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![पाकिस्तान में 'कारो कारी' के तहत महिला को मारने का था फरमान, पुलिस ने बचाई जान पाकिस्तान में 'कारो कारी' के तहत महिला को मारने का था फरमान, पुलिस ने बचाई जान](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/160553199672ea101f48e4e143ba237ede7b067ac.jpg)
मुजफ्फरगढ़, 16 नवंबर | पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुजफ्फरगढ़ इलाके में पुलिस ने एक अवैध 'जिरगा' के जरिए एक महिला और उसके बच्चे को मारने की कोशिश को नाकाम कर दिया, जिसमें इलाके के बुजुर्गो ने एक महिला को कुप्रसिद्ध 'कारो कारी' रिवाज के तहत मौत की सजा सुनाई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरगढ़ में एक अवैध जनजातीय जिरगा ने एक महिला को 'कारी' घोषित किया और उसके नवजात बच्चे के साथ उसे मारने का फैसला किया।
महिला के ताउनसा नामक प्रेमी को एक अन्य शहर में मार दिया गया है, जिसने पीड़िता और उसके छह दिन के बच्चे को बचने के लिए झंग की शरण लेने के लिए कहा था।
पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस से पुष्टि की है कि नूर शाह नाम के एक व्यक्ति को इसी मामले में जिरगा के तहत मौत की सजा सुनाई गई थी और उसे इस साल जून में मार दिया गया था। उसी जिरगा के इसी तरह के फैसले के तहत महिला और उसके नवजात बच्चे को मारने का फैसला किया गया था।
पुलिस ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 310-ए, 506-बी (आपराधिक धमकी के लिए सजा, अगर मौत या गंभीर चोट पहुंचाने के लिए खतरा हो आदि), 148 (दंगाई, घातक हथियार से लैस) और 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होना का हर सदस्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
प्राथमिकी के अनुसार, कम से कम छह नाम सामने आए हैं, जो कथित तौर पर अवैध जिरगा कार्य और इसके निर्णयों में शामिल थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "प्राथमिकी में नामित छह संदिग्धों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है और नौ बच्चों वाली महिला को सुरक्षा प्रदान की गई है।"
पुलिस ने कहा कि पीड़ित महिला जर्ना बीबी ने 18 साल पहले मकाम खान से शादी की थी और तब से इस दंपति के छह बेटे और तीन बेटियां हैं।
मकाम के भाई काला खान ने बाद में अपने भाई की पत्नी पर नूर शाह नाम के एक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाया, जो जून में जिरगा के फैसले के बाद मारा गया था।
--आईएएनएस