राष्ट्रपति भी मानद सदस्य के तौर पर शामिल हुए.

एक यह भी कहानी

1907 में थॉमस डब्ल्यू लॉसन ने 'फ्राइडे द थरटींथ' नाम से उपन्यास लिखा. यह एक ऐसे स्टॉक ब्रोकर की कहानी है जो इस दिन का फायदा उठा कर वॉल स्ट्रीट में हलचल मचा देता है. हैरत की बात है कि उसी साल ब्रिटेन में थॉमस डब्ल्यू लॉसन नाम का ही एक समुद्री जहाज नष्ट हुआ. तारीख थी 13 दिसंबर और दिन शुक्रवार.

13वां घंटा?

साल में 12 महीने होते हैं और दिन में 12 घंटे. लेकिन 13वें के बारे में कभी सुना है? जर्मन भाषा में एक कहावत है: अब आ गया 13वां घंटा. ऐसा तब कहा जाता है जब कुछ बहुत ही हैरान कर देने वाली बात हो जाए.

अपोलो 13

13 अप्रैल 1970 को अंतरिक्ष यान अपोलो 13 का ऑक्सीजन टैंक फटा. हालांकि इसके बावजूद यह धरती पर सुरक्षित लौटने में कामयाब रहा. कुछ लोगों का मानना है कि अपोलो 13 की किस्मत अच्छी थी क्योंकि उस दिन शुक्रवार ना हो कर सोमवार था.

किस्सा 13वीं मंजिल का

आज भी अमेरिका की ऊंची इमारतों में 13वां माला नहीं होता. या तो 12वें के बाद सीधे 14वां माला आ जाता है या फिर इसे "एम" कहा जाता है क्योंकि "एम" वर्णमाला में 13वां अक्षर होता है. 1975 में आई सुपरमैन फिल्म में तो दिखाया गया कि 13वें माले का इस्तेमाल दूसरे ग्रहों से आने वाले एलियन को ठहराने के लिए किया जाता है.

कंपोजर आर्नोल्ड शोएनबर्ग

प्रसिद्ध ऑस्ट्रियन-अमेरिकन कंपोजर शोएनबर्ग को 13 नंबर से बहुत ज्यादा डर था. एक ज्योतिषी के कहने पर उनको इसका विश्वास हो गया था कि उनकी जान 13 को जाएगी. चिंता और घबराहट के चलते सचमुच जुलाई 1951 में शुक्रवार 13 तारीख को उनका देहांत हो गया था.

यहूदी लेखक की नजर में

मध्य और पूर्वी यूरोप की यिद्दिश भाषा में लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक नाट्यकार शोलोम अलाइकेम ने टेवी ग्वाले का एक चरित्र रचा था. यह उनके म्यूजिकल नाटक "फिडलर ऑन द रूफ" का मुख्य किरदार था. लेखक की ही तरह यह किरदार भी संख्या 13 से बहुत डरता था. अपनी किताब में वह पेज नंबर 13 को 12ए लिखा करते. टीबी से बीमार लेखक की वाकई 13 मई, 1916 को जान चली गई.

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