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![अमेरिका चुनावः बाइडेन की जीत पर लगी मुहर, अब ट्रंप क्या करेंगे अमेरिका चुनावः बाइडेन की जीत पर लगी मुहर, अब ट्रंप क्या करेंगे](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/1608003417creenshot_2020-12-15_at_8.25.09_AM.png)
अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत की औपचारिक पुष्टि कर दी गई है. देश के सभी 50 राज्यों के इलेक्टोरल कॉलेज ने उन्हें 306 मत मिलने की पुष्टि की है. चुनाव में जीत के लिए इलेक्टोरल कॉलेज के 270 मतों की ज़रूरत होती है.
जो बाइडन की जीत पहले ही साफ हो चुकी थी लेकिन राष्ट्रपति का पदभार संभालने के लिए ये सबसे अंतिम कदम था जो अब पूरा हो गया है.
इसके बाद अब बाइडन को 20 जनवरी को शपथ दिलवाई जानी है.
हालाँकि, इस बात की संभावना अब भी कम है कि डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार स्वीकार करेंगे.
नवंबर में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन को 306 और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले थे.
इलक्टोरल कॉलेज के नतीजे आने के बाद जो बाइडन ने ट्रंप के बिना किसी प्रमाण के चुनावी नतीजे पर सवाल उठाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश के साधारण लोगों ने दादागिरी के सामने झुकने से इनकार कर दिया.
बाइडन ने कहा,"इस देश में लोकतंत्र की लौ काफ़ी पहले ही जल चुकी थी, और हमें पता है कि ना कोई महामारी, ना ही किसी की शक्ति का दुरुपयोग इस लपट को कभी भी बुझा सकती है."
इलेक्टोरल कॉलेज
अमेरिकी चुनावों में मतदाता अपने वोट 'इलेक्टर्स' को देते हैं और चुने गए इलेक्टर्स कुछ हफ्तों बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं.
हालांकि, जो बाइडन को इलेक्टोरल कॉलेज में जीत मिलने के बाद भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नतीजों को स्वीकार नहीं किया था. उन्होंने पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था.
सामान्य तौर पर इलेक्टोरल कॉलेज में जीतने के बाद इलेक्टर्स के मतदान को ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता क्योंकि नतीजा पहले ही साफ होता है.
लेकिन, इस बार डोनाल्ड ट्रंप की आपत्तियों और इस चुनाव के नतीजों को कोर्ट में चुनौती देने के कारण इलेक्टर्स के मतदान पर भी सभी की नज़र थी.
डेमोक्रेट पार्टी का समर्थक माना जाना वाला कैलिफ़ोर्निया उन आखिरी राज्यों में से था जिन्हें मतदान करना था.
कैलिफ़ोर्निया के 55 इलेक्टर्स ने सोमवार को मतदान करने के बाद जो बाइडन को बहुमत के लिए ज़रूरी 270 वोटों से आगे पहुंचा दिया.
इलेक्टोरल कॉलेज के मतदान को देखते हुए मिशिगन और जॉर्जिया सहित कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. ये मतदान राज्यों की राजधानी और वॉशिंगटन में हुए थे.
कांटे की टक्कर वाले मिशिगन में जो बाइडन ने जीत हासिल की थी. यहां हिंसा की आशंका को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे.
फिर भी रिपब्लिकंस के एक समूह ने मतदान के दौरान अपना वोट देने के लिए ज़बरदस्ती इमारत में घुसने की कोशिश की लेकिन उन्हें वापस भेज दिया गया.
गवर्नर ग्रेचन विटमर ने कहा, ''लोगों ने कहा है कि ये एक सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव थे. अब नतीजों की पुष्टि हो चुकी है.''
कौन होते हैं इलेक्टर्स
हर राजनीतिक पार्टी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के अलावा चुनाव के दिन से महीनों पहले अपने इलेक्टर्स चुनती है या नामांकित करती है.
जो पार्टी राज्य के पॉपूलर वोट जीतती है वो ही उस राज्य के लिए इलेक्टर्स की नियुक्ति करती है.
इस बार के सबसे लोकप्रिय इलेक्टर्स में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन शामिल थे. उन्हें न्यूयॉर्क से चुना गया था.
इलेक्टोरल वोटों की संख्या राज्य की आबादी के आकार के हिसाब से तय होती है.
अमूमन इलेक्टर्स अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को वोट देते हैं लेकिन 2016 में ऐसा नहीं हुआ था और इसे रोकने के लिए राज्यों को बाद में कुछ नियमों में बदलाव किए.
विशेषज्ञों का कहना है कि अब जो बाइडन की जीत तय हो चुकी है उसे बदला नहीं जा सकता.
अब आगे क्या
मतदान के नतीजे वॉशिंगटन भेजे जाएंगे और 6 जनवरी को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में आधिकारिक तौर पर उनकी गिनती होगी.
इसकी अध्यक्षता उपराष्ट्रपति माइक पेंस करेंगे.
इसके बाद 20 जनवरी को जो बाइडन के राष्ट्रपति की शपथ लेने का रास्ता खुल जाएगा.
पिछले महीने राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अगर इलेक्टोरल कॉलेज में जो बाइडन अपनी जीत की पुष्टि कर देते हैं तो वो ऑफिस से हट जाएंगे.
डोनाल्ड ट्रंप क्या करेंगे
विश्लेषणएंथनी जर्चर उत्तरी अमेरिकी रिपोर्टर
इलेक्टोरल कॉलेज की बैठक में राष्ट्रपति का चुनाव एक ऐसी प्रक्रिया है जो अपनी ताकत और प्रासंगिकता पहले ही खो चुकी है.
लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों ने इस प्रक्रिया को भी महत्वपूर्ण बना दिया.
डोनाल्ड ट्रंप की क़ानून विशेषज्ञों की टीम को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को चुनौती देने में बहुत कम सफलता मिली थी. लेकिन, अब जो बाइडन की जीत की आधिकारिक पुष्टि ने सबकुछ साफ कर दिया है.
हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप की टीम हार मान लेगी. वो वोटों के एक वैक्लपिक सेट के साथ एक वैकल्पिक इलेक्टोरल कॉलेज की कार्यावाही कर रही है जो राष्ट्रपति को असली विजेता घोषित करेगा. वो निरर्थक क़ानूनी कार्रवाइयां जारी रखेंगे और कांग्रेस से चुनावी नतीजों को पलटने की मांग करेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों को जो बाइडन की जीत की सच्चाई से ज़्यादा ये वैकल्पिक सच्चाई पसंद आएगी जिसमें वो जो बाइडन को विजेता ना मानकर उन्हें चुनौती दे रहे हैं.
हालांकि, हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्स में डेमोक्रेट्स का बहुमत होने, जो बाइडन की जीत की आधिकारिक पुष्टि होने और उनके क़ानूनी तौर पर सही होने से असली दुनिया में डोनाल्ड ट्रंप की सफलता की संभावना शून्य है. (bbc)